Rahul Gandhi: राहुल गांधी के मन में क्या है, अमेठी और रायबरेली से उतरने में क्‍यों हिचक रहा गांधी परिवार?
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Rahul Gandhi: राहुल गांधी के मन में क्या है, अमेठी और रायबरेली से उतरने में क्‍यों हिचक रहा गांधी परिवार?

Amethi Raebareli Congress Candidate: क्या राहुल गांधी के मन में अमेठी से चुनाव लड़ने को लेकर कोई शंका है? भाजपा कह भी रही है कि राहुल गांधी में फिर से चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं है. ऐसे में यह समझना दिलचस्प है कि आखिर अब तक अमेठी और रायबरेली से कांग्रेस ने कैंडिडेट क्यों घोषित नहीं किया.

Rahul Gandhi: राहुल गांधी के मन में क्या है, अमेठी और रायबरेली से उतरने में क्‍यों हिचक रहा गांधी परिवार?

Lok Sabha Chunav: कई रिपोर्टों में दावा किया गया है कि राहुल गांधी अमेठी या रायबरेली किसी भी सीट से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं. वह दोनों सीटों पर परिवार के किसी भी सदस्य को उतारने के पक्ष में नहीं हैं. शायद यही वजह है कि नामांकन में आखिरी 24 घंटे बचे हैं और अब तक कांग्रेस उम्मीदवारों के नाम फाइनल नहीं कर सकी है. अमेठी से राहुल या रॉबर्ट वाड्रा की चर्चा है तो रायबरेली से प्रियंका गांधी की. हालांकि रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि राहुल नहीं चाहते कि गांधी परिवार के तीनों सदस्य इन सीटों से उतरें. खैर, अब 24 घंटे के भीतर यूपी की दोनों सीटों पर कैंडिडेट का नामांकन हो सकता है. नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 3 मई है. 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा है कि पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अमेठी और रायबरेली संसदीय सीटों पर उम्मीदवारों के नाम को अंतिम रूप देने के लिए अधिकृत किया है. अगले कुछ घंटों में कांग्रेस अध्यक्ष निर्णय लेंगे और घोषणा कर दी जाएगी. अमेठी और रायबरेली गांधी-नेहरू परिवार के पारंपरिक गढ़ माने जाते हैं क्योंकि इस परिवार के सदस्यों ने कई दशकों तक इन सीटों का प्रतिनिधित्व किया है. 

क्या डर रही कांग्रेस?

दोनों सीटों पर उम्मीदवार के नामों पर चर्चा के लिए बुधवार को एक बैठक भी हुई थी लेकिन कोई फैसला नहीं हुआ. कांग्रेस नेता जयराम रमेश से पूछा गया कि क्या राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को चुनाव मैदान में उतारने से कांग्रेस डर रही है? जयराम ने कहा, ‘कोई डर नहीं है और कोई देरी नहीं हो रही है. क्या भाजपा ने रायबरेली में अपने उम्मीदवार की घोषणा की है? चर्चा चल रही है और फैसला लेने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष को अधिकृत किया गया है.’ 

वैसे, राहुल गांधी पहले ही कह चुके हैं कि उन्हें अपनी पार्टी से जो भी आदेश मिलेगा, उसका वह पालन करेंगे. स्मृति ईरानी अमेठी से मौजूदा सांसद हैं. 

पढ़ें: सोनिया की सीट रायबरेली से BJP ने आखिर क्यों नहीं उतारा कैंडिडेट? शाह ने बताया प्लान

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व पहले ही केंद्रीय चुनाव समिति और पार्टी नेतृत्व से राहुल गांधी को अमेठी और प्रियंका गांधी को रायबरेली संसदीय सीट से चुनाव में उतारने का आग्रह कर चुका है. अमेठी सीट का प्रतिनिधित्व 2004 से राहुल गांधी ने किया और वह लगातार तीन बार यहां से संसद सदस्य चुने गए. वह 2019 में भाजपा की स्मृति ईरानी से चुनाव हार गए थे. राहुल गांधी इस समय केरल की वायनाड सीट से सांसद हैं. इस बार भी राहुल वायनाड से चुनाव मैदान में हैं. 

सात चरण के आम चुनाव के पांचवें चरण में 20 मई को अमेठी और रायबरेली में मतदान होगा. साल 2004 से 2024 तक रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व सोनिया गांधी ने किया. उससे पहले सोनिया गांधी ने राजनीति में प्रवेश करने के बाद अमेठी का प्रतिनिधित्व किया था और 1999 में पहली बार चुनाव लड़ा. 

अमेठी या पुणे जाएंगे राहुल?

जी हां, 3 मई को अमेठी से कैंडिडेट घोषणा का आखिरी दिन है. इस दिन तक अमेठी के कांग्रेस कैंडिडेट को अपना नामांकन पत्र दाखिल करना होगा. हालांकि अंदरखाने से पता चल रहा है कि राहुल गांधी अमेठी न जाकर पुणे में पार्टी की रैली में शामिल हो सकते हैं. एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष उन्हें (राहुल गांधी) मनाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उन्होंने अपना मन बना लिया है. 

किस बात से चिंता में हैं राहुल?

चिंता की सबसे बड़ी वजह यह है कि राहुल गांधी पिछले पांच साल अमेठी से दूर रहे हैं. उनका पूरा फोकस केरल की अपनी वायनाड सीट पर ही रहा. ऐसे में अगर वह अमेठी से दूसरी बार हारते हैं तो नॉर्थ इंडिया में कांग्रेस का जनाधार कमजोर होगा. खासतौर से ऐसे समय में जब कांग्रेस पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ INDIA गठबंधन की तरफ से राहुल गांधी को प्रोजेक्ट कर रही है, अमेठी से हार का आम जनमानस में गलत संदेश जाएगा. 

उधर, कांग्रेस कैंडिडेट घोषित नहीं होने से कार्यकर्ता काफी निराश और हताश हैं. स्थानीय पार्टी ऑफिस के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने धरना भी दिया था. नारे लगाए गए- अमेठी मांगे गांधी परिवार.

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