Akshay Kumar Marathi Film: झूमर में बल्ब कहां से लाए, टीजर में गलती के साथ छत्रपति शिवाजी महाराज के लुक में ट्रोल हुए अक्षय
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Akshay Kumar Marathi Film: झूमर में बल्ब कहां से लाए, टीजर में गलती के साथ छत्रपति शिवाजी महाराज के लुक में ट्रोल हुए अक्षय

Akshay Kumar Film Teaser: अक्षय कुमार के लिए इन दिनों जैसे कुछ भी ठीक नहीं चल रहा. उनकी फिल्में कतार से फ्लॉप हुई हैं और वह हर हाल में खुद को जमाए रखने का संघर्ष कर रहे है. आज उन्होंने अपनी डेब्यू मराठी फिल्म का टीजर सोशल मीडिया में शेयर किया और लोगों के निशाने पर आ गए.

 

Akshay Kumar Marathi Film: झूमर में बल्ब कहां से लाए, टीजर में गलती के साथ छत्रपति शिवाजी महाराज के लुक में ट्रोल हुए अक्षय

Akshay Kumar Film: बॉलीवुड में लगतार फ्लॉप फिल्मों के बीच अक्षय कुमार ने आज मराठी फिल्मों में अपना डेब्यू किया. निर्देशक महेश मांजरेकर की मल्टीस्टारर फिल्म वेडात मराठे वीर दौड़ले सात (Vedat Marathe Veer Daudle Saat) में उन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज का रोल मिला है. लेकिन जैसे ही सुबह अक्षय ने इस फिल्म में अपने लुक से जुड़ा टीजर डाला, सोशल मीडिया में वह ट्रोल होने लगे. ज्यादातर लोगों को वह छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे नजर नहीं आए और कई ने आशंका जाहिर की कि कहीं वह इस साल रिलीज होकर फ्लॉप हुई सम्राट पृथ्वीराज में अजमेर के हिंदू शासक पृथ्वीराज चौहान की भूमिका की तरह यहां नाकाम न हो जाएं. अक्षय ने अपने लुक का टीजर डाल कर बताया था कि उन्होंने मराठी फिल्म की शूटिंग शुरू कर दी है.

 
 
 
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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दिखाई दी इतनी बड़ी गलती
टीजर में बात सिर्फ अक्षय के लुक की नहीं है. एक सोशल मीडिया (Social Media) यूजर ने टीजर में बड़ी गलती की तरफ ध्यान दिलाया है. छत्रपति के रोल में सिंहासन से आगे बढ़े चले आते अक्षय के पीछे सिंहासन के ऊपर दो मशाल जलती नजर आती हैं. मगर जब अक्षय जब कैमरे के करीब पहुंचते हैं और कैमरा उनका कद ऊंचा दिखाने के नीचे से ऊपर बढ़ता है तो छत पर झूमर टंगा दिखता है. अजीब बात यह है कि इस झूमर में बल्ब लगे हुए हैं. ये जबकि उस दौर में बल्ब थे ही नहीं और घरों-महलों में मशालों, कंदीलों तथा दीपक का इस्तेमाल हुआ करता था. इस गलती की तरफ ध्यान दिलाने वाले यूजर ने लिखा है, झूमर में बल्ब कहां से आ गए. टीजर में झूमर में कई दर्जन जलते हुए बल्ब, होल्डर्स में लगे साफ नजर आते हैं.

200 साल बाद आए बल्ब
छत्रपति शिवाजी महाराज का युग 1630 से 1680 का था. जबकि बल्ब का आविष्कार उनके करीब दो सौ साल बाद 1880 के लगभग हुआ. ऐसे में टीजर में पकड़ी गई गलती को क्या मेकर्स फिल्म में सुधारेंगे, यह देखना होगा. या फिर फिल्म में यह कोई स्टेज ड्रामा है, जिसमें अक्षय मॉडर्न समय में नजर आ रहे हैंॽ इस बीच कई सोशल मीडिया यूजर्स ने अक्षय को संबोधित करते हुए लिखा है कि उनसे बेहतर की उम्मीद है और वह इस रोल को गंभीरता से, अच्छे से निभाएंगे. सम्राट पृथ्वीराज जैसा काम नहीं करेंगे. हालांकि कई ने अक्षय का टीजर देख कर निराशा प्रकट करते हुए अलग-अलग तरह की नकारात्मक टिप्पणियां की हैं. अनेक लोगों ने टीजर में सिरे से अक्षय को खारिज कर दिया है.

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