Mithun Chakraborty Film: मिथुन चक्रवर्ती का एक्टिंग करियर करीब 47 साल लंबा है. उन्होंने हिंदी फिल्मों में तमाम बड़े सितारों के बीच अपनी पहचान बनाई. उन्होंने वह ऊंचाई छुई, जहां एक वक्त उन्हें निर्माता-निर्देशकों के लिए गरीबों का अमिताभ बच्चन माना गया. उनकी लोकप्रियता बेमिसाल है.
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Mithun Chakraborty Career: मिथुन चक्रवर्ती हमेशा ही फिल्मों में करियर बनाना चाहते थे. यही वजह थी कि उन्होंने बाकायादा फिल्म संस्थान में एक्टिंग सीखी. कोलकाता में पढ़ाई पूरी करने के बाद वह पुणे के फिल्म इंस्टीट्यूट में चले आए थे. सिनेमा की दुनिया में मिथुन विख्यात निर्देशक मृणाल सेन की खोज थे. एक समय जब मृणाल सेन इस इंस्टीट्यूट में छात्रों के डिप्लोमा समारोह में पहुंचे थे. वहां तमाम छात्रों के बीच उन्होंने देखा कि एक लड़का बेशर्मी से सभी सुंदर लड़कियों के साथ छेड़खानी कर रहा है. जिस बात ने सेन को प्रभावित कि,या वह यह थी कि कई मशहूर हस्तियों की उपस्थिति के बावजूद, इस लड़के ने किसी परवाह नहीं की और वह अपने में मस्त था.
चिट्ठी आई है
सेन का मानना था कि एक अच्छे एक्टर को हमेशा स्वच्छंद और अपने आस-पास के माहौल से बेफिक्र होना चाहिए. उस दिन उसने जिस लड़के को देखा, वह मिथुन चक्रवर्ती था. दो साल बाद जब मृणाल सेन ने फिल्म मृगया बनाने का फैसला किया, तो उन्होंने उस लंबे, सांवले कसे हुए बदन वाले लड़के के बारे में सोचा जिसे उन्होंने पुणे के संस्थान में देखा था. उन्हें फिल्म के लिए वैसे ही अच्छे शरीर वाले मजबूत युवक की जरूरत थी. सेन ने फिर पुणे संस्थान के प्रमुख के नाम एक लंबा पत्र लिखा और अपने कैमरामैन महाजन को उस युवा लड़के को खोजने के लिए भेजा, जिसे उन्होंने 2 साल पहले देखा था. कैमरामैन ने वहां से मिथुन का पता लिया.
बेस्ट एक्टर का अवार्ड
आखिरकार तीन दिन बाद मिथुन मुंबई से कोलकाता मृणाल सेन से मिलने आए. मिथुन पुणे में प्रशिक्षण खत्म करके मुंबई में रह रहे थे. मृणाल सेन को देखकर मिथुन ने कहा कि वह हेलन के साथ कई शो में डांस कर रहे हैं. वह कितनी बड़ी डांसर हैं, जब जानते हैं और इससे उनका जीवन अच्छा चल रहा है. वह मुंबई में फिल्में करना चाहते हैं. वगैरह-वगैरह. मृगया एक आर्ट फिल्म थी और मिथुन बहाने बना रहे थे. अंततः मिथुन की बातें सुनकर मृणाल थक गए और उन्हें चेतावनी दी कि अगर उन्होंने एक और बार ये बातें की तो वह उन्हें अपनी फिल्म से बाहर कर देंगे. सेन ने मिथुन को समझाया कि उन्हें मृगया की भूमिका के लिए अपने लंबे बाल काटने होंगे. इससे मिथुन परेशान हो गए क्योंकि उन्हें अपने लंबे बालों से प्यार था. आखिरकार ना-नुकुर के बाद मिथुन ने आखिरकार हार मान ली और फिल्म साइन कर ली. इस पहली ही फिल्म ने उन्हें बेस्ट एक्टर नेशनल अवार्ड दिलाया और यहां से उनका लंबा एक्टिंग करियर शुरू हुआ.
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