Rang de Basanti: हर फिल्मकार की कोशिश होती है कि वह कुछ ऐसा दिखाए, जिससे दर्शक चौंक जाएं. शहीद भगत सिंह पर तमाम किताबें आई हैं और कई फिल्में बनी हैं. रंग दे बसंती में सिद्धार्थ ने भगत सिंह का रोल खूबसूरती से निभाया था. फिल्म से एडिट हुई एक क्लिप अब सोशल मीडिया में आई है...
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Rang de Basanti Bhagat Singh: देश की स्वतंत्रता के लिए फांसी के फंदे को चूम लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों में भगत सिंह और उनके साथियों ने हमेशा युवाओं के लिए प्रेरणा तथा आदर्श का काम किया है. भगत सिंह और उनके दो साथियों सुखदेव तथा राजगुरु के साथ 23 मार्च, 1931 को अंग्रेजों ने फांसी पर लटका दिया था. यूं तो भगत सिंह और उनके साथियों पर बॉलीवुड ने कई फिल्में बनाई हैं. मगर निर्देशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा की रंग दे बसंती को नई पीढ़ी ने अपने सबसे नजदीक देखा है. इसी फिल्म का एक एडिट हुआ सीन अब सोशल मीडिया में आया, जो सुर्खियां बटोर रहा है.
कुछ अलग कोशिश
शहीद भगत सिंह पर इस फिल्म से पहले शहीद-ए-आजाद भगत सिंह, शहीद भगत सिंह, शहीद, रंग दे बसंती से लेकर द लीजेंड ऑफ भगत सिंह जैसी फिल्म बन चुकी थीं. तमाम फिल्मों में शहीद की कहानी होने के बावजूद कुछ अलग दिखाने की कोशिश जरूर मिलती है. कोईमोई पार्टल ने रंग दे बसंती के एक वीडियो के आधार पर लिखा है कि क्या आप जानते हैं, भगत सिंह को फिल्मों का बेहद शौक था? खबरों की मानें तो भगत सिंह को चार्ली चैपलिन की फिल्मों का खास शौक था और वह भूखे रहकर भी फिल्में देखा करते थे. फिल्म रंग दे बसंती के हटाए गए एक सीन में भी इसका सटीक चित्रण किया गया था. हालांकि फाइनल एडिट में इस सीन को हटा दिया गया. अब सोशल मीडिया में आए इस क्लिप में सिद्धार्थ द्वारा अभिनीत भगत सिंह को अपने दोस्तों के साथ एक फूड स्टॉल के पास खड़ा दिखाया गया है.
खाना की जगह सिनेमा
सीन में जब भगत सिंह से उनके दोस्त खाने की कुछ चीज खरीदने के लिए पैसे मांगते हैं, तो वह कहते हैं कि क्या वे खाना लेने के बजाय फिल्म देख सकते हैंॽ इस पर चंद्रशेखर आजाद बने आमिर खान सहित बाकी दोस्त आश्चर्यचकित रह जाते हैं. जबकि भगत सिंह को फिल्म देखने के लिए थिएटर की ओर भागते दिखाया गया है. इस क्लिप में आप यह देख सकते हैं. उल्लेखनीय है कि इससे पहले जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर चमन लाल ने भी एक मीडिया इंटरव्यू में ऐसे ही तथ्यों का खुलासा किया था. उन्होंने बताया कि भगत सिंह के करीबी दोस्तों में से एक जयदेव गुप्ता ने भी फिल्मों के प्रति इस शहीद की दीवानगी पर बातें उनसे कही थी.