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हमारी आकाशगंगा बचपन में कैसी रही होगी? NASA के James Webb Space Telescope ने ब्रह्मांड में 13.2 अरब साल पीछे जाकर दिखाया

James Webb Telescope Images: जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) ने ब्रह्मांड में बेहद दूर तक झांककर देखा है. उसे एक ऐसी नवजात आकाशगंगा का पता चला जो आगे चलकर हमारी Milky Way आकाशगंगा जैसी बन सकती है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, बिग बैंग के महज 600 मिलियन साल बाद देखी गई यह आकाशगंगा हमें अपनी गैलेक्सी के बचपन की झलक दिखाती है. मिल्की वे भी अपने बचपन में कुछ ऐसी ही नजर आती रही होगी.

13.2 अरब साल दूर, फिर इतनी चमकीली कैसे?

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13.2 अरब साल दूर, फिर इतनी चमकीली कैसे?

JWST द्वारा खोजी गई इस प्राचीन आकाशगंगा में बड़ी तेजी तारों का निर्माण हो रहा है. वैज्ञानिकों ने इसे Firefly Sparkle (जुगनू की चमक) नाम दिया है. इसकी रोशनी को हम तक पहुंचने में 13.2 बिलियन साल लगे हैं, फिर भी आप इसकी चमक को इसलिए देख पा रहे हैं क्योंकि जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) अब तक का सबसे शक्तिशाली टेलीस्कोप है. इस फोटो के पीछे गुरुत्वाकर्षण का भी एक खेल है जो स्पेस-टाइम को मोड़कर मैग्निफाइंग ग्लास जैसा बना देती है. (फोटो: NASA, ESA, CSA, STScI, C. Willott/NRC-Canada, L. Mowla/Wellesley College, K. Iyer/Columbia)

जेम्स वेब टेलीस्कोप ने दिखाया गजब का व्यू

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जेम्स वेब टेलीस्कोप ने दिखाया गजब का व्यू

ऊपर के फोटो में बाईं ओर JWST की फोटो है और दाईं ओर NASA के JPL-Caltech आर्टिस्ट द्वारा बनाया गया फोटो. JWST ने Firefly Sparkle का जो फोटो लिया है, वह इतना डीटेल में है कि वैज्ञानिक 10 अलग-अलग स्टार क्लस्टर्स को पहचानने में सफल रहे. उन्होंने ब्रह्मांडीय अंधकार में बड़ी हो रही इस आकाशगंगा के द्रव्यमान का भी पता लगा लिया.

अपनी Milky Way जैसी है यह गैलेक्सी

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अपनी Milky Way जैसी है यह गैलेक्सी

वेब स्पेस टेलीस्कोप की ऑफिशियल रिलीज में, एस्ट्रोफिजिसिस्ट लामिया मोवला ने कहा, 'मैंने नहीं सोचा था कि ब्रह्मांड में इतनी प्रारंभिक अवस्था में मौजूद एक आकाशगंगा को इतने सारे अलग-अलग घटकों में विभाजित करना संभव होगा, यह पता लगाना तो दूर की बात है कि इसका द्रव्यमान हमारी आकाशगंगा (Milky Way, फोटो में) के द्रव्यमान के समान है जब वह बनने की प्रक्रिया में थी.'

ब्रह्मांडीय भोर में छिपे हैं तमाम रहस्य

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ब्रह्मांडीय भोर में छिपे हैं तमाम रहस्य

ब्रह्मांड के पहले एक अरब साल के समय को 'ब्रह्मांडीय भोर' कहा जाता है. यह वह दौर था जब ब्रह्मांड का समस्त पदार्थ एक साथ आया और कणों का कुहासा बना, फिर उनसे तारे बने और फिर आकाशगंगाएं और वह सब कुछ जो आज हम अपने चारों ओर आकाश में देखते हैं. लेकिन ब्रह्मांडीय भोर में झांक पाना बेहद मुश्किल है. यह पृथ्‍वी से इतना दूर है कि हमारे सबसे शक्तिशाली टेलीस्कोप भी वहां का धुंधला प्रकाश ही देख पाते हैं. (Photo : ESA/Hubble)

JWST ने कैसे देखी यह आकाशगंगा?

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JWST ने कैसे देखी यह आकाशगंगा?

JWST ब्रह्मांड में 13.2 अरब साल पीछे जाकर इस आकाशगंगा को देख पाया तो उसकी वजह है- ग्रेविटेशनल लेंसिंग. कोई विशालकाय पिंड अपने आस-पास स्पेस और टाइम के ताने-बाने को मोड़ देता है. फिर उससे गुजरने वाला प्रकाश एक कर्वेचर को फॉलो करता है और जब यह दूसरी तरफ निकलता है तो अक्सर धुंधला, विकृत और कई तस्वीरों में दोहराया हुआ होता है. लेकिन सबसे बड़ी बात कि यह मैग्नीफाइड होता है. एस्ट्रोनॉमर्स सभी तरह के गड़बड़ प्रकाश को सीधा करके उस स्रोत की वास्तविक प्रकृति को देख सकते हैं जहां से यह प्रकाश आया है.

Firefly Sparkle के साथ भी ऐसा ही है. यह हमारी नजर के साथ एक फोरग्राउंड में मौजूद एक बड़े गैलेक्सी समूह के पीछे स्थित है, जिसका प्रकाश हम तक पहुंचने के लिए 5.3 बिलियन वर्षों की यात्रा कर चुका है. इस क्लस्टर को लेंसिंग सोर्स के रूप में जाना जाता है. JWST ने इसी गैलेक्सी से आते प्रकाश का एनालिसिस कर Firefly Sparkle का पता लगाया.

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