Padosan: मेरे सामने वाली खिड़की में एक चांद का टुकड़ा रहता है... फिल्म पड़ोसन का यह गाना आज भी पुराना नहीं पड़ा. हर गली-मोहल्ले में हर दिन कोई न कोई, कहीं न कहीं गुनगुनाता है. हिंदी की सर्वश्रेष्ठ कॉमेडी फिल्मों में शुमार पड़ोसन को इसके कंटेंट, म्यूजिक और सितारों के परफॉरमेंस के लिए याद किया जाता हैं. मगर इसका डायरेक्टर कौन थाॽ जानिए...
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Kishore Kumar Film: हिंदी की शानदार कॉमेडी फिल्मों की लिस्ट सुनील दत्त, किशोर कुमार, महमूद और सायरा बानू स्टारर पड़ोसन के बगैर पूरी नहीं हो सकती. 1968 में आई इस फिल्म का रीमेक साल 2003 में नई पड़ोसन नाम से बना था, मगर उसे लोग भूल गए. पड़ोसन क्लासिक बंगाली फिल्म पाशेर बारी से प्रेरित थी. बतौर निर्माता यह महमूद की पहली फिल्म थी. फिल्म में लीड रोल के लिए उन्होंने गुरु दत्त को साइन किया था, मगर शूटिंग शुरू होने से पहले ही गरु इस दुनिया से विदा हो गए. इसके बाद महमूद ने सुनील दत्त को तैयार किया. महमूद झिझक रहे थे कि सुनील दत्त इस रोल के लिए तैयार होंगे या नहीं क्योंकि पूरी फिल्म में उन्हें मंदबुद्धि आशिक दिखना था. परंतु स्क्रिप्ट सुनकर सुनील दत्त राजी हो गए. रोचक तथ्य यह है कि इस फिल्म के बाद सुनील दत्त की फैन फॉलोइंग गिर गई थी. फैन्स अपने हीरो को मंदबुद्धि आशिक के रूप में देख कर उससे नाराज हो गए.
कैंची किशोर कुमार के सीन पर
फिल्म में भले ही सुनील दत्त और महमूद का अहम रोल था, मगर साइड रोल में होते हुए भी किशोर कुमार महफिल को लूट ले गए. फिल्म पूरी होने के बाद महमूद ने जब ट्रायल देखा तो उन्हें एहसास हो गया कि किशोर कुमार छा जाएंगे. इसलिए उन्होंने फिल्म में से किशोर कुमार के कुछ सीन काट दिए. परंतु इसका कोई असर नहीं हुआ और दर्शकों ने अंततः किशोर कुमार को ही सबसे ज्यादा याद रखा. पड़ोसन की कहानी गांव से आए भोला (सुनील दत्त) की है, जो अपनी खूबसूरत पड़ोसन बिंदू (सायरा बानू) पर लट्टू हो जाता है. बिंदू को संगीत सिखाने वाला टीचर मास्टर पिल्लई (महमूद) भी इंप्रेस करना चाहता है. तब बिंदू को रिझाने के लिए भोला अपने रंगमंच के दोस्तों की मदद लेता है, जिसमें विद्यापति (किशोर कुमार) सबका लीडर है.
मेरे सामने वाली खिड़की में...
फिल्म को जबर्दस्त कामयाबी मिली और इसे आज भी देखा जाता है. फिल्म में ओम प्रकाश, आगा, मुकरी, सुंदर और केश्टो मुखर्जी जैसे कॉमेडियन थे. फिल्म में ऐसा कोई पल नहीं गुजरता, जब देखने वाले के होठों पर मुस्कान न रहे. फिल्म में कॉमेडी के साथ म्यूजिक का जबर्दस्त डोज है. मेरे सामने वाली खिड़की में... और एक चतुरनार बड़ी होशियार... जैसे गानों का आज भी मुकाबला नहीं. फिल्म की सफलता ने इस ऑल टाइम हिट बनाया. इसमें एक्टरों का परफॉरमेंस इतना जबर्दस्त जबर्दस्त है कि लोगों का ध्यान डायरेक्टर के नाम पर नहीं जाता. मगर उन्हें याद करना जरूरी है. फिल्म का निर्देशन किया था, ज्योति स्वरूप ने. ज्योति स्वरूप ने आठ फिल्में डायरेक्ट की, परंतु पड़ोसन जैसी सफलता उन्हें किसी अन्य फिल्म में नहीं मिली. पड़ोसन कुछ समय पहले तक यूट्यूब पर फ्री उपलब्ध थी. मगर अब आप इसे अमेजन प्राइम वीडियो और एप्पल टीवी पर देख सकते हैं.
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