सास के अंतिम संस्कार से लौटे मलिंगा, इंग्लैंड को हराया; दिला दी सचिन तेंदुलकर की याद
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सास के अंतिम संस्कार से लौटे मलिंगा, इंग्लैंड को हराया; दिला दी सचिन तेंदुलकर की याद

मलिंगा ने इससे पहले आईपीएल के फाइनल में मुंबई इंडियंस को चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ शानदार खिताबी जीत दिलाई थी.

ऑस्ट्रेलिया के साथ हुए मैच के बाद मलिंगा को कुछ दिनों के लिए स्वदेश लौटना पड़ा था. (फोटो: PTI)

नई दिल्ली: कोई भी खिलाड़ी लेजेंड तब बनता है, जब वह मैदान के अंदर और बाहर अपने प्रदर्शन और व्यवहार से दूसरों के लिए उदाहरण पेश करता है. श्रीलंका के तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा (Lasith Malinga) सही अर्थों में एक लेजेंड हैं क्योंकि बीते डेढ़ दशक से यह खिलाड़ी जिस भी टीम के लिए खेला है, उसके खिलाड़ियों के लिए मैदान के अंदर और मैदान के बाहर उदाहरण बनकर सामने आया है.

इंग्लैंड के खिलाफ 40 रन देकर चार विकेट लेने वाले मलिंगा ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह बड़े मैच या फिर अहम क्षण के खिलाड़ी हैं. मलिंगा ने 232 रनों के स्कोर की रक्षा कर रही श्रीलंकाई टीम के लिए अहम मुकाम पर जेम्स विंस (14), जॉनी बेयर्सटो (0), जोए रूट (57) और जोस बटलर (10) के विकेट लेकर यह साबित कर दिया कि आज भी उनमें अपनी टीम को जीत दिलाने की क्षमता है.

श्रीलंका लौटना पड़ा था
मलिंगा के लिए हालांकि यह सब कर पाना इतना आसान नहीं था. ऑस्ट्रेलिया के साथ हुए मैच के बाद मलिंगा को कुछ दिनों के लिए स्वदेश लौटना पड़ा था. कारण यह था कि उनकी सास का इंतकाल हो गया था. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी टीम मैच हार गई थी और वह 61 रन देकर एक विकेट ले सके थे. मलिंगा किसी भी हाल में इंग्लैंड के खिलाफ खेलना चाहते थे क्योंकि उन्हें पता था कि यह मैच उनकी टीम के लिए काफी अहम है. सास के अंतिम संस्कार के बाद मलिंगा लौटे और टीम के साथ जुड़े. इस दौरान वह शारीरिक और मानसिक तौर पर मजबूत बने रहे.

दिलाई सचिन की याद
मलिंगा जैसे अनुभव से सचिन तेंदुलकर भी गुजर चुके हैं. भारतीय टीम के स्टार खिलाड़ी जब 1999 में इंग्लैंड में ही  वर्ल्ड कप खेल रहे थे तब उनके पिता का मुंबई में निधन हो गया था. सचिन इसके बाद मुंबई वापस आए थे. पिता के अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया था. इसके बाद इंग्लैंड लौटकर विश्व कप में केन्या के खिलाफ शतक बनाकर भारत को जीत दिलाई. सचिन उस मुकाबले में मैन ऑफ द मैच चुने गए थे. और अब मौजूदा वर्ल्ड कप टूर्नामेंट के इस मैच में मलिंगा भी मैन ऑफ द मैच चुके गए.  

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एक उदाहरण पेश किया
मलिंगा ने ऐसा करते हुए अपने साथियों के लिए एक उदाहरण पेश किया. खुद श्रीलंकाई कप्तान दिमुथ करुणारत्ने ने यह स्वीकार किया है. करुणारत्ने ने मैच के बाद कहा, "मलिंगा के लिए यह सब कर पाना आसान नहीं था. भावनात्मक नुकसान के बाद वह जिस तरह इंग्लैंड लौटे और टीम के साथ जुड़े और फिर मैच जिताने वाला प्रदर्शन किया, वह उनके जैसा लेजेंड ही कर सकता था. वह सही मायने में लेजेंड हैं क्योंकि उन्होंने हमारी टीम के तमाम युवाओं को लगातार प्रेरित किया है."

आसान नहीं था
करुणारत्ने ने कहा कि इंग्लैंड पर मिली 20 रनों की जीत ने उनकी टीम को विश्व कप में वापस ला दिया है और इसका पूरा श्रेय मलिंगा को जाता है. करुणारत्ने ने कहा, "वह जानते थे कि उनके लिए घर जाना, वापस आना और फिर टीम के लिए योगदान देना आसान नहीं होगा लेकिन उन्होंने ऐसा किया. वह जिस चीज के लिए जाने जाते हैं, उसमें वह श्रेष्ठ हैं. वह लगातार दूसरों को प्रेरित करते रहे कि हम यह मैच जीत सकते हैं और अंतत: चार अहम विकेट लेकर उन्होंने इसे सच साबित किया."

जीत के हीरो रहे
इंग्लैंड के खिलाफ आईसीसी विश्व कप-2019 में अपनी टीम की शानदार जीत के हीरो रहे मलिंगा ने इससे पहले इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के फाइनल में मुम्बई इंडियंस को चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ शानदार खिताबी जीत दिलाई थी. मलिंगा द्वारा फेंका गया अंतिम ओवर भला कौन भूल सकता है. मुम्बई वह मैच लगभग हार चुकी थी लेकिन मलिंगा ने अपने अनुभव का इस्तेमाल करते हुए उसे न सिर्फ मैच में वापसी कराई बल्कि जीत तक पहुंचाया.

कीर्तिमान भी बनाया
बीते 15 साल से श्रीलंका के लिए खेल रहे मलिंगा ने इंग्लैंड के खिलाफ चार विकेट लेकर एक कीर्तिमान भी अपने नाम किया. वह विश्व कप में 50 या उससे अधिक विकेट लेने वाले चौथे गेंदबाज बन गए हैं. मलिंगा इस मुकाम पर पहुंचने वाले मुथैया मुरलीधरन (68 विकेट) के बाद दूसरे श्रीलंकाई हैं. मलिंगा और मुरली के अलावा आस्ट्रेलिया के ग्लेन मैक्ग्राथ (77) और पाकिस्तन के वसीम अकरम (55) ने विश्व कप में विकेटों का अर्धशतक लगाया है.

मलिंगा की एक अलग क्लास
आधुनिक क्रिकेट में मलिंगा का अपना एक अलग क्लास है. एक 20 साल का लड़का छोटे से शहर से आकर श्रीलंका के लिए खेलने लगता है और पूरे करियर के दौरान अपने बेसिक्स से कभी समझौता नहीं करता और फिर एक दिन महान तेज गेंदबाजों की सूची में शामिल हो जाता है. मलिंगा ने अपने कंधे या कलाई की ताकत बढ़ाने के लिए कभी जिमिंग पर भरोसा नहीं किया बल्कि समुद्र में तैरते रहे और समुद्रतट पर टेनिस बॉल से बॉलिंग करते रहे. बीते 15 साल से उनका एक्शन अगर दुनिया भर के बल्लेबाजों के लिए 'पहेली' बना रहा तो गुजरते समय के साथ वह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 500 से अधिक विकेट लेकर लेजेंड बन गए.

क्रिकेट के दूत हैं
मलिंगा सही अर्थो में क्रिकेट के दूत हैं. अपने करियर को लम्बा खींचने के लिए नौ साल पहले टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने वाले मलिंगा 10 साल से मुम्बई इंडियंस टीम का अभिन्न अंग हैं. इसके अलावा वह दुनिया भर के तमाम लीग्स में खेलते रहे हैं. वह आईपीएल के अलावा कैरेबियन प्रीमियर लीग, बिग बैश लीग, कनाडा ग्लोबल टी20 लीग, काउंटी क्रिकेट और बांग्लादेश प्रीमियर लीग में खेल चुके हैं और उनका यह सफर बेरोक-टोक जारी है.

'चैंपियन' करार दिया
आईपीएल के फाइनल में खिताबी जीत के बाद मुंबई इंडियंस टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने मलिंगा को 'चैंपियन' करार दिया था. रोहित ने कहा था, "मलिंगा ने वही किया, जो एक चैंपियन करता है. मुझे उन पर भरोसा रहा है और उन्हें भी खुद पर भरोसा था." ऐसा नहीं है कि रोहित या फिर करुणारत्ने का यह भरोसा एक या दो सालों में कायम हुआ है, यह मलिंगा की बीते डेढ़ दशक की मेहनत, लगन और समर्पण का नतीजा है, जो वक्त के साथ और गाढ़ा होता चला गया है.

(इनपुट-आईएएनएस से भी)

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