वर्ल्डकप फाइनल से जुड़ा एक रिकॉर्ड ऐसा है, जो दुनिया के सबसे महानतम ऑलराउंडर में से एक कपिल देव के नाम ही रहेगा. इसे अगले चार साल बाद भी कोई तोड़ पाएगा, इस बारे में भी संदेह है.
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नई दिल्ली: क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स के मैदान पर रविवार 14 जुलाई को क्रिकेट को नया लॉर्ड मिल जाएगा. फाइनल में इंग्लैंड और न्यूजीलैंड आमने सामने हैं. जो भी जीतेगा, उसका वर्ल्डकप का पहला ही खिताब होगा. लेकिन वर्ल्डकप फाइनल से जुड़ा एक रिकॉर्ड ऐसा है, जो दुनिया के सबसे महानतम ऑलराउंडर में से एक कपिल देव के नाम ही रहेगा. इसे अगले चार साल बाद भी कोई तोड़ पाएगा, इस बारे में भी संदेह है.
दरअसल कपिल देव ने 1983 में टीम इंडिया को वर्ल्डकप के फाइनल में पहुंचाया था और टीम को वर्ल्ड चैंपियन बनाया था. जिस समय 1983 में पहली बार टीम इंडिया फाइनल में पहुंची थी, उस समय टीम के कप्तान कपिल देव की उम्र 24 साल 170 दिन थी. इतनी कम उम्र में आज तक कोई भी कप्तान अपनी टीम को फाइनल में नहीं पहुंचा पाया है.
कपिल के बाद दूसरे नंबर पर आते हैं ऑस्ट्रेलिया टीम के कप्तान रिकी पोंटिंग. 2003 में जब कंगारू टीम फाइनल में पहुंची उस समय पोंटिंग की उम्र 28 साल 94 दिन थी. इसके बाद तीसरे नंबर पर हैं न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन. उनकी टीम खिताबी मुकाबले के फाइनल में है. इस समय विलियमसन की उम्र 28 वर्ष 340 दिन है.
टीम इंडिया को दूसरा खिताब दिलाने वाले महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में जब टीम इंडिया फाइनल में पहुंची थी. उस समय 2011 में उनकी उम्र 29 वर्ष 269 दिन थी. 2011 में वर्ल्डकप फाइनल खेलने वाली श्रीलंका टीम के कप्तान महेला जयवर्धने की उम्र 29 साल 336 दिन थी. अब अगला वर्ल्डकप 2023 में भारत में ही होगा. फिलहाल की टीमों को देखकर ये कहा जा सकता है कि अगले वर्ल्डकप में भी कपिल देव का रिकॉर्ड शायद ही टूट पाए.
वर्ल्डकप फाइनल खेलने वाले सबसे कम उम्र के कप्तान
खिलाड़ी वर्ष उम्र
कपिल देव 1983 24 साल 170 दिन
रिकी पोंटिंग 2003 28 साल 94 दिन
केन विलियमसन 2019 28 साल 340 दिन
एमएस धोनी 2011 29 साल 269 दिन
महेला जयवर्धने 2011 29 साल 336 दिन