रियल लाइफ ब्रेकिंग बैड! कैमिस्ट्री स्टूडेंट्स के साथ बनाया गिरोह और खड़ा कर दिया नशीली दवाओं का कारोबार; यूं फूटा भांडा
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रियल लाइफ ब्रेकिंग बैड! कैमिस्ट्री स्टूडेंट्स के साथ बनाया गिरोह और खड़ा कर दिया नशीली दवाओं का कारोबार; यूं फूटा भांडा

Breaking Bad Inspired Story: हैरत की बात ये है कि इस गैंग में शामिल लोगों ने शहर में एक सीक्रेट लैब तक बना ली थी और इस गैंग का बॉस खुद कैमिस्ट्री स्टूडेंट रह चुका है. उसने अपने गैंग में कई इंजीनियरिंग छात्रों को भर्ती किया, जो कैमिस्ट्री के भी अच्छे जानकार थे.

रियल लाइफ ब्रेकिंग बैड! कैमिस्ट्री स्टूडेंट्स के साथ बनाया गिरोह और खड़ा कर दिया नशीली दवाओं का कारोबार; यूं फूटा भांडा

Crime News: साल 2008 में हॉलीवुड की एक ड्रामा सीरीज आई थी. नाम था ब्रेकिंग बैड. यह काफी चर्चित रही. इसमें वाल्टर वाइट नाम का दिलचस्प  किरदार होता है, जो पेशे से कैमिस्ट्री टीचर होता है. लंग कैंसर के स्टेज थ्री पर पहुंच चुका वह शख्स क्राइम की दुनिया का रास्ता चुनता है और अपने एक पूर्व छात्र के साथ मिलकर मेथामफेटामाइन नाम की नशीली दवा बनाता है ताकि अपने परिवार का पेट पाल सके.

अब यह ड्रामा सीरीज हकीकत बनती नजर आई. चलिए आपको पूरा मामला बताते हैं. चेन्नई पुलिस ने एक ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है, जो नशीली दवा मेथाफेटामाइन जैसी प्रतिबंधित दवा बनाकर बाजार में बेच रहा था. मेथाफेटामाइन बेहद नशीली दवाई होती है. 

शहर में बना ली थी सीक्रेट लैब

हैरत की बात ये है कि इस गैंग में शामिल लोगों ने शहर में एक सीक्रेट लैब तक बना ली थी और इस गैंग का बॉस खुद कैमिस्ट्री स्टूडेंट रह चुका है. उसने अपने गैंग में कई इंजीनियरिंग छात्रों को भर्ती किया, जो कैमिस्ट्री के भी अच्छे जानकार थे. पुलिस ने जिन 6 लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स के अलावा चेन्नई के एक मशहूर कॉलेज में कैमिस्ट्री का पीजी स्टूडेंट भी शामिल है. वह बीएससी में गोल्ड मेडलिस्ट भी रह चुका है. 

शुरू की दवाओं की तस्करी

दरअसल, इस गिरोह ने अरुण कुमार नाम के एक व्यक्ति से मेथामफेटामाइन की छोटी शीशी लेकर नशीली दवाओं की तस्करी स्टार्ट कर दी. इसके बाद उन्होंने सोचा कि क्यों ना खुद ही इसका निर्माण किया जाए. इसके बाद उन्होंने बाकी छात्रों को भी गिरोह में जोड़ दिया और जो भी जरूरी सामान थे, वह खरीद सलिए. इसके बाद वह मेथामफेटामाइन का निर्माण किया और बाकी छात्रों तक पहुंचाने लगे.

दिलचस्प बात ये है कि इस गिरोह के एक छात्र ने अपने माता-पिता से कैफे खोलने के लिए पैसे लिए थे. ये रकम उसने नशीली दवा बनाने में खर्च कर दिए. लेकिन इनका कारोबार आगे बढ़ पाता, उससे पहले ही पुलिस ने इनका भंडाफोड़ कर इनको गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने इन लोगों के पास से 2 लैपटॉप और 7 मोबाइल फोन बरामद किए हैं. अब पुलिस को अरुण कुमार और कार्तिक नाम के छात्र की तलाश है. 

 

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