पीड़ित बालिकाओं का आरोप है कि आरोपी उनके साथ 6 सालों से दुष्कर्म कर रहा है. शेल्टर होम में काउंसलिंग के दौरान इस बात का खुलासा हुआ, जिसके बाद सदर थाने में मामला दर्ज करवाया गया.
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Chittorgarh: जिला मुख्यालय पर एक शेल्टर होम में रहने वाली दो किशोरियों ने मां के प्रेमी के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया है. साथ ही, इनकी नाबालिग बड़ी बहन ने भी छेड़छाड़ का आरोप लगाया है. किशोरी के बयान के आधार पुलिस ने बुधवार रात को मां के प्रेमी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया है.
पीड़ित बालिकाओं का आरोप है कि आरोपी उनके साथ 6 सालों से दुष्कर्म कर रहा है. शेल्टर होम में काउंसलिंग के दौरान इस बात का खुलासा हुआ, जिसके बाद सदर थाने में मामला दर्ज करवाया गया. वहीं, दूसरी ओर शेल्टर होम और बाल कल्याण समिति का कहना है कि पुलिस को इसकी जानकारी पहले ही दी गई थी और जांच के आदेश भी दिए हैं. लेकिन पुलिस ने गत 6-7 दिनों से कोई भी कार्रवाई नहीं की.
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पीड़ित दोनों बच्चियों की बड़ी बहन ने बुधवार रात को शेल्टर होम में पुलिस को दिए बयान में बताया कि वह अपनी दोनों बहनों के साथ शेल्टर होम में गत पांच माह से रह रही है. इससे पहले तीनों अपनी मां के साथ रहती थी, जबकि उसके पिता भीलवाड़ा में रहता है. उसकी मां यहां सदर थाना अंतर्गत एक क्षेत्र में अपने प्रेमी महेंद्र सिंह के साथ रह रही थी. मां रोज मजदूरी के लिए जाती थी तो पीछे से आरोपी मां का प्रेमी महेंद्र सिंह उसकी छोटी दोनों बहनों के साथ दुष्कर्म करता था और जान से मार डालने की धमकी देता था. बच्चों ने इसलिए इस बारे में कुछ नहीं कहा.
बालिका ने बताया कि मां को इस बारे में बताने के बावजूद वो कुछ नहीं करती थी. पुलिस को दिए बयान में पीड़िताओं ने बताया कि इस बारे में जब उसने अपने पिता को जानकारी दी तो पिता उन्हें अपने साथ भीलवाड़ा लेकर गए. यहां एक किराए के मकान में रहते थे. लेकिन इस दौरान उसके पिता ने दोनों को 60-60 हजार रुपए में किसी बेचने की बात कही.
यह बात इन दोनों ने सुन ली. इस पर दोनों वहां से फिर से अपने मां के पास आ गई. उसकी मां ने आगे की पढ़ाई और देख-रेख के लिए तीनों बलिकाओं को शेल्टर होम में भेज दिया. दुष्कर्म की घटना लगभग 6 साल से चल रही है.
इस संबंध में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश दशोरा ने बताया कि 11 मई को अधीक्षक ललिता उपाध्याय ने काउंसलिंग रिपोर्ट मुझे सौंपी थी. उसके बाद बाल कल्याण समिति के सदस्य मंजू ने शेल्टर होम में जाकर बच्चों के दोबारा काउंसलिंग की. इस दौरान बच्चे ने खुल कर बात नहीं की. उसके कुछ दिन बाद दोबारा बच्चों की काउंसलिंग हुई तो बच्चों के साथ यह घटना होना सामने आया. इस पर सदर थाने में 20 मई को मामले की जांच करने का आदेश दिया गया था लेकिन पुलिस ने इस बारे में कोई भी जांच नहीं की.
प्रेमी आया था बालिकाओं को लेने
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश दशोरा ने बताया कि कुछ दिनों से महेंद्र सिंह रोज शेल्टर होम में आकर दोनों छोटी बच्चियों को ले जाने की बात कह रहा था. जबकि वह बच्चियों का लीगली गार्जियन नहीं था, इसलिए मैंने उसकी मां को साथ में लाने के लिए कहा.
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इस दौरान बुधवार को बच्चियों को जब पता चला तो वह घबरा कर रोने लग गई. उनकी घबराहट देखकर हमने तुरंत पुलिस को जांच नहीं करने के संबंध में पूछा तो पुलिस ने उसके बाद शेल्टर होम पहुंच कर बच्चों के बयान दर्ज किए. पुलिस ने दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज कर लिया. इस मामले की जांच सदर थानाधिकारी दर्शन सिंह स्वयं कर रहे हैं.
बाल कल्याण समिति ने माना, काउंसलिंग में रही कमी
इस संबंध में बाल कल्याण समिति चित्तौड़गढ़ के अध्यक्ष रमेशचंद्र दशोरा ने बताया कि इस मामले में आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दे दिए गए थे. वहीं, करीब 5 माह से यह बालिकाएं शेल्टर होम में रह रही थी तो 5 माह बाद इस मामले की जानकारी मिलना गंभीर है. कहीं ना कहीं बालिकाओं की काउंसलिंग में कमी रही है. साथ ही शेल्टर होम को 20 मई को लिखित में निर्देश दिए थे कि इस मामले में सदर थाने में प्रकरण दर्ज करवाएं. इसके बावजूद उन्होंने प्रकरण दर्ज नहीं करवाया.
(इनपुट-दीपक व्यास)