Crime In Public: भारत में कोटपा कानून (सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम) के तहत ऐसे नितम निर्धारित किए गए हैं जिनमें पब्लिक में धूम्रपान करते हुए सजा दी जाती है. कोटपा ऐक्ट में पांच धाराएं महत्वपूर्ण हैं.
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Tobacco And Cigarette: तंबाकू और धूम्रपान करना स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है. तंबाकू से निकोटीन जैसे विषाक्त पदार्थ होते हैं, जो शरीर के लिए हानिकारक होते हैं. यह सेहत को नुकसान पहुंचाता है और कई बीमारियों के जोखिम को बढ़ाता है, जैसे कि कैंसर, हृदय रोग, फेफड़े की बीमारियां, श्वसन संबंधी समस्याएं और दांतों की समस्याएं इनमें शामिल हैं. इन सबके साथ यह जान लीजिए कि भारत में अगर पब्लिक में ये सब करते हुए पकड़े गए तो आपको सजा हो सकती है. आइए इस बार में जान लेते हैं.
दरअसल, भारत में कोटपा कानून (सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम) के तहत ऐसे नितम निर्धारित किए गए हैं जिनमें पब्लिक में धूम्रपान करते हुए सजा दी जाती है. भारत में पहले 1975 में सिगरेट एक्ट लागू किया गया था. इसके बाद 2003 में इसमें संशोधन किया गया, जिसे सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा) नाम दिया गया. कोटपा अधिनियम के तहत 33 धाराओं के तहत सजा का प्रावधान है. कोटपा ऐक्ट में पांच धाराएं महत्वपूर्ण हैं.
कोटपा एक्ट धारा 4 में जिक्र है कि पब्लिक प्लेस पर धूम्रपान पर पूरी तरह से बैन रहेगा. वहीं सरकारी-निजी क्षेत्र के सर्वजनिक स्थलों पर नो-स्मोकिंग जोन का साइन बोर्ड लगा होना चाहिए. नियम टूटने पर 200 रुपए तक का जुर्माना.
कोटपा एक्ट धारा 5 में तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन, प्रमोशन और प्रोत्साहन पर प्रतिबंध. तम्बाकू उत्पाद बेचने वाली दुकानों में सावधानी का बोर्ड होना चाहिए. इसमें 5000 तक का जुर्माना या 10-5 साल की कैद
धारा6क में 18 वर्ष से कम आयु के नाबालिगों को तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध है. दुकानों को बोर्ड दिखाना चाहिए कि तंबाकू उत्पाद की बिक्री 18 वर्ष से कम है. नियम तोड़ने पर 200 रुपए के जुर्माने का प्रावधान है.
धारा6ख में शिक्षा संस्थान के 100 यार्ड के भीतर तंबाकू उत्पादों की बिक्री दंडनीय. उल्लंघन करने पर 200 तक का जुर्माना
धारा 7 में बिना चेतावनी के सिगरेट और अन्य तंबाकू की बिक्री पर प्रतिबंध. इसमें 5 हजार का जुर्माना और दो साल तक की सजा का प्रावधान