Delhi Crime: बेटे को MBBS कराने की चाहत में डॉक्टर को लगा लाखों का फटका, ये एक गलती पड़ गई भारी
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Delhi Crime: बेटे को MBBS कराने की चाहत में डॉक्टर को लगा लाखों का फटका, ये एक गलती पड़ गई भारी

Delhi Crime News: दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल के डॉक्टर के साथ करीब साढ़े साथ लाख की ठगी का मामला सामने आया है. इस डॉक्टर ने अपने बेटे को डॉक्टरी पढ़ाने यानी उसके लिए MBBS की एक सीट का इंतजाम करने के एक कथित डीन से संपर्क किया था. फिर क्या हुआ आइए हम आपको बताते हैं. 

सांकेतिक तस्वीर

Delhi admission fraud case: दिल्ली के रोहिणी में स्थित एक सरकारी अस्पताल के डॉक्टर के साथ लाखों की ठगी (Fraud) का मामला सामने आया है. आरोप है कि फर्जीवाड़ा करने वाले शख्स ने पीड़ित डॉक्टर से मुलाकात के दौरान खुद को एक मेडिकल कॉलेज का डीन बताया और उसके बेटे का एमबीबीएस (MBBS) में दाखिला कराने यानी सीट देने के नाम पर उससे 7.50 लाख रुपये ले लिए. ठगी का पता चलते ही पीड़ित ने दिल्ली पुलिस के पास अपनी शिकायत दर्ज कराई और अब मामले की जांच हो रही है.

साइबर सेल कर रही मामले की जांच

पीड़ित के अनुरोध पर डॉक्टर के नाम का खुलासा नहीं किया गया है. डॉक्टर के एक परिचित ने उस कथित डीन से बात करने की सलाह दी थी. ठग की बात पर आंख मूंदकर भरोसा करना उन्हें महंगा पड़ गया. दिल्ली पुलिस के मुताबिक पीड़ित डॉक्टर रोहिणी में ही रहते हैं. वो वहीं एक सरकारी अस्पताल में डॉक्टर हैं. 24 जुलाई की दोपहर उनके अस्पताल के डायरेक्टर ने बताया कि उनके पास एक अनजान नंबर से कॉल आई थी. कॉलर ने खुद का परिचय डॉ. आरबी गुप्ता के रूप में देते हुए कहा कि वो बिहार के एक मेडिकल कॉलेज का डीन है. उसके यहां MBBS कोर्स में सीट खाली है. डायरेक्टर ने श्याम से कहा कि अगर वो अपने बेटे के लिए सीट लेने चाहते हैं तो वह उस शख्स से बात कर सकते हैं.

ये एक गलती पड़ी भारी

पीड़ित ने जब उस नंबर पर बेटे को सीट दिलाने के लिए बात की तो कथित फर्जी डीन यानी डॉक्टर गुप्ता ने उन्हें ड्रॉपआउट सीट में एडमिशन देने की बात कहते हुए फौरन बेटे की सारी डिटेल्स भेजने को कहा. पीड़ित ने आरोपी को वॉट्सऐप पर ही डॉक्यूमेंट्स भेज दिए. इसके बाद उसी शाम आरोपी ने डॉक्टर साहब से 5 लाख रुपये की मांग की. एडवांस में पीड़ित ने अपने भाई के अकाउंट से फौरन 2.50 लाख रुपये भेज दिए. बाकी पैसा बाद में देने को कहा. अनजान पर आंख मूंदकर भरोसा करने की यही एक गलती डॉक्टर साहब को भारी पड़ गई. क्योंकि अगले दिन जब उन्होंने अपने खाते से 5 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए. दूसरी ओर पैसा क्रेडिट होते ही फ्रॉड का फोन स्विच ऑफ बताने लगा. जब तक उन्हें अपने साथ हो रही धोखाधड़ी का शक होता तबतक बहुत देर हो चुकी थी. तीर कमान से निकल चुका था. अपने स्तर पर की जांच में पता चला कि ऑनलाइन ठग आरबी गुप्ता नहीं था, बल्कि उनके नाम का इस्तेमाल करके उसने उनके साथ फ्रॉड हुआ. इसके बाद मामला पुलिस की टेबल पर पहुंचा और अब रोहिणी जिले की साइबर पुलिस ने मामले की जांच कर रही है.

 

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