Alert! एक बार फिर तेज हुई PFI और JMB की गतिविधियां, खुफिया एजेंसियों ने डिकोड की साजिश
Advertisement

Alert! एक बार फिर तेज हुई PFI और JMB की गतिविधियां, खुफिया एजेंसियों ने डिकोड की साजिश

उत्तरी असम में तबलीगी जमात के नाम पर जेहादी बांग्लादेशियों की मौजूदगी की खबरें लगातार आ रही है. जमात-उल-मुजाहिदीन (JMB) खासतौर पर उत्तरी बंगाल और असम में बड़े पैमाने पर देश विरोधी गतिविधियां चलाने की तैयारी कर रहा है. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: भारत के उत्तर-पूर्व और पूर्वी राज्यों को जेहादी गुटों से जबरदस्त खतरा पैदा हो रहा है. खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI ) धीरे-धीरे असम में अपनी जड़ें जमा रही है. इसके साथ ही जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) भी असम और पश्चिम बंगाल में अपना आधार मजबूत कर रहा है. अंदेशा है कि बांग्लादेश के आतंकवादी संगठन भारत के पूर्वी और पूर्वोत्तर के इलाकों में गड़बड़ी फैलाने के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं. इनकी नजर इसी साल होने वाले पश्चिम बंगाल और असम के चुनावों में अशांति फैलाने पर है.

उत्तरी असम में तबलीगी जमात के नाम पर जेहादी बांग्लादेशियों की मौजूदगी की खबरें लगातार आ रही है. जमात-उल-मुजाहिदीन (JMB) खासतौर पर उत्तरी बंगाल और असम में बड़े पैमाने पर देश विरोधी गतिविधियां चलाने की तैयारी कर रहा है. JMB ने खासतौर पर पश्चिम बंगाल में काम करने के लिए बंगाल उलायत नाम का गिरोह बनाया है. खुफिया एजेंसियों को ये भी पता चला है कि असम के धुबरी में 22 मई 2020 को JMB के सरगनाओं की एक मीटिंग हुई जिसमें JMB के सबसे पुराने सदस्य आसिफ इकबाल हुसैन के शामिल होने की पुष्टि हुई है.

ये भी पढ़ें- कृषि कानूनों पर बनी SC की कमेटी से अलग हुए किसान नेता भूपिंदर सिंह मान

पश्चिम बंगाल में अचानक बढ़ी गतिविधियां

पश्चिम बंगाल के कई मदरसों में भी JMB के सदस्यों की मौजूदगी की पक्की खबरें आई हैं जिनमें महिला कार्यकर्ता भी हैं. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक सारे गिरोह मिलकर इस साल होने वाले पश्चिम बंगाल चुनावों में गड़बड़ी और सांप्रदायिक हिंसा फैलाने की तैयारी में हैं. PFI ने असम में अलग-अलग नाम से 17 संगठन तैयार किए हैं. संगठन साल 2021 अप्रैल में होने वाले विधानसभा चुनावों में ताकत हासिल करने के लिए ये प्लान बनाया है. इसके लिए PFI कई स्थानीय पार्टियों के साथ संपर्क में है.  

शासन की नज़र से बचने के लिए PFI ज्यादातर काम कचार इलाके में कर रहा है जहां पुलिस की कम पहुंच है. 24 फरवरी 2020 को केरल के मल्लापुरम में हुई सेंट्रल कमेटी की एक मीटिंग के बाद अब PFI ने असम में रिक्रूटमेंट का अभियान तेज कर दिया है. PFI गोलपारा, बराक घाटी और नगांव इलाक़ों में तस्करों से हथियारों की खरीद भी बड़े पैमाने पर कर रहे हैं. सिर्फ गोलपारा जिले में 3 ट्रेनिंग कैंपों का पता भी खुफिया एजेंसियों को मिला है. यहां के करीब 50 युवाओं को हथियारों के साथ और निहत्थे लड़ने की ट्रेनिंग दी जा रही है. 

जासूसी और ई सर्विलांस तक हुई PFI की पहुंच 

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि PFI असम ने इलेक्ट्रॉनिक जासूसी और कॉल सुनने की क़ाबिलियत भी हासिल कर ली है. PFI के सदस्य अपने घरों में 10 से 15 गरीब शिक्षित बच्चों के लिए 3 दिन का कैंप लगाते हैं जिसमें उन्हें कट्टरता की शिक्षा दी जाती है.आमतौर पर पहले दिन कुरान पढ़ाई जाती है. दूसरे दिन अच्छे मुसलमान के कर्तव्य बताए जाते हैं. तीसरे दिन उन्हें मुसलमानों पर अत्याचारों के वीडियो दिखाकर जेहाद के लिए तैयार किया जाता है.

LIVE TV
 

Trending news