Comedian Kunal Kamra: कामरा ने अपनी याचिका में कहा है कि आईटी एक्ट में संसोधन प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत से असंगत है. इसलिए इसे रोका जाना चाहिए.
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Kunal Kamra Plea Bombay High Court: केंद्र सरकार द्वारा आईटी एक्ट में किए गए संशोधन के खिलाफ कमेडियन कुनाव कामरा ने बॉम्बे हाईकोर्ट में जो पीआईएल (PIL) लगाई थी उसपर केंद्र ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. हाईकोर्ट ने फैसले के लिये अगली तारीख 15 जनवरी तय की है. कमेडियन कामरा ने अपनी याचिका में लिखा था कि वो हास्य के माध्यम से देश की राजनीतिक घटनाओं पर टिप्पणी कर रहे हैं. कमेडी एक कला है जो सोशल मीडिया के माध्यम से दूर-दूर तक फैल गई है. ऐसे में IT ACT में हुए नए संशोधन के कारण, हमारे द्वारा सबमिट की गई सामग्री को सरकार द्वारा बाहर किया जा सकता है या हमारे सोशल मीडिया अकाउंट्स को निलंबित या बंद किया जा सकता हैं, जिससे हमारे ऐसे कई लोगों के बिजनेस को बड़ा घाटा हो सकता है. इसलिए कोर्ट को हमारी मांग पर विचार करते हुए फैसला देना चाहिए.
आईटी एक्ट में प्रस्तावित संशोधन का विरोध
कामरा सरकार के संसोधन का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने एक्ट में प्रस्तावित संशोधन को असंवैधानिक घोषित करने और केंद्र सरकार को नए नियमों के तहत किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने से रोकने का आदेश देने की मांग की है. उनका कहना है कि यह संशोधन नागरिकों, खासकर सोशल मीडिया के माध्यम से राजनीतिक घटनाओं पर टिप्पणी करने वालों की अभिव्यक्ति की आजादी पर एक प्रकार का करारा प्रहार है.
राजनेताओं को होगा फायदा: कामरा
कामरा ने अपनी याचिका में ये आरोप भी लगाया है कि कानून में यह संशोधन आम लोगों के हित के खिलाफ है. ये संसोधन सरकार, मंत्रियों और सत्ता में बैठे लोगों के हित में है. उनका कहना है कि संशोधन में बिना किसी सुनवाई के सीधे कार्रवाई की इजाजत देते हुए इसके खिलाफ अपील करने का प्रावधान भी नहीं है. कामरा की याचिका में दावा किया गया है कि यह मामला प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत से असंगत है. इसलिए इसे रोका जाना चाहिए.