11 अगस्त की शाम को बेंगलुरु में भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर हिंसा फैलाने के आरोपों में अब तक 187 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. NIA ने बयान में कहा कि जांच में खुलासा हुआ है कि लोगों के बीच दहशत फैलाने और उन्हें एकत्र करने के लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल किया गया था.
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बेंगलुरु: राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने सोमवार को कहा कि 11 अगस्त को बेंगलुरु हिंसा (Bengaluru Riots) के सिलसिले में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 17 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है. बता दें कि अब तक इस मामले में 187 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
NIA ने एक बयान में बताया कि एसडीपीआई की बेंगलुरु जिला इकाई के अध्यक्ष मोहम्मद शेरिफ और एसडीपीआई के केजी हल्ली वार्ड के अध्यक्ष इमरान अहमद के साथ अन्य नेताओं ने 11 अगस्त की शाम को बेंगलुरु में थानीसांद्रा और केजी हल्ली वार्ड में बैठकें की थी. जिसमें उन्होंने साजिश की और पुलिसकर्मियों पर हमला करने के लिए केजी हल्ली पुलिस थाने पर एकत्र भीड़ का नेतृत्व किया जिससे आम लोगों और पुलिस थाने के वाहनों को नुकसान पहुंचा था.
सोशल मीडिया के जरिए इकट्ठा किए लोग
उसने कहा कि इसी तरह एसडीपीआई के नागवारा वार्ड के अध्यक्ष अब्बास ने भी अपने साथियों की मदद से के जी हल्ली पुलिस थाने पर बड़ी संख्या में लोगों को एकत्र किया था. एजेंसी ने बयान में कहा कि जांच में खुलासा हुआ है कि लोगों के बीच दहशत फैलाने और उन्हें एकत्र करने के लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल किया गया था.
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क्या था पूरा मामला?
गौरतलब है कि विधायक के रिश्तेदार द्वारा कथित रूप से भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर पुलकेशिनगर के कांग्रेस विधायक आर अखंड श्रीनिवास मूर्ति और उनकी बहन जयंती के आवासों पर लगभग 3,000 से 4,000 लोगों ने तोड़फोड़ और आगजनी की थी. उन्होंने देवारा जीवनाहल्ली और कडुगोंडानहल्ली (केजी) पुलिस थानों को भी आग लगा दी थी. पुलिस गोलीबारी में तीन लोग मारे गये थे जबकि एक की मौत पेट में चोट लगने से हुई थी.
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