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हिस्ट्रशीटर्स जिनका था कभी खौफ, एनकाउंटर में कर दिए गए ढेर

इन कुख्यात बदमाशों के नाम लिस्ट में हैं शामिल

विकास दुबे

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विकास दुबे

कुख्यात बदमाश विकास पर साल 2001 में राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड का मुख्य है. वर्ष 2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास दुबे का नाम आया था. इसके अलावा साल 200 में ही रामबाबू यादव की हत्या के मामले में विकास दुबे पर जेल के भीतर रहकर साजिश रचने का आरोप थी लगा था. मामला तब बिगड़ गया जब पिछले हफ्ते दबिश के लाई चौबेनपुर पुलिस टीम पर विकास ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. इस फायरिंग में सीओ समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. जिसके बाद पुलिस ने विकास दुबे पर 5 लाख का इनाम रखा था और जगह-जगह उसकी तलाश की जा रही थी. इसी बीच उज्जैन पुलिस द्वारा उसकी गिरफ्तारी की खबर आई. जिसके बाद यूपी पुलिस ने देर शाम विकास की ट्रांजिट रिमांड लेकर कानपुर के लिए रवाना हो गई. कानपुर में दाखिल होते ही विकास ने एसटीएफसुरक्षाकर्मियों की बंदूक छीनकर भागने की कोशिश की. इस दौरान गाड़ी का संतुलन बिगड़ गया और गाड़ी पलट गई. जिसके बाद वोसुरक्षाकर्मियों पर फायरिंग करते हुए खेतों की तरफ भागने लगा. जिसके बाद जवाबी फायरिंग में पुलिस ने विकास दुबे को मार गिराया.

अमर दुबे

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अमर दुबे

उत्तर पुलिस द्वारा जारी टॉप बदमाशों की लिस्ट में अमर दुबे का नाम सबसे पहला था. अमर विकास दुबे का राइट हैंड और बॉडीगार्ड था. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार विकास दुबे के कर क्राइम में अमर ने उसका बराबर साथ दिया था. अमर हमेशा ही बंदूकों से लैस रहता था और विकास दुबे की और आने वाले हर खतरे का सामना करता था. हत्याकांड वाली रात भी अमर ने विकास के साथ मिलकर पुलिसकर्मियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी. जिसके बाद से ही पुलिस उसकी तलाश कर रही थी. इसी बीच बुधवार को पुलिस को उसके हमीरपुर में होने की सूचना मिली. जिसके बाद पुलिस उसे पकड़ने के लिए निकल पड़ी. लेकिन पुलिस को आता देख अमर ने फायरिंग शुरू कर दी जिसकी जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने उसे मार गिराया.

मान्या सुर्वे

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मान्या सुर्वे

देश में पुलिस एनकाउंटर की शुरुआत मुंबई पुलिस ने मान्या सुर्वे से की थी. मान्या सुर्वे का पूरा नाम मनोहर अर्जुन सुर्वे था. वो मुंबई का पहला सबसे ज्यादा पढ़ा हुआ गैंगस्टर था. मान्या ने मुंबई के कीर्ति कॉलेज से स्नातक बीए की पढ़ाई की थी. लेकिन पढ़ाई के दौरान उसे हत्या के एक झूठे मामले में सजा हो गई. जिसके बाद उसे पुणे के यरवदा जेल में रखा गया था. जानकारी के अनुसार जेल से छूटने के बाद दो साल के अंदर ही मान्या ने अंडरवर्ल्ड तक अपनी पहुंच बना ली थी. अपने कई दोस्तों को भी अपनी गैंग में शामिल कर लिया. इसके बाद कई हत्याओं को अंजाम दिया. लेकिन अंत में पुलिस ने एक एनकाउंटर में उसे मार गिराया. बता दें कि मान्या सुर्वे की कहानी पर बॉलीवुड में फिल्म भी बन चुकी है. (फोटो साभार-इंटरनेट)

वीरप्पन

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वीरप्पन

वीरप्पन का पूरा नाम कूज मुनिस्वामी वीरप्पन था. जिसका जन्म गोपीनाथम नामक गांव में 1952 में एक चरवाहा परिवार में हुआ था. वीरप्पन का नाम दक्षिण भारत के टॉप कुख्यात बदमाशों में शामिल था. कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल के जंगलों में वीरप्पन का राज था. तीनों ही राज्यों की पुलिस उसको पकड़ने के लिए अभियान चला रही थी. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और वन अधिकारियों समेत 184 लोगों की हत्या, 200 हाथियों के शिकार, 26 लाख डॉलर के हाथीदांत की तस्करी और दो करोड़ 20 लाख डॉलर कीमत की दस हजार टन चंदन की लकड़ी की तस्करी से जुड़े मामलों में पुलिस को वीरप्पन की तलाश थी. जानकारी के अनुसार वीरप्पन का 40 लोगों का गिरोह था, जो वीरप्पन के कहने पर शिकार, अपहरण, हत्या आदि की वारदात को अंजाम देता था. पुलिस ने पहली बार 1986 में वीरप्पन को पकड़ था लेकिन वह उनकी पकड़ से भाग निकलने में सफल रहा था. जिसके बाद 1990 में कर्नाटक सरकार ने उसे पकड़ने के लिए एक विशेष पुलिस दस्ते का गठन किया था. इसके बाद 18 अक्टूबर 2004 को उसे एनकाउंटर में मार गिराया. (फोटो साभार-इंटरनेट)

माया डोलास

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माया डोलास

गैंगस्टर माया डोलास ने मुंबई के आईटीआई से पढाई पूरी की है. 1980 में डोलास अशोक जोशी की गैंग में शामिल हो गया था और अपने बलबूतो पर जल्द ही उसने अपनी छाप बना ली. पुलिस जानकारी के अनुसार डोलास अशोक जोशी की गैंग के लिए कंजूर गांव से कई रैकेट चलता था. इसके साथ ही वह बायकुल्ला कंपनी से भी जुड़ा हुआ था. 25 साल की उम्र में लोखंडवाला कॉम्प्लेक्स में मुंबई पुलिस ने उसका एनकाउंटर कर दिया. इस एनकाउंटर पर बॉलीवुड में एक फिल्म भी बन चुकी है जिसे का शूटआउट एट लोखंडवाला है.

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