ऑनलाइन दोस्ती कर लोगों की हत्या करने वाले जापान (Japan) के ट्विटर किलर (Twitter Killer) को 9 लोगों की बेरहमी से हत्या करने के आरोप में कोर्ट ने मौत की सजा दी है.
ट्विटर किलर के नाम से चर्चित ताकाहिरो शिराइशी (Takahiro Shiraishi) ने अदालत में 9 लोगों की हत्या का जुर्म कुबूल कर लिया, जिसके बाद उसे मौत की सजा सुनाई गई है.
शिराइशी के वकील ने कोर्ट में दलील दी थी कि सजा को कम किया जाना चाहिए, क्योंकि शिराइशी ने उन लोगों की हत्या की है, जो किसी न किसी चीज से पीड़ित थे और सुसाइड करना चाहते थे. इतना ही नहीं वकील ने दावा किया था कि मारे गए लोगों ने अपनी मौत के लिए 'सहमति' दी थी.
शिराइशी ट्विटर पर काफी एक्टिव रहता था और खुद को 'द हैंगिंग प्रो' कहता था. उसने अपने ट्विटर बायो में लिखा था 'मैं उन लोगों की मदद करना चाहता हूं जो वास्तव में दर्द में हैं, कृपया मुझे कभी भी मैसेज करें.' ट्विटर के जरिए ही वह लोगों से संपर्क कर दोस्ती करता था और कहता था कि मैं सुसाइड करने में आपकी मदद कर सकता हूं.
शिराइशी ने जिन लोगों को मौत के घाट उतारा था, उनमें 8 लड़कियां और एक लड़का शामिल था. मरने वालों की उम्र 15 से 26 साल के बीच थी.
रिपोर्ट के अनुसार शिराइशी ने जिन लोगों को मारा था, उनकी बॉडी के टुकड़े अलग-अलग स्थानों पर फेंकता था, ताकि किसी को शक ना हो. जबकि वह कई बॉडी पार्ट्स को अपने घर में ही टूलबॉक्स और कूलर में रखता था. पुलिस ने जब उसके घर पर छापा मारा था, तब वहां से 240 से अधिक मानव हड्डियां मिली थीं.
यह मामला साल 2017 का है. बता दें कि एक लड़की ने सुसाइड को लेकर ट्वीट किया, जिसके बाद वह गायब हो गई. लड़की के गायब होने के बाद उसके भाई ने किसी तरह उसका ट्विटर अकाउंट खोला तो कुछ संदिग्ध मैसेज मिले. उसकी सूचना के बाद पुलिस ने शिराइशी ने घर पर छापा मारकर पूरे घटना का पर्दाफाश किया था. इसके 3 साल बाद शिराइशी को मौत की सजा सुनाई गई है.
शिराइशी के वकील ने भले ही दावा किया था कि उसने मरने वालों की सहमति से हत्या को अंजाम दिया, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार जो लोग सीरियल किलर के हाथों मारे गए, उनके सिर के पीछे चोट के निशान थे. इसका मतलब है कि ट्विटर किलर पीछे से हमला कर पहले लोगों को बेहोश करता था, ताकि वे विरोध न करें.
साल 2017 में सामने आया यह मामला काफी चर्चा का विषय बना था और यही वजह है कि जिस दिन कोर्ट में सजा सुनाई गई, फैसला सुनने के लिए लोगों की भीड़ पहुंच गई थी. अदालत में सिर्फ 16 लोगों के बैठने की जगह थी, जबकि वहां 435 लोग पहुंचे थे.
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