धनबाद के जज हत्याकांड में झारखंड सरकार ने मामले की CBI जांच की सिफारिश कर दी है. इधर, मामले की जांच को लेकर SIT भी सक्रिय है. इस बीच धनबाद के पाथरडीह थाना प्रभारी पर गाज गिरी है.
Trending Photos
Dhanbad/Ranchi: धनबाद कोर्ट के ADJ रहे उत्तम आनंद की हत्या के मामले में घटना के 4 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. जज के परिजनों की मांग को देखते हुए एक तरफ जहां झारखंड सरकार ने CBI जांच की सिफारिश कर दी है. वहीं दूसरी ओर मामले की जांच के लिए गठित SIT भी सक्रिय है. SIT को लीड कर रहे ADG संजय आनंद लाटकर ने रविवार को दोबारा घटनास्थल का मुआयना किया. इस दौरान उनके साथ फॉरेंसिक टीम भी थी.
पाथरडीह थाना प्रभारी निलंबित
वहीं मामले में पुलिस अलग-अलग ठिकानों से आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. इस बीच फरार ऑटो मालिक रामदेव लोहार पुलिस के हत्थे चढ़ गया है...उससे भी SIT की टीम पूछताछ कर रही है...इस बीच धनबाद के SSP ने पाथरडीह थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया है. थाना प्रभारी पर कर्तव्य में लापरवाही बरतने का आरोप लगा है.
ये भी पढ़ें: धनबाद जज मौत मामले में CM हेमंत का बड़ा फैसला, CBI को दिए जांच के आदेश
CBI जांच की सिफारिश के बाद भी सियासत
वहीं जज हत्याकांड की जांच के लिए भले ही CBI के सुपुर्द कर दिया गया हो, लेकिन घटना के 4 दिन बाद भी अब तक हत्या के कारण का खुलासा ना होने से मामले को लेकर सियासत तेज है. जहां बीजेपी कानून व्यवस्था के मुद्दे पर राज्य में जंगलराज होने का आरोप लगा रही है, तो वहीं सतापक्ष बीजेपी को उसका शासनकाल याद दिला रही है.
मुख्यमंत्री श्री @HemantSorenJMM
ने न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत मामले की जांच #CBI से कराने की अनुशंसा की है।— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) July 31, 2021
'लालू यादव का जमाना याद आया'
झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के मुताबिक
राज्य में विधि-व्यवस्था चरमरा गई है. जिस तरह से लालू यादव के जमाने में पूरा बिहार 7 बजे ही बंद हो जाया करता था, आज झारखंड में वही समय आ गया है. झारखंड में हत्या का ग्राफ, डकैती का ग्राफ, दुष्कर्म का ग्राफ चरम पर है.
रूपा तिर्की केस में भी CBI जांच की सिफारिश हो
दीपक प्रकाश ने कहा की राज्य में महज 18 महीने के हेमंत शासनकाल में संगीन अपराध के आंकड़े लगभग 10 हजार हैं. राज्य में सरकार के खिलाफ जनता में रोष है, इस सरकार में आम आदमी के साथ-साथ पुलिसकर्मी, वकील यहां तक की जज भी नहीं बच सके हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा की जिस तरह जज उत्तम आनंद की मौत के मामले पर CBI जांच की अनुशंसा की गई है, उसी तरह पुलिस इंस्पेक्टर रूपा तिर्की के मामले में भी CBI जांच की सिफारिश की जानी चाहिए.
'पुलिस विभाग पर सरकार को संशय होगा'
वहीं बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने जज हत्याकांड में CBI जांच की सिफारिश को लेकर कहा की कई मामले में बहुत डिमांड करने पर भी सरकार CBI जांच की अनुशंसा नहीं करती, लेकिन यह मामला हाई प्रोफाइल है और पुलिस विभाग पर झारखंड सरकार को संशय होगा, इसलिए इतनी जल्दबाज़ी में CBI जांच की अनुशंसा की गयी है, सीपी सिंह ने कहा की सरकार का फैसला स्वागत योग्य है क्योंकि जज के परिवार ने भी यही मांग की थी.
'जंगलराज 5 साल पहले की सरकार में था'
इधर, बीजेपी के आरोपों के जवाब में बोलते हुए जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा की CBI जांच की मांग विपक्ष ने की थी, घटना बहुत बड़ी थी, मामले में परत दर परत खुले, जो भी अपराधी शामिल हो उसे बख्शा ना जाए, इसी सोच के तहत मुख्यमंत्री ने CBI जांच की सिफारिश की है.
मनोज पांडे ने जहां तक विपक्ष जंगलराज की बात कर रहा है, तो जंगलराज 5 साल पहले की सरकार में था, जब मुख्यमंत्री आवास के पास लोगों को गोली मार दी जाती थी, न्यायालय में घुसकर गोलीबारी की जाती थी, लेकिन अभी हमारे पुलिसकर्मी बखूबी अपनी ड्यूटी निभाते हैं.
'भारतीय जनता पार्टी है या भारतीय कंफ्यूज पार्टी'
वहीं मामले को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता राजीव रंजन ने भी बीजेपी पर पलटवार किया. राजीव रंजन ने कहा की जिस तरीके से भारतीय जनता पार्टी इस विषय को लेकर राजनीति कर रही है वह उसे बिल्कुल शोभा नहीं देता. पहले तो वह लोग उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हैं और जब CBI जांच की अनुशंसा कर दी जाती है तो बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष प्रेस कॉन्फ्रेंस करने लगते हैं. यह भारतीय जनता पार्टी है या भारतीय कंफ्यूज पार्टी यह समझने में राज्य के लोगों को दिक्कत आ रही है.
वहीं बीजेपी की ओर से कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए जाने पर राजीव रंजन ने कहा की वह दिन आज भी लोग नहीं भूले हैं, जब मुख्यमंत्री आवास के बाहर से इंसास राइफल लूट लिया जाता था, मुख्यमंत्री आवास के बाहर हत्या हो जाती थी, दिनदहाड़े मोरहाबादी मैदान में गोलियां चलती थी. यह सब झारखंड की जनता भूली नहीं है.
जज के घर के बाहर सुरक्षा नहीं
एक तरफ मामले में सियासत हो रही है, तो दूसरी ओर वारदात के बाद धनबाद में हीरापुर स्थित ADJ उत्तम आनंद के आवास के बाहर सुरक्षा व्यवस्था ना होने को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं.