देश में ई टेंडरिंग सिस्टम में छेद करते हुए दो उद्योगपतियों ने कई राज्यों में अरबों रुपये के ठेके हड़प लिए. इस धोखाधड़ी के आरोप में ईडी (ED) ने दोनों उद्योगपतियों को गिरफ्तार करने के साथ ही बाकी आरोपियों की जांच तेज कर दी है.
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नई दिल्ली: ED ने मध्य प्रदेश के ई-टेंडर सिस्टम में हेराफेरी करके फर्जी तरीके से टेंडर अपनी कंपनी के नाम करा लेने के आरोप में श्रीनिवास राजू मटेंना (Srinivas Raju Mantena) और उसके साथी आदित्य त्रिपाठी (Aditya Tripathi) को गिरफ्तार किया है. श्रीनिवास राजू मंटेना हैदराबाद की कंपनी M/s Mantena Constructions का मालिक है और आदित्य त्रिपाठी M/s Arni Infra कंपनी का मालिक है. दोनों आपस में दोस्त हैं. आदित्य की कंपनी फ्रंट कंपनी के तौर पर काम करती है.
ED की जांच के मुताबिक मध्यप्रदेश सरकार अपने हर सरकारी काम के लिए ई-टेंडर के जरिए ठेके जारी करती हैं. टेंडर लेने वाली सभी कंपनियों को इसी प्रकिया से गुजरना होता है. मध्यप्रदेश में TCS-Tata Consultancy Services, Antares systems Ltd और MPSEDC इस e-Procurement Portal को संभालते है.
आरोप है कि Antares Systems Ltd के लिये काम करने वाले विनय चौधरी और वरूण चतुर्वेदी ने गलत तरीके से टेंडर को खोला और फिर रिश्वत लेकर Bidding Price में बदलाव कर दिया. जिसकी वजह से M/s MX Mantena JV Hydrabad को 1030 करोड़ का टेंडर मिल गया. यह टेंडर पांच साल के लिए दिया गया था. इसके अलावा और भी काफी कंपननियां है, जिसके लिये टेंडर मनी में बदलाव किया गया.
ED ने भोपाल में दर्ज आर्थिक अपराध शाखा की FIR पर मनी लॉड्रिंग का मामला दर्ज कर M/s Mantena Constructions, M/s Max Infra, M/s GVPR Engineers, M/s Arni Infra, M/s Osmo IT Solutions, M/s Antares के हैदराबाद, भोपाल और बैंगलुरू में 20 ठिकानों पर छापेमारी कर अहम दस्तावेज बरामद किए थे.
जांच में पता चला था कि श्रीनिवास राजू (Srinivas Raju Mantena) की कंपनी और हैदराबाद की कुछ कंपनियां पिछले कुछ समय से लगातार टेंडर जीत रही थी और ये सब टेंडर संभालने वाली कंपनियों की मिलीभगत से हो रहा था. इस काम में श्रीनिवास राजू की मदद आदित्य कर रहा था, जोकि एक तरह से फ्रंट कंपनी के तौर पर काम कर रही थी. इसी के जरिए श्रनिवास राजू सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने और हवाला का पैसा इधर-उधर करने में इस्तेमाल करता था. राजू ने सिर्फ दिखाने के लिये आदित्य को 93 करोड़ का सब कांट्रेक्ट भी दिया था.
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जानकारी के मुताबिक M/s OSMO IT Solutions कंपनी के विनय चौधरी और वरूण चतुर्वेदी फिलहाल भोपाल पुलिस की गिरफ्त में है. अब ED गिरफ्तार श्रीनिवास राजू और आदित्य को रिमांड पर लेकर बाकी आरोपियों के बारे में पता लगाएगी. अनुमान जताया जा रहा है कि ED की इस जांच में अरबों रुपये का घोटाला सामने आ सकता है.
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