दिल्ली: बड़े हवाला रैकेट का पर्दाफाश, ED ने दो चीनी नागरिकों को किया गिरफ्तार
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दिल्ली: बड़े हवाला रैकेट का पर्दाफाश, ED ने दो चीनी नागरिकों को किया गिरफ्तार

इससे पहले 2018 में दलाई लामा की जासूसी करने के मामले में चार्ली पेंग का नाम सामने आया था. इसके बाद शुरू हुई जांच में पहले पुलिस, फिर इनकम टैक्स और अब ईडी ने एक के बाद एक कई खुलासे किए. ऐसा ही एक मामले में अब ईडी ने चार्ली पेंग और कार्टर ली को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में ले लिया है.

फाइल फोटो.

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चीनी मूल के नागरिक चार्ली पेंग (Charlie Peng) और कार्टर ली (Carter Lee) को मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के मामले में गिरफ्तार कर 14 दिन की रिमांड पर ले लिया है. चार्ली पेंग पर 1000 करोड़ रुपये के हवाला कारोबार के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. 

इससे पहले चार्ली पेंग का नाम 2018 मे उस वक्त सामने आया था जब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल (Delhi Police Special Cell) ने उसको दलाई लामा (Dalai Lama) की जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया था. लेकिन बाद में चार्ली पेंग के खिलाफ पुलिस ने फर्जी पासपोर्ट (Fake Passport) और गलत तरह से भारत मे रहने के आरोप में चार्जशीट दाखिल की थी. इसके बाद चार्ली पेंग और उसके सहयोगियों पर 1000 करोड़ के हवाला मामले में इनकम टैक्स ने शिकंजा कसा था. इनकम टैक्स ने इस मामले में दिल्ली-गुरुग्राम में 12 से अधिक जगहों पर छापेमारी भी थी. चार्ली पेंग पर शैल कंपनियों के द्वारा पैसा इधर से उधर करने का आरोप था.

PMLA केस में ED ने रिमांड पर लिया

वहीं ED ने भी चार्ली पेंग और अन्यों के खिलाफ स्पेशल सेल की एफआईआर के आधार पर पीएमएलए (PMLA) का केस दर्ज किया था. अब इसी मामले में ईडी ने चार्ली पेंग और कार्टर ली को गिरफ्तार कर 14 दिन की रिमांड पर ले लिया है. इन 14 दिनों में ईडी चार्ली पेंग और चीन की भारत के खिलाफ चल रही साजिश का खुलासा करने की कोशिश करेगी. वहीं चीनी मूल के लोग देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरीके से भारतीयों को ठगने की कोशिश में लगे हुए थे. जिसके बाद जांच एजेंसियों की नजर चीन की नापाक साजिश पर पड़ी थी. इसी कड़ी में पिछले दिनों हैदराबाद पुलिस (Hyderabad Police) ने मल्टी करोड़ लोन स्कैम मामले में एक चीनी नागरिक को गिरफ्तार किया था, जिसकी जांच के दौरान एक बड़े नेटवर्क का पता चला था. 

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लोगों से वसूला था 36% तक ज्यादा ब्याज

इस स्कैम में कई कंपनियां शामिल थी, जिन्‍होंने स्‍कैम के शिकार लोगों से 36 प्रतिशत तक ज्‍यादा ब्‍याज वसूला. इसके बाद लोन लेने वालों को डराया-धमकाया भी जाता था. चीनी नागरिक झु वेई उर्फ लंबो को दिल्‍ली एयरपोर्ट (Delhi Airport) पर तब रोका गया, जब वह देश छोड़ने की तैयारी कर रहा था. 27 साल का लंबो चीन के एक प्रांत का रहने वाला है. पुलिस ने इसे तब गिरफ्तार किया जब वो दिल्ली एयरपोर्ट से फ्रैंकफर्ट (Frankfurt) के रास्ते शंघाई (Shanghai) जाने की कोशिश कर रहा था. इस केस में चार चीनी नागरिकों समेत 20 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि झु वेई इस पूरे अवैध लोन ऐप ऑपरेशन का प्रमुख था और चार कंपनियों के जरिए उसने इतना बड़ा स्‍कैम किया था. वो ही उन ऐप और कॉल सेंटर्स को चलाता था, जिनके जरिए कर्जदारों को धमकाया और ब्लैकमेल किया जाता था. पुलिस के मुताबिक मल्टी करोड़ लोन स्कैम मामले में दिल्ली, मुंबई, गुरुग्राम, नागपुर, पुणे समेत  कई कॉल सेंटर का भंडाफोड़ हुआ है.

करीब 21,000 करोड़ का है स्कैम

दरअसल, इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब कथित तौर पर कर्ज से परेशान करने की वजह से तीन लोगों के आत्‍महत्‍या करने की बात सामने आई. पुलिस की जांच में पता चला कि अब तक इन कंपनियों के जरिए 21,000 करोड़ का स्‍कैम किया गया था. जांच के दौरान लंबो की भूमिका की जानकारी उसकी गर्लफ्रेंड के फोन से मिली थी. जिसके बाद पता चला कि वो देश छोड़कर विदेश भागने की फिराक में है. लिहाजा पुलिस ने ट्रेप लगकर दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया. हैदराबाद में हुई इस गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने ऑनलाइन मल्टी-लेवल मार्केटिंग कैंपेन के जरिए आकर्षक रिटर्न का लालच दिखाकर लोगों को ठगने वाले एक अंतरराष्ट्रीय मालवेयर और फ्रॉड गिरोह को गिरफ्तार किया था. अरेस्ट किए गए लोगों में 2 चीनी नागरिक भी थे.

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ऐप की मदद से चुराते थे लोगों का डेटा

दिल्ली पुलिस ने 15 जनवरी को कहा था कि उन्होंने ऑनलाइन फ्रॉड (Online Fraud) के इस मामले में अब तक कुल 12 लोगों को अरेस्ट किया है. इनमें दो चीन के नागरिकों के साथ एक तिब्बत का नागरिक भी है. पुलिस के मुताबिक, आरोपी एक एमएलएम ऐप की मदद से लोगों के डिवाइस में मालवेयर की सेंधमारी करते थे. बता दें कि दिल्ली पुलिस की साइबर सेल की तरफ से 13 जनवरी से शुरू किए गए छापों में अब तक कुल 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें दो महिला चीन की नागरिक चौहांग देंग दाओयॉन्ग (27) और वू जियाजी (54) शामिल थी. गौरतलब है कि लगभग 40,000 ऐसे पीड़ितों की पहचान की गई थी, जिनके साथ दो महीने के दौरान करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की गई थी. गिरफ्तार किए गए चीनी नागरिकों से नकदी के रूप में 25 लाख रुपये भी बरामद किए गए थे, जबकि विभिन्न खातों में जमा धोखाधड़ी की 4.75 करोड़ रुपये की राशि ब्लॉक कर दी गई है. 

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DCP ने ZEE News पर किया खुलासा

डीसीपी अनयेश राय ने खुलासा करते हुए ZEE News को बताया कि सब्सक्रिप्शन का जमा कराया गया पैसा 40 से ज्यादा कंपनियों में रूट होता था. इसमें कई चीनी डायरेक्टर भी हैं. उन्होंने कहा कि हमने 13 जनवरी को दिल्ली में कई जगह छापा मारकर एक ऐप से जुड़े 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें दो चीनी नागरिक भी शामिल हैं. बता दें कि मालवेयर का उपयोग कंप्यूटर पर महत्वपूर्ण जानकारी की चोरी करने या गोपनीय जानकारी में सेंध लगाने के लिए किया जाता है. कई मालवेयर अवांछनीय ईमेल भेजने और कंप्यूटर पर गोपनीय और अश्लील संदेश भेजने और प्राप्त करने का काम करते हैं. इसमें चौकाने वाली बात यह है कि इसका प्रयोग कई हैकिंग करने वाले हैकर अपने फायदे के लिए करते थे और यूजर्स को इसका पता तक नहीं चल पाता है कि उनके अकाउंट से क्या मेल किया गया है. सूत्रों के मुताबिक एजेंसियो को अपनी जांच में पता चला है कि चीन अपनी तकनीक का फायदा उठाकर जानबूझकर भारत के लोगों को शिकार बना रहा है. फिलहाल चीन की चाल को जानने के बाद अब भारत की एजेंसियां चीन की साजिश पर खासतौर पर नजर रखे हुए है.

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