समाज में इज्जत न मिलने के कारण मोहाली में ट्रांसजेंडर ने मौत को गले लगाया
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समाज में इज्जत न मिलने के कारण मोहाली में ट्रांसजेंडर ने मौत को गले लगाया

मोहाली के बड़माजरा में किराये के मकान में रहने वाले 19 साल के ट्रांसजेंडर ने फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली. 

हीना ने बस्सी पठाना के स्कूल से प्राइवेट 12वीं की परीक्षा दी थी और 70% से ज्यादा अंक हासिल किए थे.

मोहाली: मोहाली के बड़माजरा में किराये के मकान में रहने वाले 19 साल के ट्रांसजेंडर ने फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली. ट्रांसजेडर का नाम हीना बताया जा रहा है. पड़ोसियों ने हीना को पंखे से लटके देखा तो पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने पोस्टमार्टम करवा शव घरवालों को सौंप दिया. घरवाले शव को अपने मूल निवास स्थान बस्सी पठाना में संस्कार के लिए ले गए. 

पुलिस ने इस मामले में मृतक के पिता हरमिंदर सिंह के बयान पर सीआरपीसी की धारा 174 के तहत कार्रवाई की. एसएचओ अमृतपाल सिंह ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि बड़माजरा में एक लड़की ने पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली है. जाकर देखा तो पता चला कि वह ट्रांसजेंडर है. घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है.

हीना के साथी धनंजय ने बताया कि हीना उर्फ गुरप्रीत सिंह मूल रूप से पंजाब के बस्सी पठाना का रहने वाला था परंतु डेढ़ साल पहले उसके घरवालों ने उसे घर से निकाल दिया था. जिसके बाद वह अपने अन्य ट्रांसजेंडर साथियों के साथ बड़माजरा में किराए के मकान में रह रहा था. ट्रांसजेंडर हीना वकील बनना चाहता था लेकिन आर्थिक तंगी के कारण 5 साल की एलएलबी की जगह 3 साल की जर्नलिज्म में एडमिशन ले 
लिया था.

हीना ने बस्सी पठाना के स्कूल से प्राइवेट 12वीं की परीक्षा दी थी और 70% से ज्यादा अंक हासिल किए थे. उसको पंचकुला के सरकारी कॉलेज में एडमिशन भी मिल गया था लेकिन कॉलेज जाने से पहले ही उसने आत्महत्या कर ली. धनंजय ने बताया कि हीना को टेंशन थी कि अकेले रहते हुए पढ़ाई, खाने और रहने का खर्च कैसे पूरा होगा. समाज भी उन जैसे लोगों को अपनाता नहीं और अलग नज़रिए से देखता है. वह अक्सर कहा करती थी कि तमाम कोशिशों के बावजूद ट्रांसजेंडर को समाज में इज्जत नहीं मिल रही.

धनंजय ने बताया कि पंजाब में उसे एडमिशन नहीं मिली तो हरियाणा के पंचकुला में गवर्नमेंट कॉलेज में एडमिशन लिया. वह पहला ऐसा ट्रांसजेंडर था जिसको पहली बार हरियाणा में एडमिशन मिला था. उसे पढ़ाई में शौक था, लेकिन आर्थिक तंगी थी और घरवाले साथ नहीं देते थे. किसी तरह साथियों ने पैसे इकट्‌ठे कर एडमिशन करवा दिया. अब फीस की दिक्कत थी. इसलिए शुक्रवार को प्रिंसिपल सेक्रेटरी आईएएस नीरजा शेखर गवर्नमेंट ऑफ पंजाब से मिले थे. जिसके बाद हीना की फीस भी माफ हो गई थी और सब इसको लेकर काफी खुश थे लेकिन इससे पहले उसने आत्महत्या कर ली.

हीना लोकसभा चुनाव से पहले ही 18 साल पूरे कर 19वें साल में पहुंचा था. इस बार उसने पहली बार अपना मतदान किया था. पंजाब चुनाव आयोग ने हीना का पहले वोटर के तौर पर अपनी साइट पर पोस्टर भी लगाया था. इसको लेकर भी वह काफी खुश था और उसने पहली बार अपने मतदान का प्रयोग किया. 

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