Digital Arrest: दिन में करता था कबाड़ का काम, रात में डिजिटल अरेस्ट कर लोगों का कर लेता था खाता साफ
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Digital Arrest: दिन में करता था कबाड़ का काम, रात में डिजिटल अरेस्ट कर लोगों का कर लेता था खाता साफ

What is Digital Arrest: आपने डिजिटल अरेस्ट के बारे में तो सुना होगा. अब पुलिस ने एक ऐसा बदमाश पकड़ा है, जो दिन में तो कबाड़ बीनने का काम करता था लेकिन रात होते ही लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर लूटने लगता था.

 

Digital Arrest: दिन में करता था कबाड़ का काम, रात में डिजिटल अरेस्ट कर लोगों का कर लेता था खाता साफ

How to Avoid Digital Arrest: शायद आपके मोहल्ले, गली या गांव में कबाड़ी का काम करने वाले रहते होंगे. ये भी संभव है कि आप उन्हें देखकर भी अनदेखा कर देते होंगे. पर यूपी में कबाड़ का काम करनेवाला एक ऐसा अपराधी गिरफ्तार हुआ है, जो डिजिटल अरेस्ट करके लोगों को ठग रहा था. हाल में बाबा सिद्दीकी की हत्या करनेवाले शूटर भी पहले कबाड़ का काम करते थे. ऐसे में क्राइम और कबाड़ के कनेक्शन पर आज आपको सावधान करने वाली ये रिपोर्ट जरूर पढ़नी चाहिए. 

डिजिटल अरेस्ट करने वाले कबाड़ी से सावधान

आगरा में यूपी एसटीएफ की टीम ने एक ऐसे क्रिमिनल को पकड़ा है, जो कबाड़ का काम करते हुए साइबर क्राइम करके लोगों से करोड़ों की ठगी कर रहा है. इस आरोपी का नाम है शाहरुख. इसके पास से यूपी एसटीएफ को 10 सिम कार्ड और 14 बैंक अकाउंट्स के एटीएम कार्ड मिले हैं. दिखाने के लिये ये कबाड़ का काम करता है. 

क्राइम और कबाड़ का क्या है कनेक्शन?

कुछ दिनों पहले बाबा सिद्दीकी को मारने वाले शूटर भी कबाड़ी का काम करने वाले निकले थे. क्राइम और कबाड़ का कनेक्शन इन आंकड़ों से समझिये - 

- कबाड़ के धंधे में मुनाफा 90 फीसदी से ज्यादा होता है.

- देश में कबाड़ का धंधा करीब 92 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का है.

- बड़े बड़े अपराधी जैसे अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी और ब्रजेश सिंह ने भी कबाड़ और स्क्रैप के धंधे में जबरदस्त पैसा कमाया.

- अपराधियों के लिये ये धंधा करना आसान होता है साथ ही ये धंधा कैश में होता है इसलिये अपराधियों को पकड़ना मुश्किल होता है.

कबाड़ी की आड़ में लोगों को करता था डिजिटल अरेस्ट

आगरा का शाहरुख भी कहने के लिये कबाड़ी था. पर इसका असली धंधा डिजिटल अरेस्ट करके वसूली का है..लेकिन अब एसटीएफ इससे पूछताछ करके इसकी क्राइम कुंडली तैयार कर रही है.

सबसे पहले समझिए कि डिजिटल अरेस्ट क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है. LIVE डिजिटल अरेस्ट का पहली बार एक वीडियो सामने आया. जिसमें ठग ने पूरा माहौल बनाकर कॉल किया और डराकर पैसे ऐंठने की भूमिका बनाई. 

IVR रिकॉर्डेड कॉल से शुरू हुआ सिलसिला

डिजिटल अरेस्ट का पूरा खेल एक IVR रिकॉर्डेड कॉल से शुरू हुआ. जिसमें ठग कॉल करके कोर्ट वॉरंट और ED के नाम पर धमकाता है . वायरल हुए वीडियो में भी सामने एक पुलिस वाला बैठा है. इसे देखकर ऐसा लग रहा है कि वो किसी थाने में बैठा है और पीछे पुलिस का बड़ा सा LOGO लगा है.

आपको कुछ करना नहीं है. इधर उधर मत जाइए और ठीक से बैठ जाइए. पीड़ित मोहित यादव ने बताया, मतलब ऐसा लगे कि पूरा का पूरा सेटअप है और पुलिस स्टेशन से बात कर रहे हैं. पुलिस वाले नंबर से इन्होंने मुझे कॉल किया. 

हर आरोपी की जानकारी रखते हैं क्रिमिनल

डिजिटल अरेस्ट करने वाले क्रिमिनल के पास आपकी हर जानकारी होती है और फेक तरीके से आपको पूरी तरह से फंसाने का प्रयास करते हैं. इस तरह का जो भी कॉल आपके पास आता है या कोई भी शख्स पुलिस अधिकारी बनकर आपसे तमाम जानकारी हासिल करता है तो उसे ना दें. 

कबाड़ के नाम पर क्राइम करनेवाला शाहरुख पकड़ा गया. लेकिन ऐसे कई कबाड़ी क्रिमिनल आपके शहर में भी हो सकते हैं. जिनसे आपको सावधान रहने की जरूरत है. 

(दिल्ली से राजू राज और आगरा से मनीष गुप्ता की रिपोर्ट)

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