सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने 10वीं और 12वीं के नतीजे घोषित कर दिए हैं. अब स्टूडेंट्स की नई मंजिल की तरफ खोज शुरू होगी.
Trending Photos
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने 10वीं और 12वीं के नतीजे घोषित कर दिए हैं. अब स्टूडेंट्स की नई मंजिल की तरफ खोज शुरू होगी. कोई देश में ही रहकर आगे की पढ़ाई करेगा तो कोई हायर एजुकेशन के लिए विदेश जाएगा. देश में बढ़ती स्टूडेंट्स की भीड़ और मारिट के आधार पर तय होने वाले एडमिशन के चलते अक्सर यह चिंता होती है कि आगे की पढ़ाई कहां करें. बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स विदेशों में पढ़ाई करना चाहते हैं, लेकिन महंगी फीस के चलते अधिकांश स्टूडेंट्स ऐसा नहीं कर पाते. दुनिया में कई ऐसे भी देश हैं जहां आपको पढ़ाई के लिए पैसे देने की भी जरूरत नहीं. भारतीयों के लिए यहां सबसे ज्यादा ऑप्शन हैं. वहीं कुछ देश ऐसे हैं, जहां पर हायर एजुकेशन के लिए फीस नहीं के बराबर है.
जर्मनी: बेहतरीन और रियायती शिक्षा के मामले में जर्मनी सबसे ऊपर है. यहां पर किसी भी सरकारी विश्वविद्यालय में कोई ट्यूशन फीस नहीं ली जाती. भले ही पढ़ने वाला जर्मनी का हो या किसी और देश का. हालांकि, आपको एडमिनिस्ट्रेशन फीस देनी होती है, जो सालाना करीब 11 हजार से 19 हजार रुपए के बीच होती है.
नार्वे: इस देश में ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और डॉक्टरेट प्रोग्राम पूरी तरह से फ्री है. आप नार्वे के नागरिक हों या किसी और देश के नागरिक, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. लेकिन, इसके लिए आपको एक शर्त पूरी करनी होगी. शर्त यह है कि आपको नार्वे की भाषा आनी चाहिए. अगर आप यहां पढ़ने की योजना बना रहे हैं तो इस भाषा को सीख लें.
CBSE 10th Result 2018: ये है 10वीं के टॉपर्स की लिस्ट, देखिए किसे मिले कितने अंक
फिनलैंड: किसी भी देश के नागरिक से फिनलैंड में ट्यूशन फीस नहीं ली जाती. हालांकि, पिछले कुछ समय में नियम बदले गए हैं. अब यूरोपीय यूनियन और यूरोपियन इकोनॉमिक एरिया से बाहर के ऐसे छात्रों से ट्यूशन फीस ली जाएगी, जो अंग्रेजी भाषा से ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स करना चाहते हैं. यदि आप यहां की स्थानीय भाषा सीख लेते हैं तो आप फ्री में पढ़ाई कर सकते हैं.
स्वीडन: ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए स्वीडन में यूरोपीय इकोनॉमिक एरिया के छात्रों से किसी तरह की फीस नहीं ली जाती है. भारत जैसे देश इसमें नहीं आते, हालांकि तब भी यहां पीएचडी सभी के लिए पूरी तरह फ्री है. साथ ही यहां पर पीएचडी करने वालों को सरकार की तरफ से हर महीने कुछ पैसे भी मिलते हैं.
फ्रांस और स्पेन: यहां पर कुछ सरकारी यूनिवर्सिटी को छोड़कर हर जगह हायर एजुकेशन फ्री है. इसी तरह स्पेन भी यूरोपीय यूनियन के छात्रों को फ्री एजुकेशन देता है. बाकी छात्रों के लिए भी फीस बहुत कम है. भारतीयों के लिए भी कुछ स्ट्रीम में यहां फ्री पढ़ाई का मौका है.
ऑस्ट्रिया: यहां यूरोपीय यूनियन के छात्रों की शिक्षा फ्री है. बाकी लोगों से फीस ली जाती है, मगर अच्छी बात यह है कि यहां की फीस बहुत कम है. भारतीय रुपए में देखें तो यह करीब 55 हजार रुपए सालाना ही पड़ती है.