स्कूल में टीचर ने की बेइज्जती, कॉलेज में हुआ यौन शोषण, फिर भी बनीं देश की पहली ट्रांसजेंडर सिविल सेवा अधिकारी
Advertisement
trendingNow11646364

स्कूल में टीचर ने की बेइज्जती, कॉलेज में हुआ यौन शोषण, फिर भी बनीं देश की पहली ट्रांसजेंडर सिविल सेवा अधिकारी

India's First Transgender Civil Servant Officer: ऐश्वर्या ऋतुपर्णा प्रधान साल 2010 में एक पुरुष कैंडिडेट के रूप में ओडिशा राज्य की सिविल सेवा परीक्षा में शामिल हुईं थी और उन्होंने परीक्षा क्वॉलीफाई भी कर दी थी.

स्कूल में टीचर ने की बेइज्जती, कॉलेज में हुआ यौन शोषण, फिर भी बनीं देश की पहली ट्रांसजेंडर सिविल सेवा अधिकारी

India's First Transgender Civil Servant Officer: भारत में ट्रांसजेंडर यानी थर्ड जेंडर, आम भाषा में कहें तो किन्नर समुदाय के लोगों को आज भी लोगों के द्वारा स्वीकारा नहीं गया है. वे आज 21वीं शताब्दी में अपने स्वीकार्यता के लिए संघर्ष कर रहे हैं. आज के समय में तो समलैंगिकता कानूनी रूप से भी अपराध नहीं है, लेकिन इसके बावजूद समाज में अधिकारों की लड़ाई उनके लिए अब भी जारी है. हालांकि, इन्हीं के बीच कई कठिनाइयों का सामना करते हुए एक ट्रांसजेंडर ऐश्वर्या ऋतुपर्णा प्रधान ने इतिहास रचा है. ऐश्वर्या ने समाज की विभिन्न प्रकार की क्रूरता के सामने अपने सपनों को दम नहीं तोड़ने दिया. ऐश्वर्या का स्कूल में उनके टीचर्स द्वारा भारी अपमान किया गया, यहां तक कि कॉलेज के हॉस्टल में उनके साथ यौन शोषण जैसा कुकर्म भी किया गया. इस कुकर्म के सदमे से बाहर आने के लिए उन्होंने काफी मेंटल ट्रामा भी सहा, लेकिन इन सब से ना हारते हुए उन्होंने जीवन में कुछ बड़ा करने का सोचा और अंतत: भारत की पहली ट्रांसजेंडर सिविल सेवा अधिकारी बन गईं.

बता दें कि ऐश्वर्या ऋतुपर्णा प्रधान ओडिशा के कंधमाल जिले के कतिबागेरी गांव की रहने वाली हैं. उन्हें अपने जेंडर ओरिएंटेशन की पहचान पहली बार कक्षा 6 में हुई थी. इसके बाद उन्होंने अपने आप को महिला की तरह ट्रीट करना शुरू दिया था. यही वो समय था, जिसके बाद उनके जीवन की कठिनाइयां बढ़ती चली गई. सेक्सुअल ओरिएंटेशन के चलते उनके टीचर्स द्वारा भी उनका भारी अपमान किया गया. कक्षा में उनके साथ काफी दुर्व्यवहार किया गया, लेकिन उन्होंने कैसे भी करके अपनी स्कूलिंग कंप्लीट की. इसके बाद उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मॉस कम्युनिकेशन (IIMC) से ग्रेजुएशन का डिग्री हासिल की और लोक प्रशासन में पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया.

ऐश्वर्या ऋतुपर्णा प्रधान साल 2010 में एक पुरुष कैंडिडेट के रूप में ओडिशा राज्य की सिविल सेवा परीक्षा में शामिल हुईं थी और उन्होंने परीक्षा क्वॉलीफाई भी कर दी थी. हालांकि, इसके बावजूद उनकी मुश्किलें आसान नहीं हुई. लोग कर्तव्य निभाने की उनकी क्षमता पर संदेह करते थे. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट द्वारा साल 2014 में जब ट्रांसजेंडर को तीसरे जेंडर के रूप में मान्यता दी गई, तब जाकर कहीं उन्हें कुछ राहत मिली. इसके तुरंत बाद उन्होंने अपना जेंडर पुरुष से महिला में बदलने का फैसला किया. इसके बाद उन्होंने लिंग परिवर्तन कराने की कागजी कार्रवाई भी पूरी की. साथ ही उन्होंने अपने लिए एक नया नाम ऐश्वर्या ऋतुपर्णा प्रधान भी चुना.

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले ताज़ा ख़बर अभी पढ़ें सिर्फ़ Zee News Hindi पर| आज की ताजा ख़बर, लाइव न्यूज अपडेट, सबसे ज़्यादा पढ़ी जाने वाली सबसे भरोसेमंद हिंदी न्यूज़ वेबसाइट Zee News हिंदी।

Trending news