AMU में भी CUET के जरिए होगा प्रवेश, अकादमिक काउंसिल ने लगाई मुहर
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AMU में भी CUET के जरिए होगा प्रवेश, अकादमिक काउंसिल ने लगाई मुहर

केंद्र ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए एएमयू और जामिया मिलिया इस्लामिया को स्पष्ट कर दिया है कि सीयूईटी सभी स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश करने पर लागू किया जाएगा. साथ ही एएमयू की तरफ से अपनाई जाने वाली आरक्षण नीतियों पर सीयूईटी का कोई प्रभाव भी नहीं पड़ेगा.

AMU में भी CUET के जरिए होगा प्रवेश, अकादमिक काउंसिल ने लगाई मुहर

नई दिल्ली: केंद्र सरकार की तरफ से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) की सीमित संख्या में स्नातक कार्यक्रमों के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) शुरू करने की याचिका को मंजूरी दे दी गई है. शनिवार को विश्वविद्यालय के शीर्ष शैक्षणिक निकाय ने इस साल से शुरू हो रहे नए शैक्षणिक सत्र के लिए आयोजित की जाने वाली प्रवेश परीक्षा को अपनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. 

विश्वविद्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि अकादमिक परिषद के सदस्यों की एक बैठक में इस मुद्दे के सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया है. इसमें पिछले साल दिसंबर में परिषद की ओर से गठित समिति की सिफारिशों को भी स्वीकार कर लिया गया था. 

इस बैठक की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति ने की और इसमें रजिस्ट्रार, परीक्षा नियंत्रक, संकाय के डीन, कॉलेजों के प्राचार्य, विभागों के अध्यक्ष, केंद्रों के निदेशक और अन्य अकादमिक परिषद के सदस्य शामिल थे.

समिति की चर्चा के दौरान यह कहा गया कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी सीयूईटी के टेस्ट स्कोर का उपयोग करेगा, लेकिन उनके आंतरिक आरक्षण, विभिन्न श्रेणियों के लिए कुलपति के नामांकन, ब्रिज कोर्स और मदरसों के छात्रों के प्रवेश अप्रभावित रहेंगे. साथ ही विश्वविद्यालय अपना काउंसलिंग सेशन आयोजित करेगा और यह बी.टेक, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम, कक्षा 11वीं, डिप्लोमा पाठ्यक्रम, स्कूलों और अन्य सभी पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करेगा, जो सीयूईटी में नहीं हैं दिए गए हैं.

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एएमयू की तरफ से 28 मार्च 2022 को शिक्षा मंत्रालय को पत्र भेजा गया था, जिसमें कहा गया था कि वह केवल आठ स्नातक पाठ्यक्रमों, तीन व्यावसायिक पाठ्यक्रमों और पांच बीए कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए सीयूईटी स्कोर का उपयोग करना चाहता है. वहीं दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) ने भी इसी तरह का अनुरोध करते हुए कहा था कि वह दो व्यावसायिक और छह बीए (ऑनर्स) पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए सीयूईटी स्कोर का उपयोग करेगा. 

केंद्र ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए दोनों विश्वविद्यालयों को स्पष्ट कर दिया कि सीयूईटी सभी स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश करने पर लागू किया जाएगा. जिसका आयोजन जुलाई महीने के पहले और दूसरे सप्ताह में किया जाएगा. 

एएमयू ने 28 मार्च को सीयूईटी के संदर्भ में सरकार को पत्र लिख कर अपना दूसरा संदेश दिया था. इससे पहले विश्वविद्यालय ने पहली बार फरवरी में केंद्र को पत्र लिखकर सीयूईटी से छूट की मांग करते हुए अपनी अल्पसंख्यक स्थिति का हवाला देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में चुनाव लड़ा था. तब केंद्र ने अपनी प्रतिक्रिया में यह तर्क दिया था कि एएमयू की तरफ से अपनाई जाने वाली आरक्षण नीतियों पर सीयूईटी का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

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शनिवार को एएमयू ने एक बयान में कहा कि अकादमिक काउंसिल की ओर से अनुमोदित समिति की सिफारिशों के अनुसार विश्वविद्यालय अपनी काउंसलिंग खुद आयोजित करेगा. जैसा कि पिछले वर्षों के दौरान होता रहा है. एएमयू की तरफ से मान्यता प्राप्त मदारियों व संस्थानों के छात्र अगर एएमयू में प्रवेश के लिए निर्धारित पात्रता शर्तों को पूरा करते हैं, तो वे सीसीयूईटी के स्कोर के आधार पर विश्वविद्यालय में प्रवेश ले सकेंगे. इसी के साथ एएमयू ब्रिज कोर्स (सीईपीईसीएएमआई) में स्नातक करने वाले छात्र भी निर्धारित पात्रता शर्तों को पूरा करते हैं, तो उन्हें भी सीसीयूईटी के स्कोर के आधार पर विश्वविद्यालय में प्रवेश दिया जाएगा.  

बयान में यह भी कहा गया है कि आंतरिक कोटे और सभी नामांकन कोटे (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के बच्चे, पूर्व छात्रों के बच्चे, केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चे जो हाल ही में अलीगढ़ में तैनात या स्थानांतरित हुए हों, शारीरिक रूप से विकलांग, एनसीसी कैडेट, उत्कृष्ट खिलाड़ी, उत्कृष्ट डिबेटर, सशस्त्र बल के सैनिकों के बच्चे जो युद्ध में मारे गए) पहले की तरह बरकरार रहेंगे.

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