नागार्जुन गौड़ा का जन्म कर्नाटक के गांव में हुआ था. उनके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, इसके बावजूद उन्होंने कड़ी मेहनत के साथ पढ़ाई की. इंटरमीडिएट के बाद उन्होंने एमबीबीएस का एंट्रेंस एग्जाम क्लियर कर लिया.
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नई दिल्ली. Success Story Of IAS Topper Nagarjun B Gowda: 'मजबूत इरादे और मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती है.' ये कहावत नागार्जुन गौड़ा के संघर्ष पर एकदम सही बैठती है. गौड़ा ने पहले मेहनत करके पढ़ाई की और एमबीबीएस की परीक्षा पास की, उसके बाद डॉक्टरी करने लगे. यहां से उनके मन में यूपीएससी ज्वॉइन करने का ख्याल आया. इसके बाद उन्होंने कड़ी मेहनत की और 2018 में यूपीएससी का एग्जाम दिया तो AIR 418 रैंक मिली.
गरीबी नहीं तोड़ सकी हौसला
नागार्जुन गौड़ा का जन्म कर्नाटक के गांव में हुआ था. उनके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, इसके बावजूद उन्होंने कड़ी मेहनत के साथ पढ़ाई की. इंटरमीडिएट के बाद उन्होंने एमबीबीएस का एंट्रेंस एग्जाम क्लियर कर लिया.
जिसके बाद उन्होंने MBBS में एडमिशन लिया. MBBS पूरा करने के बाद उन्होंने एक हॉस्पिटल में नौकरी की. इसी दौरान उन्होंने यूपीएससी में जाने का फैसला किया. लेकिन घर में कमाने वाला कोई और नहीं था, इसलिए उन्होंने नौकरी के साथ-साथ तैयारी की.
नौकरी के साथ ही 8 घंटे की पढ़ाई
नागार्जुन ने नौकरी के साथ हर दिन करीब 6 से 8 घंटे निकालकर पढ़ाई की. उनका मानना है कि अगर आप अच्छी रणनीति के साथ हर दिन इतना वक्त पढ़ाई के लिए निकाल लेंगे तो नौकरी के साथ भी परीक्षा पास कर सकते हैं.
यूपीएससी की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को लेकर उनका कहना है कि शेड्यूल बनाकर ही पढ़ाई करनी चाहिए. क्योंकि इससे सिलेबस भी पूरा हो जाता है और हर विषय को बराबर समय भी मिल जाता है. इसके अलावा हमारी मजबूती और कमजोरी के बारे में भी हमें पता चल जाता है. जिसे हम आसानी से दूर कर सकते हैं.
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