कर्णम मल्लेश्वरी बनीं दिल्ली खेल विश्वविद्यालय की पहली कुलपति, ओलंपिक में जीता था पहला मेडल
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कर्णम मल्लेश्वरी बनीं दिल्ली खेल विश्वविद्यालय की पहली कुलपति, ओलंपिक में जीता था पहला मेडल

कर्णम मल्लेश्वरी को 1994 में अर्जुन पुरस्कार और 1999 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. इसके अलावा उन्हें 1999 में पद्म श्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था.

फाइल फोटो.

नई दिल्ली. भारत की पहली महिला ओलंपिक मेडल विजेता कर्णम मल्लेश्वरी (Karnam Malleswari) को दिल्ली सरकार ने दिल्ली खेल विश्वविद्यालय का पहला कुलपति नियुक्त किया गया. इस बात की जानकारी दिल्ली सरकार की तरफ से दी गई. मल्लेश्वरी हरियाणा के यमुनागर की रहने वाली हैं. 2000 सिडनी ओलंपिक में वेट लिफ्टिंग में उन्होंने ब्रॉन्च मेडल जीता था. उनका यह रिकॉर्ड अभी भी बरकरार है.

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मिल चुका अर्जुन और राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार
कर्णम मल्लेश्वरी को 1994 में अर्जुन पुरस्कार और 1999 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. इसके अलावा उन्हें 1999 में पद्म श्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. वह अभी FCI में मुख्य महाप्रबंधक के रूप में कार्यरत हैं.

आंध्र प्रदेश में हुआ था जन्म
कर्णम मल्लेश्वरी का जन्म 1 जून, 1975 को श्रीकाकुलम, आंध्र प्रदेश में हुआ था. उन्होने अपने करियर की शुरुआत जूनियर वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप से की. जहां उन्होंने नंबर एक पायदान पर कब्जा किया. मल्लेश्वरी ने 1997 में शादी की और वेट लिफ्टिंग प्रतियोगिता के लिएअल्प विराम हेतु यमुनानगर, हरियाणा चली आईं. 1998 में बैंकाक एशियाई खेलों में भाग लेने के लिए जब लौटी तो ब्रॉन्ज मेडल जीता.

1992 के एशियन चैंपियनशिप में मल्लेश्वरी ने 3 रजत मेडल जीते. इसके बाद उन्होंने 1993, 1994, 1995 और 1996 में विश्व चैंपियनशिप में दो गोल्ड और दो सिल्वर सहित कई अंतरराष्ट्रीय मेडल जीता. लेकिन उन्हें सबसे बड़ी कामयाबी 2000 के सिडनी ओलिंपिक में मिली, जहां उन्होने ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया.

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इस वजह से 2002 के राष्ट्रमंडल खेलों में नहीं हुईं शामिल
कर्णम मल्लेश्वरी 2002 के राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेने की योजना बना रही थीं, लेकिन पिता की मृत्यु के कारण वह भाग नहीं ले सकीं.  वहीं, एथेंस 2004 ओलिंपिक में पदक नहीं मिलने की वजह से उन्होंने सन्यास ले लिया था.

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