GK: कुतुबमीनार और स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी भी इसके आगे लगेंगे छोटे, जानिए दुनिया के सबसे लंबे पेड़ के बारे में
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GK: कुतुबमीनार और स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी भी इसके आगे लगेंगे छोटे, जानिए दुनिया के सबसे लंबे पेड़ के बारे में

Tallest Tree: साइंस कहता हैं कि घर के आसपास 10 पेड़ मौजूद हैं तो वहां रहने वाले लोगों उम्र में 7 साल तक की बढ़ोतरी हो सकती है. आज हम बात करेंगे दुनिया के सबसे लंबे पेड़ की, क्या आप जानते हैं इस प्राकृतिक अजूबे के बारे में?

GK: कुतुबमीनार और स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी भी इसके आगे लगेंगे छोटे, जानिए दुनिया के सबसे लंबे पेड़ के बारे में

World Tallest Tree: पड़-पौधों के बिना हम धरती पर जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते, हमारा का जीवन इनके बिना अधूरा है. पेड़-पौधों से हमें न केवल ऑक्सीजन मिलती है, बल्कि हमारी लाइफ में इनकी अहम भूमिका होती है.

आपने दुनिया भर में पाई जाने वाली वनस्पतियों के बारे में सुना या पढ़ा होगा, लेकिन आज हम आपको  दुनिया के सबसे ऊंचे पेड़ के बारे में बता रहे हैं. इस पेड़ की ऊंचाई इतनी ज्यादा है कि इसके सामने कुतुब मीनार और स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी भी छोटे नजर आते हैं. 

किसी अजूबे से कम नहीं है ये पेड़
दुनिया का सबसे लंबा जीवित पेड़ अमेरिका के मौजूद है. कैलिफोर्निया के रेडवुड नेशनल पार्क में स्थित इस पेड़ की ऊंचाई करीब 115.85 मीटर है. एक रिपोर्ट के मुताबिक जब इस पेड़ की ऊंचाई को कुछ और चीजों से तुलना की गई तो सामने आया कि इसकी पेड़ की लंबाई अमेरिकी संसद भवन, न्यूयॉर्क के स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी और भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित कुतुब मीनार से भी ज्यादा है.

दुनिया के सबसे ऊंचे पेड़ का नाम हाइपरियन है, जिसे साल 2006 में खोजा गया था. इस पेड़ का नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड बुक में दर्ज है. दुनिया का सबसे लंबा पेड़ माना जाता वाला रेडवुड नेशनल पार्क में मौजूद यह पेड़ बहुत दूर से ही नजर आ जाता है.

सबसे अच्छे प्राकृतिक फिल्टर
एक रिपोर्ट के मुताबिक एक पेड़ पूरे साल में तकरीबन 20 किलो धूल और 20 टन कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित करता है, जबकि लगभग 700 किलोग्राम ऑक्सीजन पैदा करता है. वहीं, एक पेड़ हर साल एक लाख वर्ग मीटर के आसपास दूषित हवा को फिल्टर करता है.

गर्मी के मौसम में पेड़ के नीचे का टेम्प्रेचर सामान्यतः 4 डिग्री सेल्सियस कम होता है. एक स्टडी बेस रिपोर्ट के अनुसार जिन लोगों के घरों के आसपास बहुत ज्यादा पेड़-पौधे पाए जाते हैं, उनमें मानसिक अवसाद की शिकायत कम देखी जाती है. 

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