China Land Border Law 2021: चीन में पिछले दिनों 'लैंड बॉर्डर लॉ' को लागू कर दिया गया. एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस कानून की मदद से चीन अपनी विस्तारवादी नीति को फैलाएगा.
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नई दिल्लीः China New Policy On Indo-China Border: भारत के पड़ोसी देश चीन ने पिछले दिनों सीमा सुरक्षा को लेकर एक कानून (Land Border Law) पास किया. एक्सपर्ट द्वारा बताया जा रहा है कि इस कानून को लाने के पीछे चीन का उद्देश्य नेशनल, रीजनल और लोकल लेवल पर नेशनल सिक्योरिटी को मजबूत करना है. साथ ही इस कानून की मदद से सीमा सुरक्षा से जुड़े कई मुद्दों को कानूनी रूप से बेहतर तरीके से हैंडल किया जाएगा.
एक्सपर्ट का मानना है कि इस कानून की मदद से चीन अपनी विस्तारवादी नीति को फैलाएगा. यहां एक्सपर्ट की मदद से समझिए इस कानून के लागू होने से चीन की सैन्य शक्तियां कितनी मजबूत होंगी और इससे भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा.
क्या है कानून?
इंटरनेशनल बॉर्डर सिक्योरिटी के लिए चीन ने एक कानून पास किया. इसके तहत चीनी बॉर्डर के नजदीकी मूवमेंट, बॉर्डर विवाद, जल विवाद, तस्करी, घुसपैठ और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर ध्यान दिया गया. चीन में यह कानून मार्च 2021 में पेश किया गया, 23 अक्टूबर 2021 को नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्टैंडिंग कमेटी ने इसे मंजूरी दे दी. अब 1 जनवरी 2022 से यह कानून लागू कर दिया जाएगा.
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कानून की प्रमुख बातें
चीन की ओर से कहा गया कि बॉर्डर सिक्योरिटी के लिए इस इस कानून की मदद से मिलिट्री और सिविलियन की भूमिका को मजबूत किया जाएगा. बॉर्डर के नजदीकी इलाकों में सोशल और इकोनॉमिक डेवलपमेंट करने के लिए मिलिट्री और डिफेंस को भी स्ट्रॉन्ग किया जाएगा. हर समय बॉर्डर पर सैनिक नहीं रह सकते, ऐसे में इस कानून की मदद से चीन नागरिकों के साथ मिलकर बॉर्डर पर नजर रखेगा.
चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा होगी बेहतर!
चीनी मीडिया में चल रहीं खबरों के अनुसार बॉर्डर सिक्योरिटी को मैनेज करने के लिए चीन लीगल लेवल पर ढांचों का निर्माण कर रहा है. बता दें कि 1 सितंबर 2021 को समुद्री सुरक्षा से रिलेटेड एक और कानून को लाया गया था. इसकी मदद से चीन ने अपने नौसैनिकों के अधिकार बढ़ाते हुए उनके समुद्री क्षेत्र से निकलने वाले जहाजों पर लिमिटेशंस लगाए थे. वहीं अब जो कानून पास किया गया, उससे चीन की थल सेना को मजबूती मिलेगी.
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भारत पर कितना असर होगा?
चीन ने इस कानून से अलग-अलग बॉर्डर विवादों को अपने तरीके से समझाया है. इसमें भारत के अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा बताया गया, साथ ही 'साउथ चाइना सी' के कई विवादित इलाकों को भी चीन ने अपना माना है. भारत और चीन दोनों देशों के बीच 3,488 किलोमीटर की बॉर्डर है, दोनों देशों में अक्सर बॉर्डर पर तनाव का माहौल रहता है. ऐसे में सीमा से जुड़े इस कानून से देश पर भी असर जरूर ही पड़ेगा.
चीन ने भारत को देखते हुए ही अपने कानून में नदियों और झीलों की स्थिरता को बनाए रखने के लिए प्रावधानों को शामिल किया. ब्रह्मपुत्र नदी भी चीन के कब्जे वाले तिब्बत से ही निकलती है. माना जा रहा है कि इन प्रावधानों से चीन नदी के पानी को कंट्रोल कर सकेगा. इसका इस्तेमाल सैन्य गतिविधियों के लिए भी कर सकता है.
इस समय क्यों लाया गया?
एक्सपर्ट बताते हैं कि चीन में अक्टूबर 2022 में कम्यूनिस्ट पार्टी की 20वीं पार्टी कांग्रेस होने वाली है. इस दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को अपने पिछले कामों की उपलब्धियां बतानी होंगी. चीन की सबसे बड़ी परेशानी उसकी 22 हजार किलोमीटर की लंबी इंटरनेशनल बॉर्डर है, जो 14 देशों को छूती है. शी जिनपिंग और उनकी पार्टी इस कानून को अपनी उपलब्धियों में शामिल करना चाह रही है.
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क्यों जरूरत पड़ी कानून की?
बॉर्डर ही नहीं जल विवाद के कारण भी चीन को इस कानून को बनाने की जरूरत पड़ी. जल को लेकर चीन का कई देशों से विवाद चल रहा है. साथ ही गैरकानूनन आवाजाही पर रोक लगाने के लिए इस कानून को बनाया गया. अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद चीन को अफगानिस्तान बॉर्डर पर घुसपैठ बढ़ने का डर है. इसीलिए चीन अपनी सैन्य ताकतों को मजबूत बनाना चाह रहा है.
दरअसल, चीन ने 2016 में भारत के साथ हुए लद्दाख विवाद के बाद इस कानून का मसौदा तैयार किया था. अब इस कानून के पास होने के बाद चीन भारत समेत अन्य देशों के सामने मजबूत स्थिति में आने की कोशिश कर रहा है.
बॉर्डर एरिया को डेवलप करेगा चीन?
चीन अपने बॉर्डर एरिया में लगातार निर्माण करता रहता है. माना जा रहा है कि नए कानून से भी बॉर्डर एरिया को डेवलप किया जाएगा. वह तिब्बत बॉर्डर से जुड़े इलाकों में कस्बों को भी बसा रहा है. बॉर्डर एरिया पर बसे इन गांवों में रहने वाले लोगों की मदद से चीन सीमा पर नजर रखेगा. उन्होंने अब तक इस तरह के 600 से ज्यादा कस्बों को बसा लिया है. बॉर्डर के आसपास ही करीब 3 हजार किलोमीटर की 130 सड़कों का निर्माण कराया जा चुका है. चीन बॉर्डर पर ही सड़क और रेलवे ट्रांसपोर्टेशन बढ़ाने पर भी जोर दे रहा है.
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