Knowledge: जमानत मिलने के बाद भी नहीं छूटे आर्यन, जानें बेल ऑर्डर के बाद किन प्रोसीजर के बाद होती है रिहाई
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Knowledge: जमानत मिलने के बाद भी नहीं छूटे आर्यन, जानें बेल ऑर्डर के बाद किन प्रोसीजर के बाद होती है रिहाई

Bail Orders Releasing Procedure in India 2021: शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को कोर्ट से जमानत मिलने में 3 सप्ताह से ज्यादा का समय लग गया. यहां जानें बेल ऑर्डर पास होने के बाद रिहाई की प्रोसीजर में कितना समय लगता है. 

Knowledge: जमानत मिलने के बाद भी नहीं छूटे आर्यन, जानें बेल ऑर्डर के बाद किन प्रोसीजर के बाद होती है रिहाई

नई दिल्लीः Bail Orders Rule in India 2021: बॉलीवुड के 'बादशाह' शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को पिछले दिनों NCB (Narcotics Control Bureau of India) ने एक ड्रग केस के चलते हिरासत में ले लिया था. देशभर में मुद्दा गरमाया रहा, 25 दिनों तक जेल में रहने के बाद कोर्ट ने आर्यन खान के बेल ऑर्डर (Bail Orders) को मंजूरी दे दी. ऐसे में यहां जानें, देश में बेल ऑर्डर को लेकर क्या नियम हैं. क्या ऑर्डर पास होते ही आरोपी को रिहाई मिल जाती है? इस खबर में जानें सब-कुछ. 

इस तरह होती है रिहाई 

  • कोर्ट के बेल ऑर्डर की सर्टिफाइड कॉपी मिलने पर कैदी को जेलर की ऑफिस में बुलाया जाता है. 
  • जितने कैदियों के बेल ऑर्डर मिलते हैं, जेल के अंदर उनका नाम अनाउंस किया जाता है. 
  • सभी कैदियों को बारी-बारी से ऑफिस के गेट पर लाकर बैठाया जाता है.
  • सभी का नाम, पिता का नाम पूछकर दोबारा अटेंडेंस ली जाती है. 
  • एक-एक कैदी को लाइन से ऑफिस में ले जाते हैं. 
  • जेल में आते वक्त कैदियों के शरीर पर जो तिल या निशान होते हैं, उन्हें चेक किए जाता है.
  • जेलर खुद दो अधिकारियों के साथ चेकिंग की प्रोसेस पूरी करता है. 
  • जेल में आते वक्त कैदी ने जो नाम, पता और मोबाइल नंबर बताया था, वह उससे पूछा जाता है. 
  • स्वास्थ्य के बारे में पूछा जाता है, रिहाई के दिन उसने दिनभर क्या किया, क्या खाया, नहाया या नहीं, यह सभी डिटेल्स पूछकर नोट की जाती है. 
  • जेल में आते वक्त जिस तरह कैदी का वजन नोट किया जाता है, उसी तरह जाते वक्त भी नोट किया जाता है. 

कैदी को मिलती है समझाइश
प्रोसीजर के बाद कैदी के साथ 5 मिनट का मोटिवेशनल सेशन किया जाता है. कैदी को समझाइश दी जाती है कि आगे से वह कोई ऐसा काम न करे, जिस कारण उसे दोबारा जेल में आना पड़े. उसे बाहर निकलकर एक अच्छा इंसान बनने की समझाइश दी जाती है. जरूरतमंदों की मदद करने के साथ लोगों को मोटिवेट करने और सकारात्मक संदेश देने के लिए कहा जाता है. कैदी को अपने ईश्वर का धन्यवाद करने के लिए कहा जाता है, ताकि वे जीवन में उन्हें अच्छा रास्ता दिखाएं. 

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पूरी प्रोसेस में लगता है इतना समय
कैदी से पूछा जाता है, क्या उसके परिवार से उसे लेने के लिए कोई आएगा, घर पहुंचने का कोई इंतजाम है या नहीं. अगर कोई इंतजाम नहीं होता तो बस या ट्रेन का फ्री पास दिया जाता है. कैदी के कपड़े व सामान उसे वापस दे दिए जाते हैं. कैदी को मनीऑर्डर के बचे हुए रुपये लौटाए जाते हैं. जेल अधिकारियों द्वारा बताया गया कि इस पूरी प्रोसेस में उन्हें एक से दो घंटे लग जाते हैं. 

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