OBC Reservation: 27% आरक्षण सब जगह लागू था लेकिन नीट में अभी तक क्यों नहीं दिया गया था, जानें यहां
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OBC Reservation: 27% आरक्षण सब जगह लागू था लेकिन नीट में अभी तक क्यों नहीं दिया गया था, जानें यहां

अखिल भारतीय कोटे की शुरुआत 1986 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर किसी भी राज्य के छात्रों को दूसरे राज्यों के सबसे बढ़िया मेडिकल कॉलेज में प्रवेश देने के लिए शुरुआत की गई थी. अखिल भारतीय कोटा राज्य के अंतर्गत आने वाले मेडिकल कॉलेज की सीटों का वो हिस्सा है जो राज्य सरकार केंद्र सरकार को देते हैं.

फाइल फोटो.

नीरज यादव/ नई दिल्ली. नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) के तहत देश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में ऑल इंडिया कोटा के तहत ओबीसी वर्ग के 27% और ईडब्ल्यूएस वर्ग के 10% छात्रों को आरक्षण मिलेगा. जिसका फायदा ओबीसी और  ईडब्ल्यूएस के छात्रों को यूजी और पीजी के सभी कोर्सों में प्रवेश के दौरान मिलेगा. अभी तक ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण सिर्फ राज्य के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पर ही मिलता था. इस फैसले के बाद एक ओर जहां ओबीसी वर्ग में खुशी है, वहीं सवर्ण संगठनों में रोष है. साथ ही वे इस फैसले को लेकर भारत बंद की भी तैयारी में जुटे हैं. इसके अलावा उन्होंने केंद्र सरकार के इस फैसले को राजनीति से प्रेरित बताया है. उनका मानना है कि केंद्र सरकार ने यह फैसला उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर लिया है. एक ओर जहां इस पर राजनीति शुरू हो गई है. वहीं, अधिकतर लोग इसको लेकर भ्रमित हैं, प्रयागराज  में रहकर मेडिकल की तैयारी कर रहे एक छात्र का कहना है कि आखिर जब केंद्र सरकार की सभी सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 27% ओबीसी आरक्षण लागू था, तो नीट में ही इसे अभी तक क्यों नहीं लागू किया गया था? तो आइए जानते हैंं यहां......

सबसे पहले जानें क्या है अखिल भारतीय कोटा?
अखिल भारतीय कोटे की शुरुआत 1986 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर किसी भी राज्य के छात्रों को दूसरे राज्यों के सबसे बढ़िया मेडिकल कॉलेज में प्रवेश देने के लिए शुरुआत की गई थी. अखिल भारतीय कोटा राज्य के अंतर्गत आने वाले मेडिकल कॉलेज की सीटों का वो हिस्सा है जो राज्य सरकार केंद्र सरकार को देते हैं. इसके तहत राज्य सरकार द्वारा 15 प्रतिशत यूजी और 50 प्रतिशत पीजी की सीटें दी जाती है. इन सीटों पर काउंसलिंग केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) कराता है. वहीं, राज्य की सीटों पर राज्य सरकार की तरफ से काउंसलिंग कराई जाती है. 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 2007 में लागू हुआ आरक्षण
 2007 में केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान अधिनियम प्रभावी हुआ, तो सभी केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों जैसे सफ़दरजंग अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में ओबीसी वर्ग के छात्रों को 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान तो मिला, लेकिन राज्य के मेडिकल और डेंटल कॉलेजों की सीटों पर ओबीसी आरक्षण को नहीं लागू किया गया. जबकि ऑल इंडिया कोटे के तहत राज्य सरकार के मेडिकल कॉलेजों में 7.5 प्रतिशत आरक्षण अनुसूचित जनजातियों (ST) और 15 प्रतिशत आरक्षण अनुसूचित जाति (SC) के छात्रों को दिया जाता था.

MCI के लागू होने के बाद उठने लगी आवाज
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI), 2010 में नीट परीक्षा का रेगुलेशन लेकर आई. जिसके बाद 2017 में नीट को देशभर में लागू कर दिया गया. ऐसे में अब किसी भी छात्र को मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने के लिए नीट की परीक्षा देनी पड़ती है और इसके कटऑफ़ से ही ऑल इंडिया कोटा के तहत दाखिला मिलता है. लेकिन इसमें भी यदि कोई OBC छात्र राज्य सरकार के मेडिकल कॉलेज में ऑल इंडिया कोटा के तहत दाखिला लेता है जो उसे 27 फ़ीसदी आरक्षण का फ़ायदा नहीं मिलता था. जिसकी मांग ओबीसी छात्र पिछले कई वर्षों से कर रहे थे. 

मामले में 2020 में सोनिया गांधी ने पीएम को लिखा था पत्र
इस मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था. इस पत्र में उन्होंने राज्यों के मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में ऑल इंडिया कोटा के तहत ओबीसी वर्ग के छात्रों को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग की थी. वहीं, 2021 में नीट की परीक्षा में आरक्षण को लेकर कई ओबीसी संगठनों ने भी देशव्यापी हड़ताल करने की धमकी थी.

नीट में कब लागू होगा 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण
ऑल इंडिय कोटा के तहत 27 प्रतिशत सीटों पर ओबीसी आरक्षण लागू करने को लेकर गठित की गई केंद्र सरकार की 5 सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट केंद्र को सौंप दी है. जिसके बाद 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को इस सत्र से लागू कर दिया गया है.

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