SC में जनहित याचिका: लॉकडाउन में बिना सेवाएं दिए स्‍कूल फीस मांगना गैरकानूनी
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SC में जनहित याचिका: लॉकडाउन में बिना सेवाएं दिए स्‍कूल फीस मांगना गैरकानूनी

 कोरोना लॉकडाउन के दौरान स्कूल फीस में छूट की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है.

फाइल फोटो

नई दिल्‍ली: कोरोना लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान स्कूल फीस में छूट की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में जनहित याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि बिना कोई सेवा दिए स्कूलों का फीस (School Fee) और अन्य खर्चों की मांग करना 'अवैध' है.

  1. लॉकडाउन में स्‍कूल फीस में छूट देने जनहित याचिका 
  2. सुप्रीम कोर्ट में की गई है याचिका दायर 
  3. कहा बिना सेवा दिए फीस मांगना गैरकानूनी   
  4.  

इसके अलावा स्कूल के एडमिशन फॉर्म में ऐसा कोई फोर्स मेजर क्लॉज नहीं है कि स्कूल एडमिशन फार्म के नियमों और शर्तों मानने को बाध्य है. याचिका में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम का हवाला देते हुए कहा गया है कि चूंकि उक्त एडमिशन फार्म में फोर्स मेजर क्लॉज नहीं है, इसलिए बिना सेवा के फीस और अन्य खर्च की मांग करना गैरकानूनी है.  

ऑनलाइन क्‍लास के लिए फीस लेने का कोई क्‍लॉज नहीं 
याचिका में यह भी कहा गया है कि Online Class को लेकर एडमिशन फॉर्म में कोई उल्लेख नहीं है. एडमिशन फॉर्म में कोई क्लाज नहीं है कि महामारी/प्रतिकूल स्थिति/ राष्ट्रीय लॉकडाउन आदि के मामले में स्कूल प्रशासन ऑनलाइन क्‍लास आयोजित करेगा और उस के लिए फीस और अन्य खर्च की मांग करेगा. वैसे भी ऑनलाइन क्‍लास स्कूली शिक्षा की अवधारणा से पूरी तरह से अलग हैं, इसके कई दुष्प्रभाव और अवगुण हैं.

याचिका में कहा गया है कि उन छात्रों के लिए जिन्होंने ऑनलाइन क्‍लास के लिए पूर्व सहमति दी और ऑनलाइन क्‍लास में शामिल हुए हैं, उनके माता-पिता से ऑनलाइन क्‍लास के खर्च के लिए 'आनुपातिक' शुल्क लिया जा सकता है. याचिका के जरिए अदालत से आग्रह किया गया है कि वह मौजूदा परिस्थितियों में फोर्स मेजर क्लॉज की एक व्याख्या दें और सरकार को निर्देश दें कि वह स्कूल की फीस में अधिकतम छूट प्रदान करें. 

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