एसपीएस इंटरनेशनल रिप्रेजेंटेटिव डॉक्टर कॉर्नेलिया रूडी कि मानें तो पिछले सप्ताह 140 भारतीय छात्रों को प्रवेश दिया गया है. इन सभी छात्रों से किसी भी तरह की फीस नहीं ली गई है. एसपीएस इंटरनेशनल रिप्रेजेंटेटिव डॉक्टर कॉर्नेलिया रूडी ने बताया कि उनकी तरफ से ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि छात्रों का समय न खराब हो.
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नई दिल्ली. रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध अब भी जारी है. करीब एक महीने से रूस लगातार यूक्रेन पर हमले कर रहा है. इसकी वजह से वहां पर लाशों की ढेर और बिल्डिंग खंडहर में दब्दील हो गए हैं. युद्ध की वजह से यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने गए भारत सहित अन्य देशों के स्टूडेंट्स लौट आए हैं. ये सभी छात्र अपनी आगे की पढ़ाई को लेकर चिंतित हैं. इसी बीच एक बड़ी खबर आई है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट्स की मानें तो रूस ने मेडिकल की पढ़ाई बीच में छोड़कर यूक्रेन से लौटे छात्रों को ऑफर दिया है कि वो बिना किसी फीस और एग्जाम के आगे के उनके देश में पढ़ाई कर सकते हैं.
रूस ने कहा है कि यूक्रेन से लौटे सभी छात्रों को अगर वो चाहें तो एडमिशन ले सकते हैं. आपको बता दें कि इससे पहले इन छात्रों को कजाकिस्तान, जॉर्जिया, आर्मेनिया, बेलारूस और पोलैंड के संस्थानों से भी सहायता मिल चुकी है. इन देशों ने यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे अन्य देशों के छात्रों को बिना किसी फीस और अन्य खर्च के प्रवेश दिया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक यूक्रेन से पढ़ाई बीच में छोड़कर लौटे 140 भारतीय छात्रों को मालदोवा के निकोले टेस्टेमिंटानू स्टेट यूनिवर्सिटी में मेडिकल एंड फार्मेसी कोर्स के लिए प्रवेश दिया गया है.
एसपीएस इंटरनेशनल रिप्रेजेंटेटिव डॉक्टर कॉर्नेलिया रूडी कि मानें तो पिछले सप्ताह 140 भारतीय छात्रों को प्रवेश दिया गया है. इन सभी छात्रों से किसी भी तरह की फीस नहीं ली गई है. एसपीएस इंटरनेशनल रिप्रेजेंटेटिव डॉक्टर कॉर्नेलिया रूडी ने बताया कि उनकी तरफ से ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि छात्रों का समय न खराब हो.
आपको बता दें कि यह फैसला ऐसे समय में आया है जब भारतीय चिकित्सा शिक्षा प्रणाली में यूक्रेन से लौटे छात्रों के एकीकरण पर सवाल अभी भी लटके हुए हैं. हालांकि, महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस ने यूक्रेन के छात्रों को ऑनलाइन क्लासेज अंटेंड करने का मौका जरूर दिया है. लेकिन लॉन्ग टर्म को लेकर विभाग की तरफ से कुछ नहीं बताया गया है.