NEET UG: नीट मेरिटोक्रेसी को बढ़ावा देने वाला एक ऐतिहासिक सुधार है. इसके जरिए ही मेडिकल एडमिशन और अधिक पारदर्शिता में कदाचार पर अंकुश लगा है.
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NEET UG: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) और नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) की नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट अंडरग्रेजुएट (NEET-UG) को साल में दो बार आयोजित करने की कोई योजना नहीं है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री (MoS) भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में इसे जानकारी को साझा किया. सांसद रमेश चंद बिंद ने प्रवेश परीक्षा को लेकर कई सवाल उठाए थे, जिसमें यह भी शामिल था कि क्या सरकार जॉइंट एंट्रेंस टेस्ट (JEE) मेन की तरह साल में दो बार नीट यूजी की परीक्षा आयोजित करने पर विचार कर रही है.
बिंद ने पूछा कि क्या नीट यूजी साल में दो बार आयोजित किया जाएगा. दरअसल, उन्होंने कहा कि नीट उम्मीदवारों को स्ट्रेस और डिप्रेशन से बचाने के लिए यह कदम उठाना चाहिए क्योंकि केवल एक ही प्रयास में इस कठिन प्रतिस्पर्धा को क्रैक करना काफी मुश्किल होता है और साथ ही छात्रों का एक पूरा साल भी बर्बाद हो जाता है.
अपने जवाब में, मंत्री भारती प्रवीण ने कहा कि नेशनल मेडिकल कमीशन अधिनियम, 2019 की धारा 14 द्वारा अनिवार्य नीट ने संभावित छात्रों पर "कई प्रवेश परीक्षाओं में उपस्थित होने" का बोझ पहले ही कम कर दिया है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यह परीक्षा देश भर में चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने के इच्छुक सभी उम्मीदवारों के लिए एक उचित और समान अवसर प्रदान करता है.
बता दें कि लिखित उत्तर में कहा गया है "नीट मेरिटोक्रेसी को बढ़ावा देने वाला एक ऐतिहासिक सुधार है और मेधावी छात्रों को देश के सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा संस्थानों में प्रवेश पाने का अवसर प्रदान करता है. इसके परिणामस्वरूप मेडिकल एडमिशन और अधिक पारदर्शिता में कदाचार पर अंकुश लगा है."
मंत्री की प्रतिक्रिया से यह भी स्पष्ट होता है कि वर्ष में दो बार NEET UG आयोजित करने की कोई योजना नहीं है. "नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने सूचित किया है कि एक वर्ष में दो अवसर प्रदान करने के लिए NEET UG परीक्षा आयोजित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है."
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