कर्नाटक के राजराजेश्वरी नगर विधानसभा क्षेत्र सीट फिर कांग्रेस के पास चली गई है. यह वही सीट है जहां कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान एक फ्लैट से करीब 10 हजार फर्जी मतदाता परिचय-पत्र मिले थे.
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बेंगलुरु: कर्नाटक के राजराजेश्वरी नगर विधानसभा क्षेत्र सीट फिर कांग्रेस के पास चली गई है. यह वही सीट है जहां कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान एक फ्लैट से करीब 10 हजार फर्जी मतदाता परिचय-पत्र मिले थे. पुलिस ने इस मामले में 14 लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था. इसमें आरआर नगर के कांग्रेस विधायक और वर्तमान प्रत्याशी एन मुनीराथना का नाम भी आया था. मुनीराथना ने 41162 वोट से चुनाव जीता. 12 राउंड की वोटिंग तक वह 46593 वोट के अंतर से आगे चल रहे थे. कांग्रेस की जीत की खबर आते ही कार्यकर्ताओं ने ढोल-नगाड़े बजाने शुरू कर दिए. आयोग के दफ्तर के बाहर मिठाइयां बंटने लगीं. त्रिकोणीय मुकाबले में बीजेपी कहीं भी मुकाबले में नहीं रही. वहीं जेडीएस तीसरे नंबर पर रही.
40 हजार पेम्पलेट बांटे थे कांग्रेस प्रत्याशी ने
फर्जी मतदाता परिचय पत्र मामले में डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर चंद्रभूषण कुमार ने अपनी जांच पूरी कर चुनाव आयोग को इसकी रिपोर्ट भेज दी थी. चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर संजीव कुमार ने कहा था कि इस समय चुनाव आयोग के पास कई रिपोर्ट हैं. इस समय कुछ भी कहना सही नहीं होगा. जैसे ही सही समय आएगा हम जानकारी सार्वजनिक करेंगे. इस मामले में कांग्रेस विधायक मुनिराथना का कहना था कि मैंने अपने विधानसभा क्षेत्र में 40 हजार पेम्पलेट बांटे थे. इनमें मुझे वोट देने की अपील की गई थी. ये पेम्पलेट आपको मेरे विधानसभा के हर घर में मिलेंगे. मुझे इस केस में आरोपी बनाया गया है, क्योंकि ऐसा पेम्पलेट मेरे घर में भी मिला है. ये सब मुझे परेशान करने और मेरे खिलाफ साजिश है.
#Karnataka: Congress workers celebrate in Bengaluru as Party leads from Rajarajeshwari Nagar assembly constituency pic.twitter.com/vmlBSkeToq
— ANI (@ANI) May 31, 2018
भाजपा ने की थी चुनाव टालने की मांग
बीजेेेेपी ने कांग्रेस पर 'व्यवधान' मुक्त और साफ-सुथरे चुनाव कराने के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया था और बेंगलुरू के इस शहरी जिले में चुनाव स्थगित करने की मांग की थी. केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री और कर्नाटक चुनाव के प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था, 'पुलिस के घटनास्थल पर पहुंचने से पहले ही पांच लैपटॉप, स्कैनर, लेमिनेशन मशीन और वोटर आईडी कार्ड को जला दिया गया. इसके बाद भी वहां फार्म-6 की एक लाख प्रतियां बरामद हुईं. यह दिखाता है कि व्यवधान मुक्त और साफ-सुथरे चुनाव कराने के खिलाफ गहरी साजिश रची जा रही थी.'