ये एक्ट्रेस है शाही खानदान से, दादा-दादी और मां को राजगद्दी के लिए गंवानी पड़ी जान, रिश्ते में जॉनी वॉकर हैं इनके जीजा
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ये एक्ट्रेस है शाही खानदान से, दादा-दादी और मां को राजगद्दी के लिए गंवानी पड़ी जान, रिश्ते में जॉनी वॉकर हैं इनके जीजा

'बाबूजी धीरे चलना' गाने की वो एक्ट्रेस याद हैं जिन्होंने पूरी इंडस्ट्री को हिलाकर रख दिया था. उनका नाता शाही खानदान से था. जिन्हें गुरुदत्त की फिल्म ने स्टार बनाया था. चलिए इनकी फैमिली और करियर के बारे में बताते हैं.

ये एक्ट्रेस है शाही खानदान से

बाबूजी धीरे चलना, प्यार में जरा संभलना', अगर आपने ये गाना सुना होगा, तो आपने जरूर सुना ही होगा.  साल 1954 में आई फिल्म 'आर पार' के इस गीत में नजर आईं एक्ट्रेस की ही ये कहानी है. जिनका नाम है शकीला. वो जिन्होंने अपने करियर में एक से बढ़कर एक फिल्में दी. वह अपने परिवार की वजह से भी काफी चर्चा में रहीं. रिश्ते में बॉलीवुड के मशहूर एक्टर जॉनी वॉकर जीजा लगते हैं तो खुद शाही फैमिली से ताल्लुक रखती हैं. चलिए बताते हैं इनकी कहानी.

50 और 60 के दशक का कोई ऐसा एक्टर बचा होगा, जिसने शकीला के साथ काम न किया हो. चाहे वह गुरुदत्त हो या सुनील दत्त या फिर मनोज कुमार. उस दौर के लगभग सभी एक्टर्स के साथ शकीला ने काम किया.

राजगद्दी के चलते हुए कत्ल
1 जनवरी, 1936 को जन्मीं शकीला का असली नाम 'बादशाहजहां' था. बताया जाता है कि उनके पूर्वज अफगानिस्तान और ईरान के शाही खानदान से ताल्लुक रखते थे. राजगद्दी पर कब्जे के खानदानी झगड़ों की वजह से उनके दादा-दादी और मां को मार दिया गया. शकीला अपनी दो बहनों और बुआ फिरोजा बेगम के साथ भागकर मुंबई आ गईं. उनकी बुआ ने शकीला और उनकी दो बहनों का पालन-पोषण किया. इनकी एक बहन का नाम नूरजहां हैं जिनकी शादी जॉनी वॉकर से हुई.

15 साल की उम्र मिला ब्रेक
शकीला की बुआ को फिल्में देखने का शौक था. वह अपनी बुआ के साथ ही फिल्में देखने जाती थीं, यहीं से उनकी दिलचस्पी सिनेमा में होने लगी. उन्हें पहली बार फिल्म 'दास्तान' में ब्रेक मिला. इस समय उनकी उम्र महज 15 साल थी. इसी फिल्म से उन्हें नया नाम 'शकीला' मिला.

शकीला की फिल्में
फिल्म इंडस्ट्री में शकीला को पहचान मिली साल 1954 में आई गुरुदत्त की फिल्म 'आर पार' से. इस फिल्म के मशहूर गाने 'बाबूजी धीरे चलना' में उनके हुस्न के चर्चें हर तरफ हुए. हालांकि, इससे पहले वह गुमास्ता (1951), सिंदबाद द सेलर (1952), राजरानी दमयंती (1952), आगोश (1953), शहंशाह (1953), राज महल (1953), अरमान (1953) जैसी फिल्में भी कर चुकी थीं. उनकी किस्मत का सितारा चमका और वह देव आनंद के साथ फिल्म 'सीआईडी', सुनील दत्त के साथ 'पोस्टबॉक्स 999', मनोज कुमार के साथ 'रेशमी रुमाल' और 'काली टोपी लाल रुमाल' में नजर आईं.

आखिरी फिल्म
फिल्म 'सीआईडी' के गाने 'लेके पहला-पहला प्यार, भरके आंखो में खुमार' में उनके अंदाज ने फैंस को उनको दीवाना बना दिया. इसके बाद शकीला ने शम्मी कपूर के साथ 'चाइना टाउन' जैसी सुपरहिट फिल्म की. अपने फिल्मी करियर के दौरान उन्होंने जाने-माने अभिनेताओं और निर्देशकों के साथ 50 से अधिक फिल्मों में काम किया. साल 1963 में आई फिल्म 'उस्तादों के उस्ताद' उनकी आखिरी फिल्म थी.

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कैसे हुई मौत
शकीला ने फिल्में करना तो छोड़ दिया, मगर उनकी अपने दौर की एक्ट्रेसेज जबीन, श्यामा, अजरा, वहीदा रहमान और नंदा से हमेशा दोस्ती बनी रही. शकीला का 20 सितंबर 2017 को मुंबई में हार्ट अटैक के चलते निधन हो गया. निधन के समय उनकी उम्र 82 साल की थी.

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एजेंसी: इनपुट

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