Jai Santoshi Maa: 1975 में रिलीज हुई जय संतोषी मां को लेकर कौन जानता था कि ये ना सिर्फ उस साल की दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनेगी बल्कि शोले और दीवार जैसी सुपरहिट फिल्मों को पछाड़ भी देगी.
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Adipurush Vs Jai Santoshi Maa: आदिपुरुष रिलीज हो चुकी हैं. प्रभास (Prabhas) प्रभू श्री राम बनकर तो कृति सेनन (Kriti Sanon) माता सीता बनकर स्क्रीन पर ही नहीं बल्कि लोगों के दिलों में भी बसते नजर आ रहे हैं. फिल्म को लेकर लोगों के बीच दीवानगी साफ नजर भी आ रही है लेकिन क्या ओम राउत के निर्देशन में बनी फिल्म आदिपुरुष (Adipurush) 1975 में रिलीज हुआ जय संतोषी मां (Jai Santoshi Maa) फिल्म का रिकॉर्ड तोड़ पाएगी. हम इस फिल्म का जिक्र इसलिए कर रहे हैं क्योंकि 48 साल पहले रिलीज इस फिल्म ने उस साल मेन स्ट्रीम सिनेमा की फिल्मों को भी ऐसी टक्कर दी जिसका रिकॉर्ड आज तक नहीं टूटा है.
बिना बड़ी स्टार कास्ट के बनी फिल्म
70 के दशक का ये वो दौर था जब पौराणिक फिल्में ना के बराबर ही बनाई जा रही थीं. हर किसी का ध्यान और लगाव मार-धाड़, एक्शन और मसाले से भरी फिल्मों को बनाना और उन्हें देखने पर ही था. ऐसे में जय संतोषी मां को बनाने का आइडिया किसी चमत्कार से कम नहीं था और ये चमत्कार हुआ फिल्म के डायरेक्टर विजय शर्मा की पत्नी के कहने पर. उन्होंने ही इस फिल्म को बनाने का आइडिया विजय को दिया और विजय भी इसके लिए तैयार हो गए हालांकि ये एक बड़ा दांव था. खास बात ये थी कि फिल्म का बजट भी कम था लिहाजा कोई बड़ी स्टार कास्ट नहीं थी बल्कि फिल्म में अनिता गुहा, कनन कौशल, भारत भूषण और आशीष कुमार ही अहम भूमिकाओं में थे.
फिल्म बनी और रिलीज का दिन भी आ गया. 20 मई, 1975 को फिल्म बड़े पर्दे पर आई. उस वक्त जय संतोषी मां का मुकाबला शोले और दीवार से था जिनकी धूम तो आज तक हिंदी सिनेमा में सुनाई देती है. ऐसे में इस फिल्म से ज्यादा उम्मीद कोई नहीं लगा रहा था. पहले जय संतोषी मां को मुंबई के सिर्फ एक थियेटर में ही रिलीज किया गया था. जिसके पहले शो की कमाई थी महज 56 रूपए, दो दिनो में कमाई का आंकड़ा 100 रूपए तक पहुंचा ऐसे करते-करते हफ्ता बीत गया लेकिन जब रिलीज को 10 दिन बीते तो तस्वीर और फिल्म की किस्मत दोनों ही मां संतोषी के आशीर्वाद से ऐसी पलटी कि लोगों की आंखें खुली की खुली रह गई.
नंगे पांव फिल्म देखने पहुंचे लोग
जो भी फिल्म देखकर आता तो इसी की बात करता. देखते ही देखते जय संतोषी मां के चर्चे हर जुबान पर होने लगे थे. शायद ये चमत्कार ही था कि लोग ना जाने किस किस कोने से इस फिल्म को देखने के लिए शहर की तरफ आने लगे. गांव से बैलगाड़ियों में भर-भरकर लोग पहुंचते और फिल्म देखकर ही वापस लौटते. मां के प्रति श्रद्धा का भाव मन में ऐसा उमड़ा कि लोग थियेटर के बाहर चप्पल-जूते उतारते और फिर अंदर दाखिल होते और पूरी भक्ति के साथ फिल्म को देखते. दीवानगी का आलम बस यही तक सीमित नहीं था बल्कि लोग मां को भोग लगाने के लिए गुड़ चने का प्रसाद तक साथ में लाते थे और जब स्क्रीन पर मां संतोषी दिखतीं चढ़ावे के साथ साथ पैसे भी दान स्वरूप चढ़ाते थे. इस फिल्म में मां संतोषी बनी थीं एक्ट्रेस अनिता गुहा जिन्हें इतना पसंद किया गया कि लोग उन्हे सचमुच की देवी मानने लगे थे.
स्क्रीन पर हुई गोल्डन जुबली
ये फिल्म पहले हफ्ते भले ही थीमी रही हो लेकिन इसके बाद इसका जादू लोगों के सिर चढ़कर बोला. फिल्म ने बड़े पर्दे पर गोल्डन जुबली मनाई यानि 50 हफ्तों से ज्यादा फिल्म टिकी रही. जाहिर सी बात है इससे फिल्म ने जबरदस्त कमाई भी की. 5 लाख रूपए में बनकर तैयार हुई जय संतोषी मां ने तब 5 करोड़ रूपए कमाई थे जो उस दौर में 500 करोड़ के बराबर थे. अब सालों बाद रिलीज हुई एक और पौराणिक फिल्म आदिपुरुष को लेकर भी लोगों में दीवानगी है लेकिन क्या वो जय संतोषी मां जैसा रिकॉर्ड बना पाएगी. ये आने वाले वक्त में पता चल ही जाएगा.
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