जेएनयू जाकर दीपिका पादुकोण का एक खास तरह की विचारधारा का साथ देना यह स्पष्ट करता है कि उनका ओपिनियन देश के लिए क्या है और वह किसके साथ खड़ी हैं. उनकी उपस्थिति में जेएनयू में देश को तोड़ने वाले नारे लगे थे.
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मुंबई : जेएनयू विवाद को लेकर दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. जेएनयू में उनकी उपस्थिति और उसके बाद बॉक्स ऑफिस पर फिल्म 'छपाक' के बिगड़े हाल के बाद अब दीपिका पादुकोण को एक और झटका लग रहा है. दरअसल, खबर यह है कि कई ब्रांड उनके विज्ञापन के टाइम को कम कर रहे हैं और कुछ अपने कॉन्ट्रैक्ट पर पुनर्विचार कर रहे हैं. वहीं आज से तकरीबन 5 साल पहले 2015 में आमिर खान को भी इसी तरह के माहौल से गुजरना पड़ा था. उनके इनटॉलेरेंस स्टेटमेंट पर कई ब्रांड्स ने उनके साथ कॉन्ट्रैक्ट को रद्द कर दिया था.
आमतौर पर कंपनियां नॉन कंट्रोवर्शियल एक्टर्स को अपने विज्ञापन में लेती हैं ताकि उनके फॉलोअर्स के साथ उनके प्रोडक्ट की बिक्री बड़े और वे किसी भी विवाद में शामिल नहीं होना चाहते. यही वजह है कि जेएनयू जाकर दीपिका पादुकोण का एक खास तरह की विचारधारा का साथ देना यह स्पष्ट करता है कि उनका ओपिनियन देश के लिए क्या है और वह किसके साथ खड़ी हैं. जेएनयू में दीपिका की मौजूदगी में देश को तोड़ने वाले नारे लगे थे.
इससे एक और सोशल मीडिया पर दीपिका और उनकी फिल्म को बैन करने की बात की गई. वहीं कई बड़े ब्रान्ड्स इस विवाद में पड़ने के बजाय उनसे कन्नी काट रहे हैं.
विज्ञापन बनाने वाले शैलेंद्र सिंह का यह मानना है कि सभी ब्रान्ड अपने आपको पूरी तरह से सेफ लेकर चलते हैं. वे एक्टर्स को जब लेते हैं तो सिर्फ और सिर्फ अपने प्रोडक्ट की बिक्री पर ही उनका ध्यान होता है, लेकिन जब कभी इस तरह की बात होती है, या कंट्रोवर्सी क्रिएट होती है तो ये ब्रांड्स बैकफुट पर चले जाते हैं. इस तरह की घटनाएं अब अक्सर होती नजर आती हैं. ऐसे में या तो एक्ट्रेस का कॉन्ट्रैक्ट कैंसिल किया जाता है या फिर विज्ञापन दिखाया ही नहीं जाता. इनटोलरेंस पर आमिर खान के बयान के बाद कई कंपनियों ने उनके साथ कॉन्ट्रैक्ट को रद्द कर दिया था और स्पष्ट किया था कि वह आमिर और उनके स्टेटमेंट के साथ नहीं हैं.
फिल्म क्रिटिक इंदर मोहन पन्नू का यह मानना है कि 'छपाक' बेहतरीन फिल्म है, लेकिन दीपिका का जेएनयू जाने का 'छपाक' के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर असर साफ नजर आ रहा है. दीपिका बहुत बड़ी स्टार हैं, इसमें कहीं दो राय नहीं, लेकिन देश को तोड़ने वाली विचारधारा का समर्थन करना फैंस को रास नहीं आया. रही बात ब्रांड की तो वह आमतौर पर नॉन कंट्रोवर्शियल एक्टर-एक्ट्रेस को ही साइन करते हैं ताकि उनके फॉलोअर्स उनको सपोर्ट करें. कोई भी ब्रांड अपने प्रोडक्ट का नुकसान नहीं चाहता.
बता दें कि फिलहाल दीपिका तकरीबन 20 ब्रांड का विज्ञापन करती हैं, जिससे उनकी सालाना कमाई 100 करोड़ से भी ज्यादा है. खबर ये भी है कि तकरीबन आधा दर्जन कॉन्ट्रैक्ट को क्लोज के साथ बदला भी किया गया है. इस पूरे मामले दीपिका और उनकी टीम का पक्ष जानना चाहा तो किसी ने भी आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से मना कर दिया.