Amitabh Bachchan Film: सस्पेंस-थ्रिलर फिल्मों के निर्माता-निर्देशक चाहते हैं कि कहानी के राज उन पर न खुलें, जो फिल्म देखना चाहते हैं. लेकिन सोशल मीडिया के दौर में यह दिन पर दिन मुश्किल हो गया है. अमिताभ बच्चन की एक फिल्म के निर्माता-निर्देशकों ने देखने वालों से अपील की थी कि कहानी के अंत के बारे में चुप रहें.
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Amitabh Bachchan Thriller: आज जब फिल्म के रिलीज होते ही फिल्म क्रिटिक्स के साथ आम दर्शक भी समीक्षा करने लगते हैं. पहले शो के बाद ही लोगों को फिल्म की कहानी और उसका अंत सब पता चल जाता है. ऐसे में अगर फिल्म थ्रिलर है, तब बहुत फजीहत हो जाती है. निर्माता-निर्देशक-एक्टर चाह कर भी लोगों को रोक नहीं पाते कि वह फिल्म के राज दूसरों को न बताएं या सोशल मीडिया पर शेयर न करें. लेकिन 1974 में अमिताभ बच्चन की एक ऐसी थ्रिलर-सस्पेंस फिल्म आई थी, जिसमें प्रोड्यूसर ने दर्शकों से विनती थी कि फिल्म देखने के बाद किसी को यह न बताएं कि कहानी में विलेन कौन है और इसका क्लाइमेक्स क्या है.
कौन कर रहा फोन कॉल
अमिताभ बच्चन की यह फिल्म थी बेनाम. फिल्म की साइनिंग तक अमिताभ की जंजीर (1973) नहीं आई थी और वह स्टार नहीं बने थे. इस थ्रिलर को नरेंद्र बेदी ने डायरेक्ट किया था. अमिताभ बच्चन के साथ मौसमी चटर्जी और प्रेम चोपड़ा की मुख्य भूमिकाएं थी. फिल्म के मेकर्स विलेन की आइडेंटिटी छुपाना चाहते थे. फिल्म की कहानी ऐसी थी कि अमिताभ बच्चन को किसी नंबर से धमकी भरे फोन कॉल आते रहते हैं. यह कॉल कौन कर रहा है, फिल्म के आखिर में पता चलता है. मेकर्स ने विलेन की आइडेंटिटी छुपाने के लिए फिल्म में उसकी आवाज तक बदल दी थी. जिससे दर्शकों को बीच में विलेन का पता न चल जाए! और अंत में जब सब कुछ पता चल जाता है, तो संभावित दर्शकों के लिए सस्पेंस बना रहे, इस अपील के साथ फिल्म के आखिर में पर्दे पर लिखा आता था, Please don't reveal THE END. (प्लीज डोंट रिवील द एंड. अंत का खुलासा न करें).
मैं बदनाम हो गया...
फिल्म से जुड़ी कुछ बातें ऐसी थी, जो काफी रोचक थी. फिल्म में अमिताभ बच्चन ने किरदार को अपने पारिवारिक नाम यानी अमित श्रीवास्तव के रूप में निभाया था. गौरतलब है कि अमिताभ बच्चन का सरनेम श्रीवास्तव है. बच्चन उन्होंने अपने कवि पिता हरिवंशराय बच्चन के नाम से अपनाया है. फिल्म की रिलीज से पहले कई मैगजीन्स में इसकी तस्वीरें छपी थीं, जिन पर लिखा था 'धर्मेंद्र प्रेजेंट्स बेनाम'. वजह थी कि फिल्म को धर्मेंद्र की चचेरी बहन के पति रंजीत विर्क ने प्रोड्यूस किया था. बेनाम मशहूर लेखक अल्फ्रेड हिचकॉक के थ्रिलर उपन्यास द मैन हू न्यू टू मच (The man who knew too much) से प्रेरित थी. बाद में इस फिल्म का कन्नड़ भाषा में थिरुगु बाना नाम से रीमेक हुआ. फिल्म का प्रसिद्ध गाना मैं बदनाम हो गया... नरेंद्र चंचल ने गाया था. यह उन्हीं पर फिल्माया गया था.
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