Aditya Roy Kapoor: द नाइट मैनेजर को आप ओटीटी की उन वेबसीरीजों में रख सकते हैं, जिन्हें अवश्य देखा जाना चाहिए. भले ही यह इसी नाम की ब्रिटिश सीरीज का हिंदीकरण है, मगर इसे देखकर बाकी मेकर्स समझ सकते हैं कि काम कैसा होना चाहिए. सीरीज एंटरटेन करती है. शुरू से अंत तक बांधती है. इसके एक्टर और उनका परफॉरमेंस भी मजबूत हैं.
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Anil Kapoor: अगर आपने डिज्नी हॉटस्टार पर गुजरी फरवरी में आई वेब सीरीज द नाइट मैनेजर का पहला पार्ट यानी पहले चार एपिसोड देखे हैं, तो कोई कारण नहीं बनता कि आगे न देखें. सीरीज के पहले पार्ट के बाकी तीन एपिसोड रिलीज हो गए हैं और कहानी में एक जरूरी विराम आ गया है. द नाइट मैनेजर (The Night Manager) के पहले सीजन को पूरा करने वाले शेष तीन एपिसोड बढ़िया हैं और जिन सवालों के जवाब पहले पार्ट में छूट गए, वे आपको यहां मिल जाते हैं. इसी नाम की ब्रिटिश सीरीज का यह भारतीय संस्करण रोमांचित करने वाला है. देखने योग्य है. अगर आप ओटीटी के नियमित दर्शक हैं, तो आपकी देखी हुई वेब सीरीजों में द नाइट मैनेजर शुमार होनी चाहिए.
किसकी होगी जीत
द नाइट मैनेजर मूल रूप से पूर्व नेवी ऑफिसर शान सेनगुप्ता (आदित्य रॉय कपूर), हथियारों के तस्कर शैलेष रूंगटा (अनिल कपूर) उर्फ शैली और भारत की खुफिया एजेंसी रॉ की अधिकारी लिपिका सैकिया राव (तिलोत्तमा शोम) की कहानी है. सैकिया इस तस्कर को किसी भी हाल में पकड़ना चाहती है और शान उसके एजेंट के रूप में शैली के गैंग में घुस चुका है. पहले हिस्से के अंत में यही सवाल था कि शान क्या शैली का भरोसा जीत सकेगाॽ दूसरे हिस्से में इसका जवाब मजबूत हां के रूप में सामने आता है और शान हथियारों के खूंखार सौदागर शैली की नई कंपनी का सीईओ बन जाता है. आप पाते हैं कि अपने मिशन में लगा जांबाज शान धीरे-धीरे शैली के गैंग को खोखला करने लगा है. लेकिन यह इतना भी आसान नहीं है क्योंकि शैली पक्का खिलाड़ी है. वह जल्द ही परिस्थितियों को भांप लेता है, मगर शान की तरफ निगाह उठने से पहले उसका काफी नुकसान हो चुका होता है. अब यहां से कौन बाजी मारेगाॽ
खुलते हुए किरदार
कहानी में शैली की जीवन साथी के रूप में रह रही पूर्व मिस इंडिया कावेरी (शोभिता धूलीपाला) और शैली के कुछ दोस्तों का भी रोल अहम है. दूसरे हिस्से में प्रशांत नारायणन की एंट्री हुई है और अपने नेगेटिव किरदार से वह कहानी का रोमांच बढ़ाते हैं. उसे क्लाइमेक्स की तरह रोचक अंदाज में बढ़ाते हैं. द नाइट मैनेजर की कहानी दुनिया में अलग-अलग जगहों पर घूमती हुई अंततः ढाका में उसी जगह पहुंचती है, जहां से शुरू हुई थी. इस सफर में दोनों तरफ के कुछ लोग मारे जाते हैं. एक-दूसरे पर खूनी हमले बढ़ते हैं. एक-एक करके राज खुलते हैं. दूसरे हिस्से में औसतन एक-एक घंटे के तीन एपिसोड रोमांचक हैं. इसमें शैली और कावेरी की जिंदगी तनाव ज्यादा खुलकर सामने आता है, तो शान और कावेरी की नजदीकियां भी कहानी में असर पैदा करती हैं.
देखकर अच्छा लगेगा
इसमें संदेह नहीं कि पहले हिस्से की तरह दूसरे पार्ट में भी एक्टरों का परफॉरमेंस बढ़िया है. आदित्य रॉय कपूर (Aditya Roy Kapoor) अपने किरदार में जमते हैं और अनिल कपूर (Anil Kapoor) सधे हुए ढंग से पेश आते हैं. शोभिता (Sobhita Dhulipala) का किरदार पहले के विपरीत दूसरे पार्ट में कुछ बेहतर ढंग से निखरकर आया है. वह अपनी मौजूदगी दर्ज कराती हैं. तिलोत्तमा शोम (Tillotama Shome) इन सबके बीच बाजी मार ले जाती हैं. एक प्रेग्नेंट महिला और अपने फर्ज को निभाती ऑफिसर के रूप में उनका अभिनय सबसे अलग निखरकर आता है. वहीं प्रशांत नारायण चुनिंदा दृश्यों में दिखते हुए भी असर छोड़ते हैं. निर्देशन अच्छा है. राइटिंग जरूर कुछ और बेहतर हो सकती थी. कैमरावर्क और लोकेशन सीरीज को सुंदर बनाने में मदद करते हैं. अगर आपने द नाइट मैनेजर का पहला पार्ट देखा हो, तो दूसरा निश्चित ही देख लें. अच्छा लगेगा.
निर्देशकः संदीप मोदी और प्रियंका घोष
सितारे : आदित्य रॉय कपूर, अनिल कपूर, शोभिता धूलीपाला, तिलोत्तमा शोम, प्रशांत नारायणन, शाश्वत चटर्जी, जगदीश राजपुरोहित
रेटिंग***1/2