फिल्म 'आर्टिकल 15' को अनुभव सिन्हा ने डायरेक्ट किया है जिसमें समाज में फैले जात-पात के विष को दिखाया जाएगा. 'आर्टिकल 15' का ट्रेलर आज रिलीज कर दिया गया है.
Trending Photos
नई दिल्ली : बॉलीवुड हमेशा से सामाजिक कुरीतियों पर फिल्मों का निर्माण करते आया है. कभी महिला अधिकारों पर तो कभी बच्चों के शोषण पर तो कभी सिस्टम में मौजूद भ्रष्टाचार पर. ऐसी एक फिल्म 'आर्टिकल 15' को अनुभव सिन्हा ने डायरेक्ट किया है जिसमें समाज में फैले जात-पात के विष को दिखाया जाएगा. 'आर्टिकल 15' का ट्रेलर आज रिलीज कर दिया गया है जिसे देखकर आप रो पड़ेंगे. ऊंची-नीची जाति के नाम पर सदियों से लोगों पर अत्याचार किए गए हैं और उसका सबसे ज्यादा खामियाजा औरतों को भुगतना पड़ा है.
आयुष्मान खुराना ने अपने ट्विटर हैंडल पर 'आर्टिकल 15' के ट्रेलर को पोस्ट किया है. फिल्म की कहानी 2014 में बदायूं गैंगरेप पर आधारित है. बता दें कि इस गैंगरेप की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था.
इस सच्ची घटना पर आधारित है 'आर्टिकल 15' की कहानी! मेकर ने किया बड़ा खुलासा
Let's be Indians: Firstly and Lastly
Presenting #Article15Trailerhttps://t.co/HQcLsngarZ #Article15 in cinemas on June 28th @anubhavsinha #ManojPahwa #IshaTalwar @sayanigupta @Mdzeeshanayyub #KumudMishra @ZeeStudios_ @ZeeMusicCompany pic.twitter.com/BIH9FSD4fF
— Ayushmann Khurrana (@ayushmannk) May 30, 2019
ट्रेलर की शुरुआत देश के संविधान के 'आर्टिकल 15' की कुछ पंक्तियों को पढ़कर होती है कि देश में समता का अधिकार लिखा तो गया है लेकिन आज तक वो मिला नहीं है. इसके बाद शुरू होता है दो लड़कियों के मर्डर और गैंगरेप की तहकीकात का सिलसिला. आयुष्मान खुराना इसमें आईपीएस अधिकारी की भूमिका में नजर आ रहे हैं. फिल्म का ट्रेलर देखकर आप इस बात का अंदाजा शायद लगा पाएंगे कि भले ही हम 21वीं सदी में रहने का दावा करते हैं लेकिन हमारी सोच आज भी जात-पात के दलदल में फंसी हुई है.
बता दें कि साल 2014 में उत्तर प्रदेश का बदायूं उस समय खबरों में आ गया था जब दो लड़कियों की लाश पेड़ से लटकी पाई गई थी. 14 और 15 साल की दो चचेरी बहनें 27 मई 2014 की रात अपने घर से लापता हो गई थीं. उनके शव अगले दिन उशैत इलाके के गांव में एक पेड़ से लटकते पाये गये थे. कटरा सादतगंज गांव में दो दलित लड़कियों के साथ हुए इस जघन्य अपराध के पीछे ऊंची-नीची जात का मामला था जिसमें पीड़ितों के गांव के ही ऊंची जाति के पांच लड़कों पर आरोप लगाया था. गांववालों ने इस मामले में पुलिस और (सपा) सरकार के खिलाफ खूब विरोध प्रदर्शन किया था. इस केस में कुल पांच लोगों को रेप और मर्डर के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इनमें से तीन गांव के लड़कों के साथ दो पुलिस कॉन्स्टेबल भी थे.