Vijay Varma: विजय वर्मा ने अपने हालिया इंटव्यू में फिल्म 'गली बॉय' को खुद की पहचान बनाने का श्रेय दिया है. विजय वर्मा ने बताया है कि 'गली बॉय' पहले लोग ना तो उनका नाम ही जानना चाहते थे और मेरा चेहरा नहीं देखना चाहते थे. उन्हें कोई परवाह नहीं थी कि मैं कौन हूं.
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Vijay Varma: फिल्म इंडस्ट्री और ओटीटी की दुनिया में विजय वर्मा अब एक जाना-पहचाना नाम बन गया है. 'गली बॉय', 'डार्लिंग्स', 'जानेजान', 'दहाड़' जैसी शानदार फिल्में और वेब सीरीज करने वाले विजय वर्मा 2008 से एंटरटेंमेंट इंडस्ट्री में संघर्ष कर रहे हैं. 2008 में 'शोर' नाम की शार्ट फिल्म से विजय वर्मा ने एक्टिंग करियर की शुरुआत की. इसके बाद उन्होंने 'रंगरेज', 'गैंग्स ऑफ घोस्ट्स', 'पिंक', 'मानसून शूटआउट', 'मंटो', जैसी कई फिल्मों में छोटे-छोटे रोल किए, लेकिन पहचान नहीं बना पाए. 2019 में आई 'गली बॉय' (Gully Boy) में विजय वर्मा ने मोईन का छोटा सा किरदार निभाया और दुनिया की नजरों में आ गए. विजय वर्मा खुद भी 'गली बॉय' को अपनी पहचान बनाने का श्रेय देते हैं.
विजय वर्मा (Vijay Varma) में बॉम्बे टाइम्स को दिए इंटरव्यू में अपने संघर्ष, फिल्मी दुनिया के बाहर का होने के नुकसान, एक्टिंग स्कूल और रिजेक्शन को लेकर कई सारे बातें शेयर कीं. मारवाड़ी परिवार से ताल्लुक रखने वाले विजय वर्मा का जन्म और पालन पोषण हैदराबाद में हुआ. विजय का पूरा परिवार बिजनेस की फील्ड में है. विजय वर्मा ने इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने 'गली बॉय' से पहले खूब सारे ट्रायल दिए और इंतजार किया.
'जीत की तुलना में बहुत सारी हारें थीं'
उन्होंने कहा, ''मुझे किसी चीज के लिए कास्ट किया गया था, लेकिन वह चल नहीं पाई. एक फिल्म की, लेकिन वह रिलीज नहीं हुई, जीत की तुलना में बहुत सारी हारें थीं. यह 7-8 साल का कठिन इंतजार था. 'गली बॉय' से ठीक पहले मैं अपने सबसे निचले स्तर पर था, क्योंकि मैं कुछ फिल्मों की रिलीज का इंतजार कर रहा था. आखिरकार वह रिलीज हुईं, लेकिन उन्होंने मेरे लिए कुछ नहीं किया. उन पर किसी का ध्यान नहीं गया. मुझे लगा कि फिल्म इंडस्ट्री में मेरे लिए कोई मौका नहीं है.''
'मेरे नाम की सिफारिश करने और मुझे जानने में ही एक दशक लग गया'
विजय वर्मा ने आगे कहा, ''जब गली बॉय की कास्टिंग हुई, तो मैं यह सोचकर परेशान हो गया कि अगर मैंने यह फिल्म कर भी ली, तो भी कोई मुझे नोटिस नहीं करेगा. मुझे किसी की ओर न देखे जाने की आदत हो गई थी. इसमें (मोईन) मेरी एक छोटी सी भूमिका थी और मेरी किस्मत की, इसने मेरे लिए चमत्कार किया. इसने मेरे करियर की दिशा बदल दी. उससे पहले लोग मेरा नाम नहीं जानना चाहते थे या मेरा चेहरा नहीं देखना चाहते थे. उन्हें कोई परवाह नहीं थी. कास्टिंग निर्देशकों द्वारा किसी को मेरे नाम की सिफारिश करने और किसी को मेरे बारे में जानने में ही एक दशक लग गया. इसके विपरीत, जो लोग फिल्मी परिवारों से ताल्लुक रखते हैं, उन्हें हर कोई पहले से ही जानता है और यह एक बड़ा फायदा है.''