Bollywood Legend: बढ़िया परफॉरमेंस पर भी नहीं मिले अवार्ड तो टूटा एक्ट्रेस का दिल, बॉलीवुड छोड़ विदेश में बसा लिया घर
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Bollywood Legend: बढ़िया परफॉरमेंस पर भी नहीं मिले अवार्ड तो टूटा एक्ट्रेस का दिल, बॉलीवुड छोड़ विदेश में बसा लिया घर

Meenakshi Seshadri Films: पुरस्कार कलाकार के लिए जरूरी हैं. वे हौसला बढ़ाते हैं और बेहतर काम के लिए प्रेरित करते हैं. लेकिन पुरस्कारों में राजनीति भी होती है. इसका खामियाजा वे भुगतते हैं, जो रेस में शामिल नहीं होते. कभी कभी कलाकार इतने दुखी होते हैं कि वह कला की दुनिया से ही दूर चले जाते हैं.

 

Bollywood Legend: बढ़िया परफॉरमेंस पर भी नहीं मिले अवार्ड तो टूटा एक्ट्रेस का दिल, बॉलीवुड छोड़ विदेश में बसा लिया घर

Sunny Deol Films: 1993 में आई निर्देशक राजकुमार संतोषी की फिल्म दामिनी को आज भी याद किया जाता है. लेकिन बात अक्सर सनी देओल के परफॉरमेंस से शुरू होती है और उस पर ही खत्म हो जाती है. जबकि फिल्म की लीड एक्ट्रेस मीनाक्षी शेषाद्री इस कहानी में वह लड़ाई लड़ती हैं, जो रेप की शिकार लड़की को न्याय दिलाती है. मीनाक्षी ने फिल्म में शानदार काम किया था परंतु सच यही है कि चारों तरफ प्रशंसा के बावजूद उनके खाते में कोई बड़ा अवार्ड नहीं आया था. कहा जाता है कि पुरस्कारों की राजनीति से मीनाक्षी इतनी आहत हुई थीं कि उन्होंने बॉलीवुड छोड़ने का मन बना लिया और देखते-देखते शादी करके वह अमेरिका चले गईं. हालांकि लंबे समय बाद अब वह लौट आई हैं.

संगीन मामला रेप का
दामिनी में सनी देओल ने गोविंद नाम के ऐसे वकील का रोल निभाया था, जो शराब पीकर बर्बाद हो रहा है. उसे न अपनी जिंदगी की फिक्र है और न वकालत की. लेकिन तभी इंटरवेल पॉइंस पर उसकी मुलाकात दामिनी से होती है जो पागलखाने से भागकर आई है. ससुराल वाले लोग उसे अदालत में पागल करार देते हैं क्योंकि दामिनी अपने देवर और उसके दोस्तों पर घर की नौकरानी से रेप के आरोप लगाती है. उसने खुद यह अपनी आंखों से देखा है. गोविंद दामिनी पर विश्वास करता है और अदालत में केस को फिर से खुलवाता है. दामिनी का पति, शेखर भी उसके साथ खड़ा होता है. यह रोल ऋषि कपूर ने निभाया था. अंत में दामिनी, गोविंद और शेखर मिलकर दोषियों को सजा दिलाते हैं.

प्रशंसा एक्ट्रेस की, अवार्ड दूसरों को
दामिनी की खूब प्रशंसा हुई थी और 39वें फिल्मफेयर अवार्ड्स में इसे सात नामांकन मिले थे, जिनमें बेस्ट एक्ट्रेस भी शामिल था. परंतु अवार्ड घोषित हुए तो चार ही फिल्म के हिस्से आए. बेस्ट डायरेक्टर (राजकुमार संतोषी), बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर (सनी देओल), बेस्टर स्टोरी (शांतनु गुप्ता) और बेस्ट साउंट (राकेश रंजन). मीनाक्षी आहत हुईं परंतु उन्होंने धैर्य रखा. मगर कहा जाता है कि जब 40वें नेशनल अवार्ड में की लिस्ट में मीनाक्षी का नाम नहीं आया, तो उन्होंने बॉलीवुड छोड़ने का फैसला किया. 40वें नेशनल अवार्ड में सनी देओल को बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का अवार्ड मिला, जबकि डिंपल कपाड़िया को उस साल रुदाली के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का पुरस्कार दिया गया. 1983 से 1993 तक हर साल औसतन आधा दर्जन फिल्में करने वाली मीनाक्षी ने दामिनी के बाद फिल्में साइन करना बंद कर दीं. दामिनी के बाद उन्होंने सिर्फ एक फिल्म की, सनी देओल के साथ घातक. जो 1996 में आई. परंतु मीनाक्षी ने इसकी रिलीज से पहले 1995 में एक इन्वेस्ट बैंकर से शादी करके अमेरिका में बसने का फैसला कर लिया. शादी के बाद वह वर्षों तक नजर नहीं आईं.

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