Bollywood Retro: 70-80 के दशक के टॉप स्टार्स में शुमार संजीव कुमार ने 47 साल की उम्र में ही दुनिया को अलविदा कह दिया था. हालांकि, उनकी मौत भी उनके दादा, पिता और भाइयों की तरह एक मिस्ट्री बनकर रह गई, लेकिन बताया जाता है कि उनको ये आभास होने लगा था कि 50 साल से पहले ही उनकी मौत हो जाएगी.
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Sanjeev Kumar Death Mystery: 'अर्जुन पंडित', 'शोले', 'आंधी', 'त्रिशूल', 'दस्तक', 'अंगूर' और 'शिकार' जैसी बेहतरीन फिल्मों में अपने दमदार अभिनय का लोहा मनवाने वाले संजीव कुमार की गिनती आज भी 70-80 के दशक के टॉप स्टार्स में की जाती है. आज भले ही वो हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें आज भी उनके फैंस के दिलों में जिंदा हैं. संजीव कुमार ने अपने करियर की शुरुआत 1965 में बनी फिल्म 'निशान' से की थी. इसके बाद वो कई फिल्मों में नजर आए.
संजीव कुमार ने अपने करियर में दर्जनों फिल्मों में काम किया. हालांकि, एक्टर ने महज 47 साल की उम्र में ही दुनिया को अलविदा कह दिया था. हालांकि, उनकी मौत भी उनके दादा, पिता और भाइयों की तरह एक मिस्ट्री बनकर रह गई, लेकिन बताया जाता है कि उनको ये आभास होने लगा था कि 50 साल से पहले ही उनकी मौत हो जाएगी और इसी डर की वजह से उनकी कभी शादी भी नहीं की थी. संजीव कुमार का निधन साल 1985 में हार्ट अटैक से हुआ था.
संजीव को होता उनकी मौत का आभास
इतना ही नहीं, संजीव कुमार ने अपने एक इंटरव्यू के दौरान इस बात का खुलासा किया कि वो कभी बूढ़े नहीं होंगे. दरअसल, संजीव कई फिल्मों में बूढ़े आदमी का किरदार निभा चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक बार एक्ट्रेस तबस्सुम ने उनसे पूछा था कि इतने जवान होने के बावजूद आप बूढ़े आदमी के रोल क्यों निभाते हैं? और संजीव ने जवाब देते हुए कहा था, 'मैं कभी बूढ़ा होने वाली नहीं, क्योंकि मैं भी अपने परिवार के ज्यादातर आदमियों की तरह 50 की उम्र से पहले ही मर जाऊंगा'.
सभी का निधन हार्ट अटैक से हुआ था
राइट हनीफ जावेरी ने अपने किताब ‘एन एक्टर्स एक्टर: दि ऑथराइस्ड बायोग्राफी ऑफ संजीव कुमार’ में उनकी और उनके परिवार के आदमियों की मौत के बारे में बताया है कि एक्टर के दादा शिवलाल जरीवाला, पिता जेठालाल जरीवाला, भाई किशोर जरीवाला और निकुल जरीवाला की मौत भी 50 साल से कम उम्र हो गई थी. हैरानी की बात ये है कि सभी का निधन हार्ट अटैक से हुआ था. बता दें, संजीव कुमार का असली नाम हरिहर जेठालाल जरीवाला था और सब उनको प्यार से हरीभाई बुलाते थे.