Mughal E Azam Unknown Facts: 1960 में रिलीज मुगल ए आजम हिंदी सिनेमा की आइकॉनिक मूवी है. जिसे बनाने में पूरे 16 साल लगे. इस फिल्म से जुड़े ढेरों किस्से हैं जिनमें से एक हम आपको सुनाने जा रहे हैं.
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Mughal E Azam Movie: हिंदी सिनेमा को सौ साल से भी ज्यादा हो चुके हैं. यानि एक सदी से भी ज्यादा. इन सौ सालों में कितनी ही यादगार और बेहतरीन फिल्में बनीं जिनमें से एक थी मुगल ए आजम (Mughal E Azam). 1960 में रिलीज ये फिल्म हिंदी की सबसे आइकॉनिक फिल्मों में से एक है. जिसे बनाने में भी एक लंबा अरसा लगा था. कुल 16 सालों में बनकर तैयार हुई थी ये फिल्म. लेकिन जब रिलीज हुई तो ऐसी छाप छोड़ी कि आज भी इसका नाम लेते ही मधुबाला (Madhubala) की खूबसूरती और दिलीप साहब (Dilip Kumar) की अविस्मरणीय अदाकारी आंखों के आगे ताजा हो जाती है.
तीन भाषाओं में रिलीज हुई थी फिल्म
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो ये भी एक वजह थी फिल्म को बनने में इतना समय लगने के पीछे. दरअसल, कहा जाता है कि फिल्म के हर सीन को तीन अलग-अलग भाषाओं में शूट किया जाता था. पहले हिंदी और फिर अंग्रेजी व तमिल. इसलिए हर सीन में ज्यादा समय लगता था और मेहनत भी. जब फिल्म बनकर तैयार हुई तो इसे हिंदी के अलावा इंग्लिश और तमिल में भी रिलीज किया गया था. कहा जाता है कि हिंदी और अंग्रेजी के अलावा फिल्म किसी भी भाषा में पसंद नहीं की गई. 1961 में तेलुगू में डबिंग के बाद फिल्म को अकबर नाम से रिलीज किया गया था लेकिन वो भी नहीं चली.
पहले ब्लैक एंड व्हाइट थी फिल्म
वैसे आपको बता दें कि मुगल ए आजम ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म ही थी. दिलीप कुमार सलीम के किरदार में थे तो अनारकली का रोल निभाया था मधुबाला ने. कहा जाता है कि इस फिल्म की शूटिंग के दौरान ही इनकी मोहब्बत परवान चढ़ी और खत्म भी हो गई. दिलीप कुमार मधुबाला के प्यार में गिरफ्त थे और उनसे शादी करना चाहते थे लेकिन ये रिश्ता मुकम्मत नहीं हो सका.
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