#MeToo: जब लता मंगेशकर ने इस शख्स को दी थी टुकड़ों में काटने की धमकी
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#MeToo: जब लता मंगेशकर ने इस शख्स को दी थी टुकड़ों में काटने की धमकी

 #MeToo की लहर के बीच लता मंगेशकर ने कहा कि उनके साथ कोई भी खराब व्यवहार करने वाला बच नहीं सकता था.

लता मंगेशकर ने कहा कि हर महिला की गरिमा का सम्मान होना चाहिए जिसकी वो अधिकारी है. (फाइल फोटो)

मुंबई: महान गायिका लता मंगेशकर का मानना है कि हर महिला की गरिमा का सम्मान होना चाहिए जिसकी वो अधिकारी है. भारत में यौन शोषण के खिलाफ 'मी टू' की लहर के बीच उन्होंने कहा कि उनके साथ कोई भी खराब व्यवहार करने वाला बच नहीं सकता था.

अपनी बहन मीना की जीवनी 'मोती तिची सावली' में उनके बारे में हुए कई खुलासों पर लता ने कहा, "मुझे मेरी बहन से बेहतर कौन जान सकता है? वह लगभग मेरे जन्म से ही मेरी जिंदगी का हिस्सा है. मीना की बेटी रचना मेरे बेहद करीब है और कई कार्यक्रमों में मेरे साथ जा चुकी है. वह मेरी जीवनी का अंग्रेजी संस्करण तैयार कर रही है जो जल्द ही आएगा."

उन्होंने कहा, "यह हिंदी में भी आएगी. हम हिंदी संस्करण के लिए (पत्रकार) अंबरीश मिश्रा के नाम पर विचार कर रहे हैं. मैं किताब को अपने ज्यादा से ज्यादा प्रशंसकों, शुभचिंतकों और समर्थकों के बीच देखना चाहती हूं."

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मीना की किताब में इस बात का जिक्र है कि एक बार लता ने गीतकार नकशाब जार्चवी को टुकड़ों में काटने की धमकी दी थी. इस सवाल पर सुर साम्राज्ञी ने हंसते हुए कहा, "एकदम से ऐसा नहीं था. वो बेचारे अब रहे नहीं. वह अपने और मेरे बारे में अफवाहें फैला रहे थे जिनमें कोई सच्चाई नहीं थी. मैंने उनसे इसका विरोध किया. युवावस्था में मैं गुस्सैल थी. मुझसे उलझने वाला बचकर नहीं जा सकता था."

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लता मंगेशकर अपनी बहनों आशा, ऊषा, मीना और भाई हृदयनाथ के साथ.

मी टू अभियान के बारे में उन्होंने कहा, "मुझे वास्तव में लगता है कि एक कामकाजी महिला को गरिमा, सम्मान और स्पेस देना चाहिए जिसकी वह अधिकारी है. अगर कोई इसमें जबरदस्ती हस्तक्षेप करने का प्रयास करता है तो उसे सीख जरूर मिलनी चाहिए."

बायोग्राफी से खुश नहीं हूं
अपने ऊपर लिखी किताबों पर उन्होंने कहा, "मैं अपने ऊपर लिखी किसी भी किताब से खुश नहीं हूं. इनके लेखकों ने मुझसे पूछा तक नहीं कि क्या वे मुझ पर किताब लिख सकते हैं. उन्होंने तथ्यों को जांचे बिना, उनकी पुष्टीकरण के बिना सब अपने मन से लिखा. इनमें कुछ किताबें काफी अपमानजनक हैं और यहां तक कि हमने उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के बारे में भी सोचा."

यह पूछने पर कि क्या जीवनियों में पूरी सच्चाई बता पाना संभव है, सदाबहार गायिका ने कहा, "वास्तव में नहीं. पूरा सच संभव नहीं है क्योंकि इसमें अन्य लोग और उनके परिवार भी शामिल होते हैं. यह भी देखना होता है कि आपके आस-पास के लोगों की भावनाएं भी आहत हो सकती हैं."

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इंदिरा गांधी के साथ लता मंगेशकर.

सिनेमा में महान जीवनियां कम हैं
खुद उनके द्वारा, अमिताभ बच्चन और दिलीप कुमार जैसे दिग्गजों द्वारा अपनी आत्मकथा नहीं लिखने के पीछे क्या यही कारण है, इस सवाल पर उन्होंने कहा, "शायद. लेकिन, इसका समाधान झूठ नहीं है. जरूरत संयम के साथ ईमानदारी की है. किसी की जिंदगी के किसी विशेष समय का खुलासा नहीं करना बेईमानी नहीं है. यह बुद्धिमानी है. लेकिन, आप सही हैं. हमारे सिनेमा के महान लोगों पर अच्छी जीवनियां कम हैं."

इन हस्तियों की को पढ़ना चाहेंगी
यह पूछने पर कि आप किन हस्तियों की ऑटोबायोग्राफी (आत्मकथाएं) देखना चाहेंगी, लता ने कहा, "ओह..कई लोग हैं..कुंदन लाल सहगल, दिलीप कुमार, मेरे पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर."

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लता मंगेशकर के साथ बॉलीवुड अदाकाराएं रानी मुखर्जी और हेमा मालिनी.

मीना और हेमा हैं पसंद
लता मंगेशकर एक बेहतरीन फोटोग्राफर भी हैं. यह पूछने पर कि वह किसकी तस्वीर लेना पसंद करेंगी, उन्होंने कहा कि पहले के समय में मीना कुमारी की और आज के समय में हेमा मालिनी की.
 
(इनपुट-आईएएनएस)

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