फिल्म समीक्षाः डराया भी और रोंगटे खड़े करने मे कामयाब रही फिल्म 'लुप्त '
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फिल्म समीक्षाः डराया भी और रोंगटे खड़े करने मे कामयाब रही फिल्म 'लुप्त '

फिल्म की कहानी की बात करें तो ये दिल्ली के एक राईस और एम्बीशियस बिजनेसमैन हर्ष टंडन ( जावेद जाफरी ) से शुरू होती है.

फिल्म समीक्षाः डराया भी और रोंगटे खड़े करने मे कामयाब रही फिल्म  'लुप्त '

मुंबईः बॉलीवुड में हॉरर मूवी अक्सर बॉक्स ऑफिस पर ज़्यादा कमाई नहीं कर पाती पर कुछ दिन पहले रिलीज़ हुई फिल्म स्त्री ने इस परसेप्शन को बदला है. फिल्म की कामयाबी ने मेंकर्स को नई सोच दी है. साथ ही ये भी सोचने को मज़बूर किया है कि अच्छा निर्देशन और कहानी हो तो हॉरर फिल्म भी कमाल कर सकती है. इसी कड़ी में अगले हफ्ते बड़े पर्दे पर रिलीज होगी फिल्म लुप्त. फिल्म की कहानी की बात करें तो ये दिल्ली के एक राईस और एम्बीशियस बिजनेसमैन हर्ष टंडन ( जावेद जाफरी ) से शुरू होती है जो अपनी कंपनी को बुलंदियों पर पहुंचाने की जद्दोजहद मेंं अपने परिवार को टाइम नहीं दे पाते हैं. उनकी बेटी तन्नू टंडन ( मीनाक्षी ) बेटा सैम टंडन ( ऋषब चड्ढा) मां शालिनी टंडन (निकी वालिया ) वकेशन प्लान करते है.

तन्नू टंडन ( मीनाक्षी ) इस वकेशन पर अपने बॉयफ्रेंड राहुल ( करन आनंद ) को भी ले जाना चाहती है और राहुल ( करन आनंद ) अपने प्यार के लिए तन्नू टंडन ( मीनाक्षी) को मना नहीं कर पता.  इस बीच हर्ष टंडन ( जावेद जाफरी ) को बीच-बीच मेंं किसी अदृश्य ताकत का एससस होता है जिससे वो डिस्टर्ब रहता है और अपनी फ्रेंड के डॉक्टर के सुझाव से वो भी परिवार के साथ वेकेशन के लिए राज़ी हो जाता है,

रास्ते में गाड़ी खराब होने पर परिवार की मुलाकात देव शुक्ला यानी विजय राज से होती है. देव शुक्ला हर्ष टण्डन ( जावेद जाफरी) के परिवार को अपने आउट हाउस में ले जाता है. और वहां एक के बाद एक हादसे से हर्ष टण्डन को अपना पूरा परिवार खोना पड़ता है.

फन एंटरटेनमेंंट के बैनर तले बनी फिल्म लुप्त एक हॉरर थ्रिलर है, इस फिल्म को रामगोपाल वर्मा के एसोसिएट रहे प्रभुराज ने लिखा और डायरेक्ट किया है. फिल्म के निर्माता है हनवंत खत्री और ललित किरी हैं. बैकग्राउंड म्यूजिक और साउंड हारर फिल्मों का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. लुप्त फिल्म मेंं इसकी पूरी झलक दिखाई देती है. साउंड डिजाइन और बैकग्राउंड म्यूजिक उम्दा क्लास का है. 

फिल्म मेंं और अच्छा करने की गुंजाइश हमेशा होती है जो इस फिल्म में लगी, लेकिन फिर भी ये फिल्म लोगों के रोंगटे खड़े करने में कामयाब हो सकती है और साथ ऐज ऑफ द एंटरटेनमेंंट भी देने का हुनर रखती है  फ़िल्म मेंं राहुल करण ने उम्दा अभिनय किया है,  देव शुक्ल( विजय राज) जो की वैसे ही माहिर खिलाड़ी है. अदाकारी में और हर्ष टण्डन के किरदार में जावेद जाफ़री ने चार चांद लगाए हैं और उनकी बेटी तनु टण्डन( मीनाक्षी)  बेटा सैम टण्डन( ऋषभ छेड़ा) मां शालिनी टण्डन ( निकी वालिया) सभी अपने किरदार के साथ न्याय करते नज़र आये है. 

संगीत
फ़िल्म मेंं सिचुएशन के हिसाब से गाना भी पूरी तरह से जस्टिफाई हुआ है जो कही भी उबाऊ नहीं लगता.

डायरेक्शन
प्रभुराज आडियंस को डराने मेंं सफल रहे हैं. हॉरर फिल्मों मेंं अक्सर देखा जाता है कि तांत्रिक और पुजारी बुरी आत्माओं से पीड़ित को छुटकारा दिलाते हैं. 'लुप्त' फिल्म के निर्देशक ने इसे अलग कहानी दी  है. तो अगले हफ्ते तैयार हो जाये बिग स्क्रीन पर थोड़ा डरने और एंटरटेनमेंंट के लिए.

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