42 साल का शख़्स जो पेशे से नाक, कान, गले का सर्जन है लेकिन अभिनय से प्यार है, फिर वह एक्टिंग को ही अपना पेशा बना ले, ऐसे थे श्रीराम लागू. उनके बचपन से ही एक्टिंग का शौक था. पढ़ाई में भी वह अच्छे थे. उन्होंने मेडिकल सब्जेक्ट को चुना, लेकिन वहां भी अभिनय साथ-साथ चलता रहा.
Trending Photos
नई दिल्ली : बॉलीवुड के वयोवृद्ध अभिनेता डॉ. श्रीराम लागू (Shriram Lagoo) का मंगलवार की देर शाम एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. वह 92 वर्ष के थे. उन्होंने दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में अंतिम सांस ली. श्रीराम लागू के निधन पर ऋषि कपूर ने लिखा- श्रद्धांजलि, सहज कलाकारों में शामिल डॉ. श्रीराम लागू हमें छोड़कर चले गए. उन्होंने कई फिल्में कीं, लेकिन दुर्भाग्यवश पिछले 25-30 सालों में उनके साथ काम करने का मौका नहीं मिला. वो पुणे में रिटायर्ड जीवन बिता रहे थे. डॉ. साहब आपको बहुत प्यार.
R I P. One of the most natural spontaneous actors, Dr. Shreeram Lagoo sahab leaves us. Did several films way back. Unfortunately never got to work with him in the past 25/30 years. He had a retired life in Pune. Love you Dr. Sahab. pic.twitter.com/H8mESIX1kv
— Rishi Kapoor (@chintskap) December 17, 2019
ऐसा सर्जन जो 42 की उम्र में बना अभिनेता
42 साल का शख़्स जो पेशे से नाक, कान, गले का सर्जन है लेकिन अभिनय से प्यार है, फिर वह एक्टिंग को ही अपना पेशा बना ले, ऐसे थे श्रीराम लागू. उनके बचपन से ही एक्टिंग का शौक था. पढ़ाई में भी वह अच्छे थे. उन्होंने मेडिकल सब्जेक्ट को चुना, लेकिन वहां भी अभिनय साथ-साथ चलता रहा. उन्होंने फिल्मों के अलावा 20 मराठी नाटकों का निर्देशन भी किया है. 80 और 90 के दशक में डॉ. लागू फ़िल्मों में एक जाना-पहचाना चेहरा बन चुके थे. श्रीराम लागू ने अपने फिल्मी करियर में 100 से ज्यादा हिंदी और 40 से ज्यादा मराठी फिल्मों में काम किया।
नसरुद्दीन ने कही थी ये बड़ी बात
अभिनेता नसरुद्दीन शाह ने एक बार कहा था कि श्रीराम लागू की आत्मकथा 'लमाण' किसी भी अभिनेता के लिए 'बाइबल' की तरह है.
'घरौंदा' फिल्म के लिए मिला था अवार्ड
श्रीराम लागू को 1978 में हिंदी फिल्म 'घरौंदा' के लिए फिल्मफेयर बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के अवॉर्ड से नवाजा गया. इस फिल्म में उन्होंने एक उम्रदराज बॉस का किरदार निभाया जो अपने ऑफिस में काम करने वाली युवा लड़की (जरीना वहाब) से शादी करता है. जरीना वहाब इस फिल्म में अमोल पालेकर से प्यार करती हैं, लेकिन अमोल पैसे के लालच में जरीना को उम्रदराज व्यक्ति से शादी करने लिए मजबूर करता है. फिल्म में धीरे-धीरे जरीना को उस व्यक्ति से प्यार हो जाता है. उम्रदराज मर्द और युवा कन्या का प्रेम नेगेटिव दिख सकता था, लेकिन श्रीराम लागू ने इसे बहुत सहजता से निभाया था. इसके साथ ही उन्होंने 'मुक़दर का सिंकदर', 'सौतन' और 'लवारिस' जैसी कई बड़ी फिल्मों में काम किया.
नटसम्राट नाटक के कारण पड़ा था दिल का दौरा
नटसम्राट नाटक में उन्होंने गणपत बेलवलकर का रोल निभाया, जो बहुत कठिन माना जाता है. इस रोल को जिसने भी थिएटर एक्टर ने निभाया वह बीमार पड़ गया. डॉ लागू को भी इस रोल के बाद दिल का दौरा पड़ा था.