कादर खान के बेटे के कमेंट पर गोविंदा ने दिया रिएक्शन, कहा- 'अभी वह बच्चा है...'
कादर खान के बेटे सरफराज गोविंदा के उस पोस्ट पर भड़क गए थे, जिसमें उन्होंने कादर खान को पिता तुल्य बताते हुए उनके निधन पर दुख जताया था. सरफराज का कहना था कि गोंविदा ने पिता की मौत के बाद कभी उनके परिवार से संपर्क नहीं किया.
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नई दिल्ली: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और लेखक कादर खान का 31 दिसंबर को कनाडा में निधन हो गया. उनके जाने के खबर के बाद बॉलीवुड में मातम पसर गया था. हर कोई इस दिग्गज कलाकार को खो देने पर दुखी था. ऐसे में कादर खान के साथ कई फिल्मों में नजर आ चुके गोंविदा ने भी उनके जाने पर दुख जताते हुए उन्हें अपने पिता के समान बताया था. लेकिन कादर खान के बेटे सरफराज गोविंदा के इस पोस्ट पर भड़क गए थे. सरफराज का कहना था कि गोंविदा ने पिता की मौत के बाद कभी उनके परिवार से संपर्क नहीं किया. अब गोविंदा ने सरफराज के कमेंट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
एक हिंदी न्यूज वेबसाइट को दिए अपने इंटरव्यू में गोविंदा ने कहा, 'वो बच्चा है. और मुझे ऐसा लगता है कि मैं उसपर कमेंट नहीं दूंगा. वह बच्चा है और मुझे पता लगा उसके कमेंट के बारे में.' दरअसल गोंविदा ने कादर खान के निधन के बाद इंस्टाग्राम पर शोक जताते हुए लिखा कि कादर खान सिर्फ मेरे उस्ताद नहीं थे बल्कि वो मेरे पिता समान थे. उनके साथ काम करने वाला हर एक्टर स्टार बन जाता था. मेरे साथ ही पूरी फिल्म इंडस्ट्री उनके जाने से दुखी है और उसे शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है. मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं.
गोविंदा के शोक पर भड़के थे सरफराज
गोविंदा के इस पोस्ट से नाराज सरफराज ने कहा कि भारतीय फिल्म जगत का तरीका ही यही बन गया है. यह कई कैंपों और वफादारों में बंट गया है. बाहरी होने की सोचवाले लोग मदद नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि मेरे पिता ने हमें (अपने बेटों को) बताया था कि किसी से किसी भी चीज की उम्मीद मत करो और हम इसी विश्वास के साथ बड़े हुए कि जीवन में जिसकी जरूरत है उसके लिए काम करना चाहिए और बदले में किसी भी चीज की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. सरफराज ने उदासी भरी हंसी के साथ कहा कि कृपया गोविंदा से पूछिए कि उन्होंने कितनी बार अपने पिता समान व्यक्ति के स्वास्थ्य के बारे में पूछा. क्या उन्होंने मेरे पिता के गुजरने के बाद एक बार भी फोन करने की जहमत उठाई?
सरफराज ने आगे कहा कि यहां भारतीय सिनेमा में योगदान देने वालों के लिए कोई वास्तविक भावनाएं नहीं हैं, विशेषकर जब वे उसमें सक्रिय नहीं रहते हैं. बड़े-बड़े सितारे इन दिग्गज हस्तियों के साथ फोटो खिंचवाते नजर आते हैं, लेकिन वह जुड़ाव सिर्फ तस्वीरों तक ही सीमित है. देखिए, किन हालात में ललिता पवार जी और मोहन चोटी जी का निधन हुआ. सरफराज ने कहा ने कहा कि उन्हें इस बात का बहुत ज्यादा दुख हुआ, जब उनके अब्बा के इंतकाल के बाद भी फिल्म जगत के बहुत से लोगों ने कनाडा में उनके किसी बेटे को फोन करने तक की जहमत नहीं उठाई.