गुलजार ने जया बच्चन के काम के सराहा, बोले- 'चिल्ड्रन फिल्म सोसायटी में उनका कार्यकाल सबसे बढ़िया'
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गुलजार ने जया बच्चन के काम के सराहा, बोले- 'चिल्ड्रन फिल्म सोसायटी में उनका कार्यकाल सबसे बढ़िया'

 गुलजार साहब अक्सर बच्चों से जुड़ी फिल्में, कहानियों और किस्सों को आगे बढ़ाते रहते हैं.

(फोटो साभार- Sonal Singh)

मुंबई : चिल्ड्रन फिल्म सोसायटी ऑफ इंडिया और कराड़ी टेल्स मिलकर गोपी गवैया बाजू बजाइआ फिल्म लेकर आ रहे हैं. उसका ट्रेलर लॉन्च मुंबई में किया गया. गुलजार साहब जो कि अक्सर बच्चों से जुड़ी फिल्में, कहानियों और किस्सों को आगे बढ़ाते रहते हैं. उन्होंने इस ट्रेलर को रिलीज किया. देश में बच्चों और उनके एंटरटेनमेंट के लिए मौजूदा साधनों की बात करते हुए कहा कि किस तरह कम फंडिंग की वजह से देश में बच्चों के लिए कम फिल्में बनती हैं और अगर बनती भी है तो थिएटर तक क्यों नहीं पहुंच पाती हैं. गुलजार ने ऐसे कई सवाल इस कार्यक्रम में उठाएं.

मीडिया से बात करते हुए गुलजार साहब ने बताया कि अब तक पिछले तकरीबन 55 वर्षों से चिल्ड्रन फिल्म सोसायटी ऑफ इंडिया काम कर रही है लेकिन जो उन्हें समझ आता है जया भादुड़ी यानी जया बच्चन का कार्यकाल सबसे बेहतरीन था. उनके कार्यकाल में हर संडे को बच्चों के लिए प्रोग्राम किए जाते थे. चिल्ड्रन फिल्म सोसायटी ऑफ इंडिया ने पूरी तरह से इंडिपेंडेंट होकर काम किया था. जया के काम की तारीफ करते हुए गुलजार ने यह भी कहा कि उनके कार्यकाल में चिल्ड्रन फिल्म सोसायटी ऑफ इंडिया इंडिपेंडेंट ने बच्चों के लिए स्पेशल शो और स्पेशल टाइम स्लॉट भी बनाए गए थे. 

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चिल्ड्रन फिल्म सोसायटी ऑफ इंडिया में जया बच्चन जी का कार्यकाल 1991 से लेकर 1997 तक रहा. जिसके दौरान कई सारी कार्टून एनिमेटेड फ़िल्में, स्पेशल शोज  और स्पेशल संडे बच्चों के लिए डेडीकेटेड होते थे. 

गुलज़ार साहब ने कहा कि देश में सबसे बड़ा सवाल यही है कि बच्चों के लिए पहली बात तो फिल्में बनती नहीं और जब चिल्ड्रन फिल्म सोसायटी द्वारा काफी कोशिश कर अच्छी फिल्में बनाई जाती है तो उन्हें रिलीज करने के लिए थिएटर नहीं मिलते. इसकी वजह उन्होंने कमर्शियल समाज को बताया, जिस तरह से सारी चीजें कमर्शियल हो गई हैं. प्रोड्यूसर, डिस्ट्रीब्यूटर और थियेटर ऑनर्स कमर्शियल बेनिफिट को ध्यान में रखते हुए बच्चों पर आधारित फिल्मों को रिलीज ही नहीं कर पाते. यही वजह है कि कुछ फेस्टिवल्स या फिर सरकारी खानापूर्ति को पूरी करने के लिए फिल्में दिखाई जाती हैं और लाइब्रेरी में पड़ी रहती हैं.

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गुलजार साहब ने अपने बचपन का जिक्र करते हुए बताया कि अब तक वह बच्चों पर आधारित अच्छी बढ़िया फिल्मों का इंतजार कर रहे हैं. ऐसे में थोड़ी राहत उन्हें इस बात की मिलती है कि कराड़ी टेल्स अभी भी कार्यरत है और बच्चों की कहानियां सभी माध्यमों से उन तक पहुंचाने की कोशिश में जुटा हुआ है. फिलहाल गुलजार साहब चिल्ड्रन फिल्म सोसायटी ऑफ इंडिया और करा डीटेल्स गोपी गवैया बाजू बजाइया फिल्म को लेकर आ रहे हैं, जो कि 1 मार्च को मुंबई में प्रदर्शित होनी है.

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